Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 1 दही वाली मंगम्मा

Bihar Board Class 10th Hindi Book Solutions हिंदी पद्य खण्ड Chapter 1 दही वाली मंगम्मा – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 1 दही वाली मंगम्मा

दही वाली मंगम्मा Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 1.
मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था?
उत्तर-
मंगम्मा ने अपनी बहू नंजम्मा को पोते को लेकर डाँटा था। एक दिन अपने बेटे की किसी गलती पर उनकी माँ नंजम्मा उसे पीट रही थी। पहले तो कुछ देर मंगम्मा चुप रही किन्तु जब रहा न गया तो मंगम्मा ने बहू से कहाँ- “क्यों री राक्षसी इस छोटे से बच्चे को क्यों पीट रही है ?” बस बहू चढ़ बैठी। खूब सुनाई उसने। जब मंगम्मा ने कहा कि मैं तुम्हारे घरवाले की माँ हूँ तो बहू ने भी कहा-“मैं भी इसकी माँ हूँ। मुझे क्या अकल सिखाने चली है ?” बात बढ़ गई। जब मंगम्मा ने बेटे से शिकायत की तो उसने कहा वह अपने बेटे को मारती है तो तुम क्यों उस झगड़े में पड़ती हो? मंगम्मा ने कहा- ‘बीबी ने तुझ पर जादू फेरा है बस, उसी दोपहर बहू ने मंगम्मा के बर्तन भांडे अलग कर दिए।

दही वाली मंगम्मा हिंदी कहानी Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 2.
रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था
उत्तर-
रंगजा रंगप्पा के गाँव का आदमी था। बड़ी शौकीन तबीयत का। कभी-कभार जूआ भी खेलता था। जब उसे पता चला कि मंगम्मा बेटे से अलग रहने लगी है तो वह मंगम्मा के पीछे पड़ गया। एक दिन उससे हाल-चाल पूछा और बोला कि मुझे रुपयों की जरूरत है। दे दो लौटा दूँगा। मंगम्मा ने जब कहा कि पैसे कहाँ हैं तो बोला कि पैसे यहाँ-वहाँ गाड़कर रखने से क्या फायदा दूसरे दिन रंगप्पा ने अमराई के पीछे रोककर बाँह पकड़ ली और कहा- ‘जरा बैठो मंगम्मा, जल्दी क्या है ? दरअसल, रंगप्पा लालची और लम्पट दोनों ही था।

दही वाली मंगम्मा का सारांश Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 3.
बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
उत्तर-
बहू को जब पता चला कि रंगप्पा उसकी सास मंगम्मा के पीछे पड़ गया है तो उसके कान खड़े हो गए। कहीं सास के रुपये-पैसे रंगप्पा न ले ले, इस आशंका से वह बेचैन हो गई। तब उसने योजना बनाई और अपने बेटे से कहा कि जा दादी पास तुझे मिठाई देती है न? अगर मेरे पास आया तो पीढूंगी। बस, बच्चा मंगम्मा के पास आकर रहने लगा। मंगम्मा भी उसे चाहती ही थी। एक दिन पोता जिद कर बैठा कि मैं भी बैंगलर चलँग। मंगम्मा क्या करे? माथे पर टोकरा, बगल में बच्चा! मुसीबत हो गई। तब बेटे-बहू ने आकर कहा कि उस दिन गलती हो गई। यूँ कैसे चलेगा? मंगम्मा अब खुशी-खुशी बेटे-बहू के साथ रहने लगी। धीरे-धीरे बहू ने शहर में दही बेचने का धंधा भी अपने हाथ में ले लिया। उसकी मंशा पूरी हो गई।

Dahi Wali Mangamma Ka Question Answer Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 4.
इस कहानी का कथावाचक कौन है ? उसका परिचय दीजिए।
उत्तर-
इस कहानी का कथावाचक लेखक की माँ है। लेखक की माँ प्रस्तुत कहानी का द्वितीय केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु लेखक की माँ के द्वारा ताना-बाना बुना गया है। मंगम्मा जब दही बेचने के लिए आती है तो लेखक के घर आती है और बढ़िया दही कुछ-न-कुछ बेचकर जाती है। धीरे-धीरे मगम्मा और लेखक की माँ में घनिष्ठता बढ़ती चली गई।

मगम्मा अपने घर-गृहस्थी का सारा हाल सुनाती है और लेखक की माँ उसे कुछ-न-कुछ सुझाव देती है। सास और बहू के अन्तर्कलह से परिवार बिखर जाता है। बेटे को समस्त सुख अर्पित करनेवाला माँ बहू के आते ही बेटे से अलग हो जाती है। मगम्मा के अन्तर्व्यथा को सुनकर लेखक की माँ का मन भी बोझिल हो जाता है। ममता की मूर्तिमान रहनेवाली नारी दुर्गा क्यों बन जाती है। इसका ज्वलंत उदाहरण लेखक की माँ को देखना-सुनना पड़ता है। जब कोई एक दूसरे को पसंद नहीं करता तब छोटी बातें भी बड़ी हो जाती है। मंगम्मा की बातें सुनते-सुनते लेखक की माँ का हृदय द्रवित हो जाता है।

Dahi Wali Mangamma Question Answer Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 5.
मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर-
मंगम्मा प्रस्तुत कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु इसके इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है। पति से विरक्त रहनेवाली मंगम्मा शायद कभी ऐसी नहीं सोची होगी कि उसका बेटा पत्नी के दबाव में आकर उसको छोड़ सकता है। पत्नी का शृंगार पति है। मंगम्मा और उसकी बहू इस तथ्य को भली-भाँति समझती है। मंगम्मा दही बेचकर अपना जीवन-यापन करती है। दही लेकर वह अपने गाँव से शहर जाती है। और उसे बेचकर जो आमदनी होती है। उसी में वह कुछ संचय करती है।

वह जानती है कि पैसा ही उसका अपना जमा पूँजी हो वह भोली-भाली और सहृदयता वाली नमी है। अपने पोते के प्रति उसका अधिक झुकाव हो वस्तुतः मानव मूलधन से कहीं अधिक ब्याज पर जोर देता है। वह अपना सतीत्व बचाये रखना चाहती है। रंगप्पा द्वारा बार-बार उसका पीछे करने पर भी अपने कर्मपथ से विचलित नहीं होती है। पात का अभाव उसे रूप खटकता है। किन्तु पति के प्रति श्लेष मन्त्र भी क्षोभ नहीं है। मंगम्मा सम्पूर्ण भारतीय नारीत्व का प्रतिनिधित्व करती है।

Dahi Wali Magma Bihar Board Class 10 Hindi प्रश्न 6.
मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर-
मंगम्मा कथा-नायिका मंगम्मा की बहू है। वह बहुत तेज-तर्रार है। अपने काम में किसी प्रकार की दखलंदाजी सहन नहीं करती। बेटे की किसी गलती पर जब उसे पीटती और मंगम्मा जब मना करती है तो उस पर चढ़ बैठती है। कहती है कि मैं बेटे की माँ हूँ-जैसे चाहूँगी रखुंगी। वह अपने पति पर भी काबू रखती है और तर्क से सबको हराती भी है। मंगम्मा जब मखमल का जाकिट पहनती है तो व्यंग्य भी करती है और लेन-देन की बात उठने पर मंगम्मा के लिए गहने-जेवर महिला को वापस ले लेने को भी कह देती है।

नंगम्मा तेज-तर्रार होने के साथ लोगों की कमजोरी जाननेवाली अत्यन्त चतुर भी है जब उसे मंगम्मा द्वारा रुपया-पैसा किसी और को दिए जाने की आशंका होती है तो अपने बेटे को मंगम्मा के पास रहने के लिए भेज देती है और मौका देखकर पति के साथ जाकर माफी माँग लेती है और अपने यहाँ ले आती है। इतना ही नहीं वह धीरे-धीरे मंगम्मा का दही बेचने का धंधा भी खुद शुरू कर देती है।
इस प्रकार नंजम्मा तेज-तर्रार, दूरदर्शी और व्यवहार कुशल नारी है।

प्रश्न 7.
कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
प्रस्तुत कहानी कन्नड़ कहानियाँ (नेशल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से सभार ली गयी है। इस कहानी का अनुवाद बी आर नारायण ने किया है। इस कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र मंगम्मा और द्वितीय चरित्र लेखक की माँ है। मंगम्मा पति विरक्ता हो घर के अन्तर्कलह से दुःखी होकर वह जीवन-यापन करने के लिए दही बेचती है। वह गांव से शहर जाती है और दही बेचकर कुछ पैसे संचय करती है। संचय का सत्य है कि सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी रहती है। माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ती और बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती है। पोते की पिटाई से क्षुब्ध मंगम्मा अपनी बहू को भला-बुरा कह देती है।

सास और बहू का विवाद घर में अन्तर्कलह को जन्म दे देता है। बहू-और-बेटे मंगम्मा को अलग रहने के लिए विवश कर देते हैं। दही बेचकर किसी तरह जीवन मापन करने वाली मंगम्मा कुछ पैसे इकट्ठा कर लेती है। जब बहू को यह ज्ञात हो जाता है कि उसकी सास रंगप्पा को कर्ज देनेवाली ही तो वह अपने को बेटे को ढाल बनाती है। वह बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए उसकाती है। धीरे-धीरे सास और बहू में संबंध सुधरता जाता है। एक दिन मंगम्मा स्वयं बहू को लेकर दही बेचने के लिए जाती है।

लोगों से अपनी बहू का परिचय देती है और कहती है कि अब दही उसकी बहू ही बेचने के लिए आयेगी। वस्तुतः इस कहानी के द्वारा यह सीख दी गई है कि पानी में खड़े बच्चे का पाव खींचनेवाले मगरमच्छ जैसी दशा बहू की है और ऊपर से बाँह पकड़कर बचाने जैसी दशा माँ की होती है।

विस्तुनिष्ठ प्रश्व

I. सही विकल्प चुनें

प्रश्न 1.
दही वाली मंगम्मा के रचयिता हैं
(क) सात कौड़ी होता
(ख) ईश्वर पेटलीकर
(ग) श्री निवास
(घ) प्रेमचन्द
उत्तर-
(ग) श्री निवास

प्रश्न 2.
श्री निवास साहित्यकार हैं………………
(क) गुजराती
(ख) कन्नड़
(ग) राजस्थानी
(घ) तमिल
उत्तर-
(ख) कन्नड़

प्रश्न 3.
मंगम्मा बरसों से बारी में दिया करती थी…………….
(क) दूध
(ख) चावल
(ग) मछली
(घ) दही
उत्तर-
(घ) दही

प्रश्न 4.
नंजमा पंगम्मा की…………”धी।।
(क) बेटी
(ख) माँ
(ग) पुत्र वधू
(घ) सास
उत्तर-
(ग) पुत्र वधू

प्रश्न 5.
श्री निवास का पूरा नाम है……………….
(क) साँवर दइया |
(ख) सुजाता
(ग) आरती वेंकटेश अटयंगर
(घ) सात कोड़ीहोता
उत्तर-
(ग) आरती वेंकटेश अटयंगर

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

प्रश्न 1.
जितना झगड़ा होता है उतनी …………. बढ़ती है।
उत्तर-
उमर

प्रश्न 2.
‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी के रचयिता ………… हैं।
उत्तर-
श्री निवास

प्रश्न 3.
श्री निवास का पूरा नाम ………… है।
उत्तर-
भारती वेंकटेश अय्यंगर

प्रश्न 4.
श्री निवास …………… साहित्यकार हैं।
उत्तर-
कन्नड़

प्रश्न 5.
मंगम्मा बरसों से …………… में दही दिया करती थी।
उत्तर-
बारी

प्रश्न 6.
शादी के बाद ……….. अपना रहता है ?
उत्तर-
बंटा

प्रश्न 7.
जब कोई एक-दूसरे को पसंद नहीं करता तो छोटी ……. भी बड़ी हो जाती है।
उत्तर-
बात

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रंगप्पा कौन था और वह क्या चाहता था ?
उत्तर-
रंगप्पा मंगम्मा के गाँव का जुआड़ी था और मंगम्मा से रुपये चाहता था।

प्रश्न 2.
सास-बहू की लड़ाई में मंगम्मा के बेटे ने किसका साथ दिया ?
उत्तर-
सास-बहु की लड़ाई में मंगम्मा के बेटे ने अपनी पत्नी का साथ दिया।

प्रश्न 3.
मंगम्मा और उसकी बहू नंजम्मा में झगड़ा क्यों हुआ?
उत्तर-
मंगम्मा और उसकी बहू नंजम्मा में पोते की पिटाई को लेकर झगड़ा हुआ।

प्रश्न 4.
मंगम्मा की बहू नंजम्मा ने अपनी सास से क्यों समझौता कर लिया ?
उत्तर-
मंगम्मा की बहू नंजम्मा ने अपनी सास से इसलिए समझोता कर लिया कि कहीं सास दूसरे व्यक्ति को रुपये न दं ।

प्रश्न 5.
मंगम्मा कौन थी?
उत्तर-
मंगम्मा बारी में दही बेचने वाली थी।

दही वाली मंगम्मा लेखक परिचय

श्रीनिवास जी का पूरा नाम मास्ती वेंकटेश अय्यंगार है । उनका जन्म 6 जून 1891 ई० में कोलार, कर्नाटक में हुआ था । श्रीनिवास जी का देहावसान हो चुका है । वे कन्नड़ साहित्य के सर्वाधिक प्रतिष्ठित रचनाकारों में एक हैं। उन्होंने कविता, नाटक, आलोचना, जीवन-चरित्र आदि साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में उल्लेखनीय योगदान दिया। साहित्य अकादमी ने उनके कहानी संकलन ‘सण्णा कथेगुलु’ को सन् 1968 में पुरस्कृत किया । उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। यह कहानी ‘कन्नड़ कहानियाँ’ (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से साभार ली गयी है । इस कहानी का अनुवाद बी० आर० नारायण ने किया है।

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