Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 5 मम परिवार:

Bihar Board Class 6th Sanskrit Book Solutions संस्कृत अमृता Amrita Bhag 1 Chapter 5 मम परिवार: – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 6 Sanskrit Solutions Chapter 5 मम परिवार:

निम्न शब्दों के अर्थ बताएँ-

मातुल:
पितृव्यः
मातामहः
अनुजः
स्वसा ।
उतर-

मामा
चाचा
नाना
छोटा भाई
बहन ।
मम परिवारः Bihar Board Class 6 प्रश्न 2.
निम्न के लिए संस्कृत शब्द बताएँ –

पिता का भाई
माता का भाई
दादा
बड़ा भाई
छोटा भाई
उत्तर-

पितृव्यः
मातुलः
पितामहः
ज्येष्ठः भ्राता (अग्रजः)
अनुजः। कनिष्ठः भ्राता।
मम परिवार Bihar Board Class 6 प्रश्न 3.
सही संस्कृत बताएँ –

परिवार में
दादा का
आँगन में
खेलती है
कहता है।
उत्तर-

परिवारे
पितामहस्य
प्रांगणे
खेलती
कथयति।
मम परिवार संस्कृत Bihar Board Class 6 प्रश्न 4.
इसे पढ़ेंपिता-माता पितृव्यश्च भ्राता पितामहः स्वसा ।
पितामही मातुलश्च परिवारे वसन्ति ते ॥

अर्थ-
पिता-माता और चाचा भाई दादा-बहन दादी मामा वे सब परिवार – में रहते हैं।

Mama Parivar In Sanskrit Bihar Board Class 6 प्रश्न 5.
कार्येषु’ के आधार पर इन शब्दों के सप्तमी बहुवचन में रूप बताएँ – गृह, चक्र, परिवार, प्राङ्गण, सुख।
उत्तर-
गृहेषु, चक्रेषु, परिवारेषु, प्राङ्गणेषु, सुखेषु।

लिखित

Mam Parivar Nibandh In Sanskrit Bihar Board Class 6 प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों को कोष्ठ में दिये शब्दों से भरें(माता, खट्वायाम, कुरुतः लग्ना, कोऽपि)

द्वारे सः ………………तिष्ठति।
……………….गृहकार्येषु …………..भवति।
मम ……………… भ्राता नास्ति ।
ती पितामहस्य सेवा ………..।
उत्तर-

द्वारे सः खट्वायाम् तिष्ठति।
माता .गृहकार्येषु लग्ना भवति।
मम कोडपि भ्राता नास्ति।
तौ पितामहस्य सेवां कुरुतः।
Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 5 प्रश्न 7.
निम्न शब्दों को सुमेलित करें

पितृव्यः – (क) बड़ा भाई
मातामही – (ख) माता का भाई
मातुलः – (ग) पिता का भाई
अनुजः – (घ) नानी
अग्रजः – (ङ) छोटा भाई
उत्तर-

पितृव्यः – (ग) पिता का भाई
मातामही – (घ) नानी
मातुल: – (ख) माता का भाई
अनुजः – (ङ) छोटा भाई
अग्रजः – (क) बड़ा भाई
Mam Parivar Essay In Sanskrit Bihar Board Class 6 प्रश्न 8.
निम्न शब्दों के द्विवचन और बहुवचन लिखें-
(क) पितृव्यः – –
(ख) अनुजः – –
(ग) अग्रजः – –
(घ) मातामहः – –
(ड.) परिवारः – –

उत्तर
मम परिवार इन संस्कृत Bihar Board Class 6
Parivar Ka Bahuvachan Bihar Board Class 6 प्रश्न 9.
अपने परिवार के विषय में पाँच वाक्य संस्कृत में लिखें।
उत्तर-
मम् परिवार: पाटलिपुत्रे वसति। मम् परिवारे पिता-माता भ्राता श्वसा पितामहः च वसन्ति। मम् पिता अध्यापकः अस्ति। मम् माता गृहकार्ये लग्ना भवति। मम् भ्राता श्वसा च पठतः।.

Mam Parivar Sanskrit Nibandh Bihar Board Class 6 प्रश्न 10.
निम्न शब्दों का वाक्य में प्रयोग करें –

Mam Parivar In Sanskrit Bihar Board Class 6 प्रश्न (क)
गृहे
उत्तर-
(क) गृहे पितामहः तिष्ठति।

मेरा परिवार In Sanskrit Bihar Board Class 6 प्रश्न (ख)
खट्वायाम् ……….
उत्तर-
खट्वायाम् मातामहः तिष्ठति।

Mum Parivar In Sanskrit Bihar Board Class 6 प्रश्न (ग)
कराति
उत्तर-
सः किम् करोति।

प्रश्न (घ)
अपि
उत्तर-
त्वम् अपि पठ।

प्रश्न (ङ)
क्रीडति
उत्तर-
मोहनः कन्दुकं क्रीडति।

प्रश्न 11.
इन शब्दों का एकवचन में रूप लिखें –
उत्तर-

गृहकार्येषु (क) गृहकार्य
सन्ति
(ख) अस्ति ।
द्वारेषु (ग) द्वारे
परिवारः
(घ) परिवारः
धावन्ति __ (ङ) धावति
Bihar Board Class 6 Sanskrit मम परिवार: Summary
पाठः – इदं मम गृहम् अस्ति । अत्र मम परिवारः निवसति । मम परिवारे अनेके जनाः सन्ति। मम् पितामहः वृद्धः अस्ति । स द्वारे एव खट्वायां तिष्ठति। मम पिता माता च गृहमध्ये वसतः । पिता बहिः कार्यं करोति। माता गृहकार्येषु लग्ना भवति । मम एका स्वसा अपि अस्ति । सा विद्यालये पठति। यदा-कदा गृहकार्यम् अपि करोति । अहमपि गृहस्य कार्येषु सहायता करोमि । विद्यालयं च पठनाय गच्छामि। मम कोऽपि भ्राता नास्ति

अर्थ – यह मेरा घर है। यहाँ मेरा परिवार रहता है। मेरे परिवार में अनेक लोग हैं। मेरे दादा जी बूढा हैं। वे दरवाजे पर ही खटिया पर रहते हैं। मेरे पिता और माता घर के अन्दर रहते हैं। पिता जी बाहर काम करते हैं। माता जी घर के कामों में लगी रहती हैं। मुझको एक बहन भी है। वह विद्यालय में पढ़ती है। कभी-कभी घर के काम भी करती है। मैं भी घर के कामों में सहायता करती हूँ और स्कूल पढ़ने के लिए जाती हूँ। मुझे कोई भी भाई नहीं है।

पाठः – परिवारे पितृव्यः अपि अस्ति । पितव्यस्य एका पुत्री अस्ति । सा प्राङ्गणे क्रीडति । सा परिवारस्य प्रिया कन्या अस्ति । मम पिता पितव्यस्य ज्येष्ठः भ्राता अस्ति । तौ पितामहस्य सेवा कुरुतः । यदा-कदा मम् मातुलः अपि आगच्छति । सः कथाः कथयति, अस्माकं मनोरञ्जनं च करोति । वयं सर्वे परिवारे सुखेन निवसामः ।

अर्थ – परिवार में चाचा भी हैं। चाचा की एक बेटी है। वह आंगन में खेलती है। वह परिवार की प्रिय लडकी है। मेरे पिता चाचा के बड़े भाई हैं। वे दोनों दादा जी की सेवा करते हैं। कभी-कभी मेरे मामा भी आते हैं। वे कहानियाँ कहते हैं और हमलोगों का मनोरंजन करते हैं। हम सभी परिवार में सुख से रहते हैं।

शब्दार्था :-गृहम् – घर। अत्र – यहाँ। पितामहः – दादा। वृद्धः – बूढ़ा। द्वारे – दरवाजे पर। तिष्ठति – रहता है। ठहरता है। खवायाम् – खाट पर / में। बहिः – बाहर। स्वसा – बहन। अपि – भी। यदा-कदा – कभी-कभी। अहमपि- मैं भी (अहम + अपि)। कार्येषु – कामों में। पठनाय … पढ़ने के लिए। कोऽपि (क: + अपि) – कोई भी। भ्राता .. भाई। नास्ति (न + अस्ति)- नहीं है। पितृव्यः – चाचा। प्राङ्गणे – आंगन में । प्रिया – प्यारी। ज्येष्ठः – बड़ा। मातुलः – मामा। कथाः – कहानियाँ । कहानियों को। कथयति — कहता/कहती है/कहते हैं। सर्वे- सभी। निवसामः – (हमसब) निवास करते हैं।

व्याकरण

  1. विशेषण-विशेष्य सम्बन्ध-संस्कृत में जिस लिङ्ग, वचन और विभक्ति में विशेष्य (जिसकी विशेषता बतलाई जाए)होता है, विशेषण भी उसी लिङ्गः वचन और विभक्ति में होता है।

अर्थात् विशेष्य = विशेषण

जैसे-वृद्धः पितामहः। वृद्धा पितामही। प्रियः बालकः । प्रिया कन्या। मधुरं फलम् शोभनं कार्यम्। कुशलाः छात्राः विशाल. वृक्षः। पिशालाय परिवाराया विशाले प्राङ्गण। धनिकः परिवारः इत्यादिः।

  1. अपि’ अव्यय है । जिसका अर्थ भी होता है। जिस शब्द में अपि लगता है वहाँ व्यक्त होता है कि उसके अलावा कोई भी दुसरा है। जैसे-अहमपि गच्छामि (मैं भी जा रहा हैं) । यहाँ व्यक्त हो रहा है कि -मेरे अलावा अन्य कोई दूसरा भी जा रहा है। स्वसा अपि अस्ति – (बहन भी है।) अर्थात बहन के अलावा कोई दुसरा व्यक्ति भी है गृहकार्यम् अपि करोति -(गृह कार्य भी करती है) अर्थात गृहकार्य के अलावा अन्य कार्य भी करती है। कोऽपि (क: + अपि) – कोई/कोई भी । यहाँ ‘अपि’ अनिश्चय का अर्थ भी देता है।
  2. (क) जिन शब्दों के अन्त में म् हो, उनके बाद यदि व्यञ्जन से आरम्भ होने वाला शब्द रहे तो म् के स्थान पर अनुस्वार (.) हो जाता है।

जैसे-

इदम् + मम = इदं मम
खट्वायाम् + तिष्ठति = खट्वायां तिष्ठति
कार्यम् + करोति = कार्यं करोति
वयम् + सर्वे = वयं सर्वे
सेवाम् + कुरुतः = सेवां कुरुतः।
ये सभी उदाहरण इसी पाठ से हैं।

(ख) म से अन्त होने वाले शब्द के बाद यदि स्वर वर्ण से आरम्भ होने वाला शब्द रहे तो म् में वह स्वर मात्रा बनकर जड जाता है। जैसे

त्वम् + अपि = त्वमपि
अहम् + आगच्छामि = अहमागच्छामि
विद्यालयम् + एव = विद्यालयमेव
पुष्यम् + इव = पुष्पमिव (फूल के समान)
अयम् + उष्ट्रः = अयमुष्ट्रः (यह ऊँट है।
गृहम् + अपि = गृहमपि
मुखम् + अस्ति = सुखामस्ति

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