Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1C वन एवं वन्य प्राणी संसाधन

Bihar Board Class 10th Social Science Book Solutions सामाजिक विज्ञान Chapter 1C वन एवं वन्य प्राणी संसाधन – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1C वन एवं वन्य प्राणी संसाधन

वन एवं वन्य जीवों का महत्व Bihar Board Class 10 प्रश्न 1.
भारत में 2001 में कितने प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन का विस्तार है?
(क) 25
(ख) 19.27
(ग).20
(घ) 20.60
उत्तर-
(ख) 19.27

वन्य जीव संरक्षण प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 2.
वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार भारत में वन का विस्तार है।
(क) 20.60% भौगोलिक क्षेत्र में
(ख) 20.55% भौगोलिक क्षेत्र में
(ग) 20% भौगोलिक क्षेत्र में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) 20.55% भौगोलिक क्षेत्र में

वन एवं वन्य प्राणी संसाधन Bihar Board Class 10 प्रश्न 3.
बिहार में कितने प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन का फैलाव है ?
(क) 15
(ख) 20
(ग) 10
(घ) 5
उत्तर-
(घ) 5

Bihar Board Class 10 History Solution प्रश्न 4.
पूर्वोत्तर राज्यों के 188 आदिवासी जिलों में देश के कुल क्षेत्र का कितना प्रतिशत वन
(क) 75
(ख) 80.05
(ग) 90.03
(घ) 60.11
उत्तर-
(घ) 60.11

वन एवं वन्य जीव संसाधन Class 10 Important Questions Bihar Board प्रश्न 5.
किस राज्य में वन का सबसे अधिक विस्तार है ?
(क) केरल
(ख) कर्नाटक
(ग) मध्य प्रदेश
(घ) उत्तर प्रदेश
उत्तर-
(ग) मध्य प्रदेश

Social Science In Hindi Class 10 Bihar Board प्रश्न 6.
वन संरक्षण एवं प्रबंधन की दृष्टि से वनों को वर्गीकृत किया गया है
(क) 4 वर्गों में
(ख) 5 वर्गों में
(ग) 5 वर्गों में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) 5 वर्गों में

Bihar Board Solution Class 10 प्रश्न 7.
1951 से 1980 तक लगभग कितना वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र कृषि-भूमि में परिवर्तित हुआ?
(क) 30,000
(ख) 26,200
(ग) 25,200
(घ) 35,500
उत्तर-
(ख) 26,200

Bihar Board Solution Class 10 Social Science प्रश्न 8.
संविधान की धारा 21 का संबंध है
(क) वन्य जीवों तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण
(ख) मृदा संरक्षण
(ग) जल संसाधन संरक्षण
(घ) खनिज सम्पदा संरक्षण
उत्तर-
(क) वन्य जीवों तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण

वन एवं वन्य जीव संसाधन के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 10 प्रश्न 9.
एक ए ओ की वानिकी रिपोर्ट के अनुसार 1948 में विश्व में कितने हेक्टेयर भूमि पर वन का विस्तार था।
(क) 6 अरब हेक्टेयर
(ख) 4 अरब हेक्टेयर
(ग) 8 अरब हेक्टेयर में
(घ) 5 अरब हेक्टेयर में
उत्तर-
(ख) 4 अरब हेक्टेयर

Bihar Board Class 10th Social Science Solution प्रश्न 10.
प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण 1968 में कौन-सा कनवेंशन हुआ था?
(क) अफ्रीकी कनवेंशन
(ख) वेटलैंड्स कनवेंशन
(ग) विश्व आपदा कनवेंशन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) अफ्रीकी कनवेंशन

प्रश्न 11.
इनमें कौन-सा जीव है जो केवल भारत ही में पाया जाता है ?
(क) घड़ियाल
(ख) डॉलफिन
(ग) ह्वेल
(घ) कछुआ
उत्तर-
(ख) डॉलफिन

प्रश्न 12.
भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
(क) कबूतर
(ख) हंस
(ग) मयूर
(घ) तोता
उत्तर-
(ग) मयूर

प्रश्न 13.
मैंग्रोव्स का सबसे अधिक विस्तार है
(क) अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह के तटीय भाग में
(ख) सुन्दरवन में
(ग) पश्चिमी तटीय प्रदेश में
(घ) पूर्वोत्तर राज्य में
उत्तर-
(ख) सुन्दरवन में

प्रश्न 14.
टेक्सोल का उपयोग होता है
(क) मलेरिया में
(ख) एड्स में
(ग) कैंसर में
(घ) टी.बी. के लिए
उत्तर-
(ग) कैंसर में

प्रश्न 15.
‘चरक’ का संबंध किस देश से था?
(क) म्यनमार से
(ख) श्रीलंका से
(ग) भारत से
(घ) नेपाल से
उत्तर-
(ग) भारत से

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बिहार में वन सम्पदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
बिहार विभाजन के बाद वन विस्तार में बिहार राज्य दयनीय हो गयी है, क्योंकि वर्तमान बिहार में अधिकतर भूमि कृषि योग्य है। मात्र 6764.14 हेक्टेयर में वन क्षेत्र बच गया है। यह भोगोलिक क्षेत्र का मात्र 7.1 प्रतिशत है। बिहार के 38 जिलों में से 17 जिलों से वन क्षेत्र समाप्त हो गया है। पश्चिमी चम्पारण, मुंगेर, बांका, जमुई, नवादा, नालन्दा, गया, रोहतास, कैमूर और औरंगाबाद जिलों के वनों की स्थिति कुछ बेहतर है, जिसका कुल क्षेत्रफल 3700 वर्ग किमी है। शेष में अवक्रमित वनक्षेत्र है, वन के नाम पर केवल झाड़-झरमूट बच गए हैं।

प्रश्न 2.
वन विनाश के मुख्य कारकों को लिखें।
उत्तर-
वन विनाश के मुख्य कारक निम्न हैं-

कृषिगत भूमि का फैलाव
नदी घाटी परियोजनाओं के विकास के कारण
पशुचारण एवं ईंधन के लिए लकड़ियों का उपयोग
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार भारत के कई क्षेत्रों में वाणिज्य की दृष्टि से एकल वृक्षारोपण करने से पेड़ों की दूसरी जातियाँ नष्ट हो गयीं, जैसे सागवान के एकल रोपण से दक्षिण भारत में अन्य प्राकृतिक वन बर्बाद हो गए।
भोजन, सुरक्षा एवं आनन्द के लिए वन्य जीवों का शिकार भी वन विनाश का एक मुख्य कारक है।
प्रश्न 3.
वन के पर्यावरणीय महत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
वन एवं वन्य प्राणी मानव जीवन के प्रमुख हमसफर हैं। वन पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच जैसा है। यह केवल एक संसाधन ही नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण घटक है। यह जीवमंडल में सभी जीवों को संतुलित स्थिति में जीने के लिए अथवा संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान देता है क्योंकि सभी जीवों के लिए खाद्य ऊर्जा का प्रारंभिक स्रोत वनस्पति ही है।

प्रश्न 4.
वन्य-जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
वन्य जीवों के हास के चार प्रमुख कारक निम्न हैं

प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण यातायात की सुविधाओं में वृद्धि आदि कारणों से – जीवों के प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण हो रहा है जिससे वन्य जीवों की सामान्य वृद्धि प्रजनन क्षमता में कमी आ गई।
प्रदूषण जनित समस्या प्रदूषण के कारण वन्य जीवों का जीवन-चक्र प्रभावित हो रहा है।
आर्थिक लाभ- अनेक वन्य जीवों एवं उसके उत्पाद का उपयोग आर्थिक लाभ के लिए हो रहा है जिससे उनका दोहन हो रहा है।
सह विलुप्तता-जब एक जाति विलुप्त होती है तब उसपर आधारित दूसरी जातियाँ भी विलुप्त होने लगती हैं।
प्रश्न 5.
वन और वन्य जीवों के संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
सहयोगी रीति-रिवाजों का वन और वन्य जीवों के संरक्षण में काफी महत्वपूर्ण योगदान है। ग्रामीण लोग कई धार्मिक अनुष्ठानों में 100 से अधिक पादप प्रजातियों का प्रयोग करते हैं और इन पौधों को अपने खेतों में भी उगाते हैं।
आदिवासियों को अपने क्षेत्र में पाये जाने वाले पेड़-पौधों तथा वन्य जीवों से भावनात्मक एवं आत्मीय लगाव होता है। वे प्रजननकाल में मादा वन पशुओं का शिकार नहीं करते हैं। वन संसाधनों का उपयोग चक्रीय पद्धति से करते हैं। वन के खास क्षेत्रों को सुरक्षित रख उसमें प्रवेश नहीं करते हैं।

प्रश्न 6.
चिपको आन्दोलन.क्या है ?
उत्तर-
उत्तर प्रदेश टेहरी-गढ़वाल पर्वतीय जिले में सुन्दरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में अनपढ़ जनजातियों द्वारा 1972 में एक आन्दोलन शुरू हुआ, जिसे चिपको आन्दोलन कहा जाता है। इस आन्दोलन में स्थानीय लोग ठेकेदारों को हरे-भरे पौधों को काटते देख, उसे बचाने के लिए अपने आगोश में पौधों को घेर कर उसकी रक्षा करते हैं। इसे कई देशों में स्वीकारा गया।

प्रश्न 7.
कैंसर रोग के उपचार में वन का क्या योगदान है ?
उत्तर-
हिमालय यव (चीड़ के प्रकार का सदाबहार वृक्ष टेक्सस बेनकेटा एवं टी. ब्रव्ही फोलिया) एक औषधीय पौधा है जो हिमालय और अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पाया जाता .. है। चीड़ की छाल, पत्तियों, टहनियों और जड़ों से टैक्सोल नामक रसायन निकाला जाता है। इससे कैंसर रोधी औषधि बनायी जाती है। यह विश्व में सबसे अधिक बिकने वाली कैंसर औषधि है।

प्रश्न 8.
दस लुप्त होने वाली पशु-पक्षियों का नाम लिखिए।
उत्तर-
एशियाई चीता, गुलाबी सिर वाला बत्तख, डोडो, गिद्ध (भारत), थाईलैंसीन (आस्ट्रेलिया), ‘स्टीलर्स सीकाउ (रूस), शेर की तीन प्रजातियाँ (बाली, जावन एवं कास्पियन) (अफ्रिका), कस्तुरी मृग, चीतल इत्यादि।

प्रश्न 9.
वन्य जीवों के हास में प्रदूषण जनित समस्या पर अपना विचार स्पष्ट करें।
उत्तर-
पराबैंगनी किरणें, अम्ल वर्षा और हरितगृह प्रभाव प्रमुख प्रदूषक हैं जिन्होंने वन्य जीवों को काफी प्रभावित किया है। इसके अलावे वायु, जल एवं मृदा प्रदूषण के कारण वन एवं वन्य जीवों का जीवनचक्र गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। इससे इनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है। फलस्वरूप धीरे-धीरे वन्य जीवन संकटग्रस्त होते जाता है।

प्रश्न 10.
भारत के दो प्रमुख जैवमंडल क्षेत्र का नाम क्षेत्रफल एवं प्रान्तों का नाम बतावें।
उत्तर-

नीलगिरि -5520
वर्ग किमी – तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक।
मानस-2,837 वर्ग किमी – असम।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वन एवं वन्य जीवों के महत्व का विस्तार से वर्णन करें।
उत्तर-
वन एवं वन्य जीव हमारी धरा पर अमूल्य धरोहर हैं। ये मानव जीवन के प्रमुख हमसफर हैं। वन पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच हैं।
वन एवं वन्य जीवों के महत्व निम्नलिखित हैं

(i) प्राकृतिक संतुलन-वन एवं वन्य जीव प्राकृतिक संतुलन कायम रखने में मदद करते हैं। जैसे-आवास एवं अन्य कार्यों के लिए जंगल काटे जाने से अनेक पारिस्थितिक समस्याएँ उत्पन्न हुईं जैसे मृदा अपरदन, अनावृष्टि, अतिवृष्टि इत्यादि का सामना करना पड़ा।

(ii) आर्थिक महत्व-वन एवं वन्य जीवों से अनेक ऐसे उत्पाद प्राप्त होते हैं जिनका आर्थिक महत्व बहुत अधिक होता है। जैसे—कीमती लकड़ियाँ, जड़ी-बूटियाँ, हाथी दाँत, चमड़ा इत्यादि।

(iii) वैज्ञानिक उपयोगिता-वन्य प्राणी पर किये गए प्रयोगों के जरिए शरीर रचना, कार्यिकीय तथा पारिस्थितिक तथ्यों का अपार ज्ञान प्राप्त हुआ है। नयी औषधियों के गुण अथवा नयी शल्य चिकित्सा प्रणाली की महत्ता की जाँच पहले मेढक खरमोश, बंदर भेड़ा इत्यादि वन्य प्राणियों पर ही किये जाते हैं।

(iv) सांस्कृतिक महत्व और धार्मिक लगाव-अनादिकाल से ही मनुष्य का वन्य जीवों से सांस्कृतिक एवं धार्मिक लगाव रहा है। मनुष्य पीपल, बरगद, तुलसी, आँवला इत्यादि की पूजा करता रहा है। हिन्दू धर्म में मत्स्य, नरसिंह, हनुमान इत्यादि को देवताओं का अवतार समझा जाता है। बाघ, गरुड़, चूहा, बैल इत्यादि को दुर्गा, विष्णु, गणेश, शिव इत्यादि देवताओं का वाहन समझा जाता है। पौराणिक कथाएँ एवं साहित्य वन्य जंतुओं के विवरण से भरे हुए हैं।

(v) क्रीड़ा तथा आनन्द अनुभव हमारे देश में वन्य जीवों की बहुलता है और वे क्रीडा तथा आनन्द अनुभूति के अपार स्रोत हैं। भिन्न-भिन्न पशुओं तथा पक्षियों की क्रीड़ाएं मनमोहक दृश्य उत्पन्न करती हैं।

प्रश्न 2.
वृक्षों के घनत्व के आधार पर वनों का वर्गीकरण कीजिए और सभी वर्गों का वर्णन विस्तार से कीजिए।
उत्तर-
वृक्षों के घनत्व के आधार पर वनों को पांच वर्गों में बाँटा गया है

  1. अत्यंत सघन वन-भारत में इस प्रकार के वन विस्तार 54.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.66 प्रतिशत है, असाम और सिक्किम को छोड़कर समूचा पूर्वोत्तर – राज्य इस वर्ग में आते हैं। इन क्षेत्रों में वनों का घनत्व 75% से अधिक है।

2.सघन वन-इसके अन्तर्गत 73.60 लाख हेक्टेयर भूमि आती है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3% है। हिमालय, सिक्किम, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र एवं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र । में इस प्रकार के वनों का विस्तार है। यहाँ वनों का घनत्व 621.99 प्रतिशत है।

  1. खुले वन-2.59 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर इस प्रकार के वनों का विस्तार है। यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7.12% है, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा के कुछ जिले एवं असम के 16 आदिवासी जिलों में इस प्रकार के वनों का विस्तार है, असाम आदिवासी जिलों में वृक्षों का घनत्व 23.89% है।।
  2. झाड़ियाँ एवं अन्य वन-रराजस्थान का मरुस्थलीय क्षेत्र एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्र में इस प्रकार के वन पाये जाते हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार एवं प. बंगाल के मैदानी भागों में वृक्षों का घनत्व 10% से भी कम है इसलिए यह क्षेत्र इसी वर्ग में सम्मिलित है। इसके अन्तर्गत 2.459 करोड़ हेक्टेयर भूमि आती है, जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 8.66% है।
  3. मैंग्रोव्स (तटीय वन)-विश्व के तटीय वन क्षेत्र (मैंग्रोव्स) का मात्र 5% 4,500 किमी. क्षेत्र ही भारत में है, जो समुद्र तटीय राज्यों में फैला है, जिसमें आधा क्षेत्र पश्चिम बंगाल का सुंदरवन है, इसके बाद गुजरात के अंडमान निकोबार द्वीप समूह आते हैं, कुल मिलाकर 12 राज्यों तथा केन्द्र प्रशासित प्रदेशों में मैंग्रोव्स वन है जिनमें आंध्रप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, , तमिलनाडु, प. बंगाल, अंडमान-निकोबार, पाण्डेिचरी, केरल एवं दमन-दीप शामिल हैं।

प्रश्न 3.
जैव विविधता क्या है ? यह मानव के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं ? विस्तार से लिखिए।
उत्तर-
जैव विविधता से तात्पर्य, विभिन्न जीव रूपों में पाई जानेवाली विविधता से है। यह शब्द किसी विशेष क्षेत्र में पाये जाने वाले विभिन्न जीव रूपों की ओर इंगित करता है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक पृथ्वी पर जीवों की करीब एक करोड़ प्रजातियां पाई जाती हैं।

ये हमारी धरा पर अमूल्य धरोहर हैं। वन्य जीव सदियों से हमारे सांस्कृतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। इनसे हमें भोजन, वस्त्र के लिए रेशे, खालें, आवास आदि सामग्री एवं अन्य उत्पाद प्राप्त होते हैं। इनकी चहक और महक हमारे जीवन में स्फूर्ति प्रदान करते हैं। पारिस्थितिकी के लिए ये श्रृंगार के समान हैं। भारत में इन्हें सदैव आदरभाव एवं पूज्य समझा गया। मनीषियों के लिए प्रेरणा का स्रोत तो सैलानियों के लिए आकर्षण का विषय रहा है।

ये पर्यावरण संतुलन के लिए भी अति आवश्यक हैं तथा हमारी भावी पीढ़ियों के लिए भी ये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 4.
विस्तारपूर्वक बताएं कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पति और प्राणीजगत के हास के कारक हैं।
उत्तर-
मानव जीवमण्डल का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य है जो न सिर्फ अन्य जैविक सदस्यों को प्रभावित करता है बल्कि पर्यावरण के अजैविक घटकों में भी अत्यधिक परिवर्तन लाता है। मानव अपनी बुद्धि और विवेक के कारण प्रकृति के दूसरे जीवों और अजैविक घटकों का प्रयोग. कर अपने जीवन को सुखमय और आरामदायक बनाता है। किन्तु जब मानव के क्रियाकलाप अनियंत्रित हो जाते हैं तो पर्यावरण के घटकों जैसे-वायु, जल तथा मृदा एवं दूसरे जीवों में अनावश्यक परिवर्तन आ जाता है जो वनस्पतियों एवं प्राणियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

मानव खेती के लिए कारखाने स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों को काटता रहा है और अभी भी काट रहा है। शाकाहारी एवं मांसाहारी जानवरों का अंधाधुंध शिकार कर जीवों में असंतुलन पैदा कर दिया है और बहुत-से जन्तु लुप्त होने के कगार पर हैं जैसे—सिंह, बाघ, चीता, गैंडा, बारहसिंगा, कस्तुरी मृग आदि।

मानव के निम्नलिखित क्रियाकलाप वनस्पतियों एवं प्राणीजगत के हास के कारक हैं-

औद्योगिकीकरण में अनियोजित वृद्धि
जंगली जंतुओं का शिकार
आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि का विस्तार
हानिकारक रसायनों का अनियोजित प्रयोग
आर्थिक लाभ प्राप्त करने हेतु जैव विविधताओं का अति दोहन
जनसंख्या में वृद्धि, इत्यादि।
प्रश्न 5.
भारतीय जैव मंडल क्षेत्र की चर्चा विस्तार से कीजिए।
उत्तर-
हमारा देश जैव विविधता के संदर्भ में विश्व के सर्वाधिक समृद्ध देशों में से एक है। इसकी गणना विश्व के 12 विशाल जैविक-विविधता वाले देशों में की जाती है। यहाँ विश्व की सारी जैव उपजातियों का आठ प्रतिशत संख्या (लगभग 16 लाख) पाई जाती है। इन्हीं जैव विविधताओं के संरक्षण हेतु यूनेस्को के सहयोग से भारत में 14 जैव मण्डल आरक्षित क्षेत्र की स्थापना की गई है जिनका विवरण निम्न है-
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1C वन एवं वन्य प्राणी संसाधन – 1
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1C वन एवं वन्य प्राणी संसाधन – 2
Bihar Board Class 10 Geography वन एवं वन्य प्राणी संसाधन Additional Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नांकित में कौन भारत को छोड़ अन्य देश में दुर्लभ हैं
(क) भालू और गीदड़
(ख) बाघ और सिंह
(ग) गधे और हाथी
(घ) हनुमान और हिरण
उत्तर-
(ख) बाघ और सिंह

प्रश्न 2.
इनमें कौन हमारे देश में प्रायः लुप्त हो चुका है ?
(क) चीता
(ख) हनुमान
(ग) गेंडा
(घ) तेंदुआ
उत्तर-
(क) चीता

प्रश्न 3.
इनमें कौन शाकाहारी नहीं है ?
(क) गेंडा
(ख) बारहसींगा
(ग) हिरण
(घ) भेड़िया
उत्तर-
(घ) भेड़िया

प्रश्न 4.
इनमें किस पेड़ की लकड़ी बहुत कड़ी होती है ?
(क) देवगार
(ख) हेमलॉक
(ग) सागवान
(घ) बलूत
उत्तर-
(क) देवगार

प्रश्न 5.
इनमें कौन वन और वन्य प्राणियों के विनाश का कारण नहीं बनता?
(क) कृषि-क्षेत्रों में अत्यधिक वृद्धि
(ख) बड़े पैमाने पर निकास कार्यों का होना।
(ग) व्यापार की वृद्धि
(घ) पशुचारण और लकड़ी कटाई
उत्तर-
(ग) व्यापार की वृद्धि

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत में सर्वप्रथम किस वर्ष वन-नीति बनायी गयी थी?
उत्तर-
भारत में सर्वप्रथम 1894 ई. में वन-नीति बनायी गयी थी। .

प्रश्न 2.
पर्यावरण की दृष्टि से लगभग कितना प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित रहना चाहिए?
उत्तर-
पर्यावरण की दृष्टि से लगभग 33.3% भू-भाग वनाच्छादित रहना चाहिए।

प्रश्न 3.
बाघों को बचाने के लिए लागू की गयी परियोजना का नाम क्या है ?
उत्तर-
बाघों को बचाने के लिए लागू की गयी परियोजना का नाम बाघ परियोजना है।

प्रश्न 4.
भारत के किस राज्य में सर्वाधिक वन क्षेत्र हैं?
उत्तर-
भारत का मध्य प्रदेश 11.22% के साथ प्रथम स्थान पर है। यानी यहाँ सर्वाधिक वन क्षेत्र पाया जाता है।

प्रश्न 5.
राजस्थान और पंजाब प्रदेशों में किस प्रकार के वन पाये जाते हैं ?. .
उत्तर-
राजस्थान और पंजाब प्रदेशों में कंटीले वन मिलते हैं क्योंकि इन प्रदेशों में 70 सेमी. से भी कम वर्षा होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वन को अनुपम संसाधन क्यों कहा गया है ?
उत्तर-
वन एक नवीकरणीय राष्ट्रीय संपदा है। इस संसाधन की उपस्थिति से कई जीव-जन्तुओं को आश्रय मिलता है। वन के कारण तापमान में कमी एवं वर्षा की मात्रा बढ़ती है। भूमि कटाव को यह रोकता है, पशुओं के लिए इससे चारा मिल जाता है। मानव को ईंधन एवं अन्य कार्यों के लिए लकड़ियाँ, फल-फूल तथा कई कच्चे माल भी मिलते हैं। मानव जीवन के आर्थिक विकास एवं पर्यावरण की अनिवार्यता के कारण वन निश्चित रूप से अनुपम संसाधन है।

प्रश्न 2.
बड़े पैमाने पर वनों का ह्रास कब हुआ? इसके परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर-
औद्योगिक क्रांति के बाद बड़े पैमाने पर वनों का ह्रास हुआ। इसके निम्नलिखित दुष्परिणाम हुए हैं-

कई जीव-जन्तुओं की प्रजातियों का हास।
वन उत्पादों की कमी।
चारा एवं लकड़ी की कमी।
पारिस्थितिकी संकट।
कई वनस्पतियों का विलुप्तीकरण।
सूखा एवं दुर्भिक्ष में बढ़ोतरी।
कई जीव-जन्तुओं के आवासों में कमी।
कई जड़ी-बूटियों का खात्मा।
प्रश्न 3.
भारत में विभिन्न प्रकार के वन क्यों पाये जाते हैं ? उनके नाम लिखें।
उत्तर
विशाल अक्षांशीय-देशांतरीय विस्तार, उच्चावच की विभिन्नता, जलवायु की आंतरिक विषमताओं के सम्मिलित प्रभाव तथा. समुद्र की निकटता के कारण भारत में विभिन्न प्रकार के वन पाये जाते हैं। इनके नाम निम्न हैं –

सदाबहार वन
पतझड़ वन
शुष्क एवं कंटीले वन
पर्वतीय वन और
डेल्टा वन।
प्रश्न 4.
भारत में कौन वन कोणधारी पेटी के रूप में उगे हुए हैं ? उनके पाँच प्रमुख पेड़ों के नाम लिखें।
उत्तर-
भारत में पर्वतीय वन कोणधारी पेटी के रूप में उगे हुए हैं। जो 1,500-3,000 मी. की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मिलते हैं। अधिक ऊंचाई पर (हिमपातवाले क्षेत्रों में) कोणधारी वन उगते । हैं। इनकी नुकीली पत्तियों से बर्फ फिसलकर गिर जाती है। कठोर शीत, पाला और बर्फ का मुकाबला करने में पेड़ समर्थ होते हैं। इनके प्रमुख पेड़ों के नाम ये हैं

देवदार
पाइन
चीड़
बलूत
हेमलॉक
ओक
चिनार
चेस्टनर
वालनट
मेंपुल
मैग्नोलिया
स्यूस।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार के भारतीय वनों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करें। इनमें किसे सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और क्यों ?
उत्तर-
धरातलीय स्वरूप, मिट्टी और जलवायु की दशाओं में विविधता के कारण भारत में विभिन्न प्रकार के वन पाये जाते हैं जो निम्न प्रकार के हैं

चिरहरित वन या सदाबहार वन
पर्णपाती वन या पतझड़ वन
पर्वतीय वन या कोणधारी वन
डेल्टाई वन. या ज्वारीय वन
कंटीले वन या मरुस्थलीय वन

  1. सदाबहार वन- भारत में सदाबहार वन सघन होते हैं। इन्हें काटना, वनों से बाहर निकालना और उपयोग में लाना कठिन होता है। इनकी लकड़ी कड़ी होती है। इनमें कई जाति के वृक्ष एक साथ मिलते हैं। अधिक वर्षा और दलदली भूमि के कारण यातायात में कठिनाई होती है। इसलिए लकड़ियों का सही उपयोग नहीं हो पाता है। इनमें एबॉनी और महोगनी मुख्य वृक्ष पाये जाते हैं।
  2. पतझड़ वन-ये आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनमें सागवान और साल मुख्य वृक्ष पाये जाते हैं। अन्य वृक्षों में अंजन, चंदन, चिरौंजी, हरे-वहेड़ा, आँवला, शहतूत, बरगद, पीपल, कटहल, आम, जामुन, नीम, नारियल, बाँस मानसूनी वन के रूप में पाये जाते हैं। ये न तो अधिक घने होते हैं और न इनकी लकड़ी अधिक कठोर ही। इनकी लकड़ियाँ उपयोगी होती हैं।
  3. कोणधारी वन-यह वन पर्वत के अधिक ऊंचाई पर पाए जाते हैं। इनमें देवदार, चीड़, हेमलॉक स्फुस जाति के पेड़ पाए जाते हैं। इनकी लकड़ियाँ मुलायम होती हैं। इन्हें काटना और उपयोग में लाना आसान होता है।
  4. ज्वारीय वन तटीय भागों में इस प्रकार के वन पाए जाते हैं। इनमें वृक्षों की बहुतायत रहती है। लकड़ियाँ जलावन और छोटी नाव बनाने के काम आती हैं। इनमें सुन्दरी वृक्ष, केवड़ा, मैंग्रोव, हिरिटिरा गरोन आदि मुख्य वृक्ष हैं, ताड़ और नारियल के पेड़ भी मिलते हैं।
  5. मरुस्थलीय वन-यह कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं। इनमें बबूल एवं खजूर के पेड़ पाए जाते हैं। नागफनी और कैकटस जाति की झाड़ियाँ भी पायी जाती हैं।

प्रश्न 2.
भारत में वन संपदा की वृद्धि के उपायों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
भारत में वन संपदा की वृद्धि वनों के संरक्षण से हो सकती है। वन संपदा की वृद्धि के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं जो निम्नलिखित हैं

काटे गये वृक्ष या क्षेत्र पर पुनः वृक्षारोपण करना चाहिए।
वनों से केवल परिपक्व वृक्षों को काटना चाहिए।
वनों में अग्निरक्षा पथ और अग्निरोधक पथ की व्यवस्था करनी चाहिए।
वृक्षों को बीमारियों एवं कीटाणुओं से बचाव हेतु वायुयान द्वारा दवा छिड़काव की व्यवस्था करनी चाहिए।
सामाजिक वानिकी, क्षतिपूर्ति वानिकी कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
अपार्टमेंट संस्कृति के लिए निश्चित क्षेत्र पर वृक्षारोपण की व्यवस्था करनी चाहिए।
अवैध कटाई पर अंकुश लगाना चाहिए।
समाज में वृक्ष की महत्ता के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए।
जंगल क्षेत्र को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय-स्तर पर प्रयत्न करना चाहिए जिसके तहत पेड़ लगाओ अभियान को तेजी से लागू करना चाहिए।
वनों की वृद्धि के लिए लोगों में अधिक-से-अधिक पेड़ लगाने की प्रेरणा उत्पन्न करनी चाहिए। विशेष रूप से परती और बेकार पड़ी हुयी भूमि पर अधिक-से-अधिक पेड़ लगाना चाहिए।
प्रश्न 3.
वन्य प्राणियों के संरक्षण की आवश्यकता बताते हुए इनके संरक्षण के उपाय बताएँ।
उत्तर-
वन्य प्राणियों का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। क्योंकि इससे जानवरों और पक्षियों की रक्षा होती है। साथ ही पारितंत्र का संतुलन बना रहता है। वन्य प्राणियों से समाज को अनेक लाभ हैं। इसलिए इनका संरक्षण करना आवश्यक है। वन्य प्राणी देखने में सुन्दर होते हैं, जो मनोरंजन के साधन भी हैं, पर्यटक लोग इसे देखते हैं। वन्य प्राणी शिकार के लिए भी उपयुक्त हैं। साथ ही कृषि के लिए भी लाभदायक सिद्ध होते हैं। बहुत से छोटे जानवर जो फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं उसे मांसाहारी वन्य पक्षी खा जाते हैं जिससे समाज को लाभ मिलता है। वन्य ‘प्राणियों से बहुमूल्य पदार्थ भी प्राप्त होते हैं। इसलिए इनका संरक्षण करना आवश्यक है।

संकटापन्न प्राणियों के संरक्षण के विशेष उपाय किये जा रहे हैं। इस विषय में सामयिक गणना की जाती है जिससे उनकी नवीन स्थिति का पता किया जा सके। बाघ परियोजना एक सफल कार्यक्रम है। देश के विभिन्न भागों में 16 बाघ परियोजनाएं चल रही हैं। इसी प्रकार गैण्डा परियोजना आसाम में विकसित की गई है। भारतीय मैना राजस्थान और मालवा की दूसरी संकटापन्न प्रजाति की परियोजना है। यद्यपि शेर की भी संख्या घट रही है।

देश में जैव विभिन्नता के संरक्षण के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत पहला जैव आरक्षित क्षेत्र नीलगिरि में स्थापित किया गया। इसके अन्तर्गत 5500 वर्ग किमी. क्षेत्र फैला है जो केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर है। इस प्रकार के 13 क्षेत्र हैं। देश में 63 राष्ट्रीय उद्यान, 358 वन्य जीव अभ्यारण्य, 35 चिड़ियाघर हैं जो 130000 वर्ग किमी. क्षेत्र को घेरे हैं। वन्य जीव संरक्षण आवश्यक है, क्योंकि-

पक्षी और जानवरों की रक्षा होती है।
पारितंत्र संतुलन बना रहता है।
वन्य प्राणियों के संरक्षण क लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं जो निम्नलिखित हैं-

शिकार पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
पशुओं के झुण्ड के प्रवेश पर रोक लगाना चाहिए।
अधिक राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारय स्थापित किए जाने चाहिए।
वन्य जीव और बंदी प्रजनन किया जाना चाहिए।
सेमिनार, कार्यशाला आदि का आयोजन किया जाना चाहिए।
पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान किये जाने चाहिए।
प्रजनन के लिए उचित दशाएं प्रदान किये जाने चाहिए।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1A प्राकृतिक संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography वन एवं वन्य प्राणी संसाधन Notes
वन उस बड भूभाग को कहते हैं जो पेड़ पौधों एवं झाड़ियों द्वारा आच्छादित होते हैं।
F.A.O. (Food and Agriculture Organisation) की वानिकी रिपोर्ट के अनुसार 1948 में विश्व में 4 अरब हेक्टेयर वन क्षेत्र था जो 1963 में घटकर 3.8 अरब हेक्टेयर हो गया और 1990 में 3.4 अरब हेक्टेयर वनक्षेत्र बच गया। किन्तु 2005 में यह पुनः 3.952 अरब हेक्टेयर हो गया है।
2005 तक F.S.I. के रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 67.71 करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र है जो कि देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 20.60 प्रतिशत है।
देश के कुल वनाच्छादित क्षेत्र का 25.11 प्रतिशत वन क्षेत्र पूर्वोत्तर के सात राज्यों में है।
देश में वनाच्छादित क्षेत्र के मामले में मध्यप्रदेश का स्थान प्रथम है जहाँ देश के कुल वनाच्छादित क्षेत्र का 11.22% वन है।
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए यहाँ 58 राष्ट्रीय उद्यान, 448 अभ्यारण्य एवं 14 सुरक्षित जैव मंडल रिजर्व क्षेत्र हैं।
विश्व के 65 देशों में करीब 243 सुरक्षित जैव-मंडल क्षेत्र हैं।
वन को बचाने के लिए उत्तरांचल के टेहरी-गढ़वाल जिले में सुंदरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में 1972 ई. से चिपको आन्दोलन चलाया जा रहा है।
वन एक प्राकृतिक नवीकरणीय संसाधन है, क्योंकि नष्ट होने पर इसे पुनः उगाया जा सकता है और इसकी पूर्ति की जा सकती है।
वन हमारी राष्ट्रीय सम्पत्ति है और आर्थिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
वन उस बड़े भू-भाग को कहते हैं जो पेड़ एवं झाड़ियों द्वारा आच्छादित होते हैं।
FA.O.(Food and Agriculture Organisation) की वानिकी रिपोर्ट के अनुसार 1948 में विश्व में 4 अरब हेक्टेयर वन क्षेत्र था जो 1963 में घटकर 3.6 अरब हेक्टेयर हो गया और 1990 में 3.4 अरब हेक्टेयर वन क्षेत्र बच गया। किन्तु 2005 में यह पुन: 3.952 अरब हेक्टेयर हो गया है।
वन से मानव को कई लाभ हैं।
औद्योगिक क्रांति के बाद वनों का बड़े पैमाने पर ह्रास हुआ है।
वन से प्राप्त उत्पादों के दो वर्ग हैं-(क) मुख्य उत्पाद और (ख) गौण उत्पाद।
प्लाईवुड का निर्माण जर्मनी में शुरू हुआ।
भारत में वनस्पतियों की लगभग 47,000 उपजातियाँ पायी जाती हैं जिनमें 15,000 भारतीय मूल की हैं।
भारत में लगभग 6,77,088 वर्ग किलोमीटर भूमि पर वन का विस्तार है।
राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार देश की 33.3% भूमि पर वन का विस्तार होना आवश्यक है।
वन नीति के छह प्रमुख उद्देश्य हैं -(i) वन संपत्ति की सुरक्षा (ii) पर्यावरण को संतुलित बनाना (iii) भूमि-कटाव को रोकना (iv) बाढ़-नियंत्रण (v) मरुस्थल विस्तार को रोकना (vi) लकड़ियों की आपूर्ति बनाए रखना।
प्रमुख उत्पाद वाले वनों में देवदार, शीशम, साल तथा चीड़ इत्यादि के पेड़ पाये जाते हैं।

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