Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 15 भूल गया क्यों इंसान

Bihar Board Class 6th Hindi Book Solutions किसलय Kislay Bhag 1 Chapter 15 भूल गया क्यों इंसानNCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 15 भूल गया क्यों इंसान

भूल गया है क्यों इंसान कविता के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 1.
कविता का सारांश अपनी भाषा में लिखिए।
उत्तर:
कविवर हरिवंश राय बच्चन लिखित इस कविता में कवि, मानव को अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। कवि कहता है कि इंसान यह क्यों भूल जाता है कि सभी मनुष्यों का शरीर मिट्टी का बना है। यह शरीर नाशवान है। कोई जीव यहाँ अमर होकर नहीं आया। ईश्वर सभी मनुष्य को इस धरती पर जन्म देता है और सबके ऊपर आकाश की निर्मल छाया समान रूप से पड़ती है। यह नभ सबको एक ही प्रकार से अपनी छाया प्रदान करता है।

ईश्वर ने मनुष्यों को जन्म दिया और मनुष्यों ने ईश्वर की दी हुयी इस धरती को बाँट कर अलग-अलग देश बनाया। ध्यान से देखा जाय तो इन देशों में धरती की संतान का ही बसेरा है। कवि आगे कहता है कि माना,कि देश अलग-अलग है। उन देशों में रहने वालों की वेश-भूषा, बोली, खान-पान सब अलग हैं लेकिन सभी मानव के शरीर में तो एक ही प्राण का वास है। एक ही ईश्वर की ज्योति सभी मानव के हृदय को आलोकित करती है, प्रकाशित करती है। यह सच्चाई इन्सान क्यों भूल जाता है ?

Bhool Gaya Hai Kyun Insaan Question Answer In Hindi Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 2.
इस कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
इस कविता से प्रेरणा मिलती है कि सम्पूर्ण पृथ्वी के मानव एक ही धरती के संतान हैं। भले हमारा निवास अलग-अलग देशों में क्यों न होम हम सबों का शरीर और प्राण भी एक ही जैसा है। मानव को परस्पर एक-दूसरे को समान समझे।

भूल गया है क्यों इंसान कविता का सारांश Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए –
(क) देश अलग है, देश अलग हों,
वेश अलग हैं, वेश अलग हों,
मानव का मानव से लेकिन, अलग न अंतर प्राण ।

उत्तर:
कवि मनुष्य और मनुष्य के बीच भेद को अस्वीकार करते हुये कहता है कि धरती एक है। उस धरती को बाँट कर अलग-अलग देश हमने बनाये। अब देश अलग है तो वहाँ की वेश-भूषा भी अलग-अलग हो सकती है क्योंकि इनका निर्माण भी मनुष्य ने अपनी सुविधा के अनुसार -स्थानीय प्रकृति और जलवायु के अनुसार किया।

पर सभी मनुष्यों के अंतर में एक ही प्राणवायु का संचरण होता है। एक ही ज्योति सभी मनुष्य के शरीर को आलोकित करती है। हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं – फिर मनुष्य और मनुष्य के बीच भेद कैसा?

(ख) सबकी है मिट्टी की काया,
सब पर नभ की निर्मल छाया,
यहाँ नहीं है कोई आया ले विशेष वरदान।।

उत्तर:
कवि कहता है कि मनुष्य का यह शरीर एक ही प्रकार की मिट्टी से बना है। मृत्यु के बाद यह शरीर उसी मिट्टी में मिल जाता है। धरती की मिट्टी और आकाश की निर्मल छाया सभी मनुष्यों को समान रूप से प्राप्त है। इसे देने में निर्माता यानी ईश्वर कोई भेद नहीं करता। यहाँ यानी धरती पर आने वाला कोई भी मानव कोई विशेष वरदान लेकर नहीं आता। अतः इंसान और इंसान में भेद की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई पड़ती। यह भेद-विभेद मानव अपने स्वार्थों की पूर्ति हेतु बनाता है और अपने दायित्वों को भुला देता है।

पाठ से आगे –

Bhul Gaya Hai Kyun Insaan Poem Meaning In Hindi Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 1.
मनुष्य किस प्रकार दूसरों को अपने से भिन्न समझते हैं ?
उत्तर:
जाति, धर्म, भाषा और ऐश्वर्य मनुष्य को मनुष्य से अलग करता है। अपने को दूसरे से श्रेष्ठ समझने के कारण मन में एक अहंकार उत्पन्न होता है जो मनुष्य को मनुष्य से भिन्न बनाने में या समझने में सहायक होता है। इन सब पर अगर नियन्त्रण हो जाय तो मनुष्य, सच में मानव होकर जीवन-यापन कर सकता है।

Bhool Gaya Hai Kyun Insaan Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 2.
अलग-अलग देश, अलग-अलग वेश के बावजूद हर मनुष्य एक जैसा है। कैसे?
उत्तर:
देश और वेश मनुष्य के बनाये हुये हैं – ये सब मानव निर्मित हैं। मनुष्य तो एक ही ईश्वर की सन्तान हैं। सभी मनुष्यों को एक ही प्रकार से प्रकाश, पानी, हवा और अन्य ईश्वर निर्मित सुविधायें उपलब्ध हैं। सभी के हृदय में एक ही ज्योति एक ही प्राण संचरित होता है अतः सभी मनुष्य धरती की एक संतान होने के कारण एक हैं। अनेक भाव मनुष्य ने स्वयं बनाये हैं। ईश्वर ने सबको इंसान बनाया है।

कुछ करने को –

भूल गया है क्यों इंसान कविता Bihar Board Class 6 Hindi प्रश्न 1.
इस कविता को समवेत स्वर में अपनी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

भूल गया क्यों इंसान Summary in Hindi
Bhul Gaya Hai Kyon Insan Bihar Board Class 6 Hindi कविता का सार-संक्षेप

कविवर हरिवंश राय बच्चन लिखित इस कविता में कवि, मानव को अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। कवि कहता है कि इंसान यह क्यों भूल जाता है ‘कि सभी मनुष्यों का शरीर मिट्टी का बना है। यह शरीर नाशवान है। कोई जीव यहाँ अमर होकर नहीं आया। ईश्वर सभी मनुष्य को इस धरती पर जन्म देता है और सबके ऊपर आकाश की निर्मल छाया समान रूप से पड़ती है। यह नभ सबको एक ही प्रकार से अपनी छाया प्रदान करता है।

ईश्वर ने मनुष्यों को जन्म दिया और मनुष्यों ने ईश्वर की दी हुयी इस धरती को बाँट कर अलग-अलग देश बनाया। ध्यान से देखा जाय तो इन देशों में धरती की संतान का ही बसेरा है। कवि आगे कहता है कि माना कि देश अलग-अलग है। उन देशों में रहने वालों की वेश-भूषा, बोली, खान-पान सब अलग हैं लेकिन सभी मानव के शरीर में तो एक ही प्राण का वास है। एक ही ईश्वर की ज्योति सभी मानव के हृदय को आलोकित करती है, प्रकाशित करती है। यह सच्चाई इन्सान क्यों भूल जाता है ?

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