Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन

Bihar Board Class 7th Science Book Solutions विज्ञान Chapter 14 पौधों में संवहन- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 14 पौधों में संवहन

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों को भरें –
(i) पौधों में जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण …………… द्वारा होता है।
(ii) जल एवं खनिज पदार्थों का संवहन …………. ऊतक द्वारा होता है।
(iii) पौधों में भोजन के संवहन के लिए……… नामक ऊतक होते हैं।
(iv) वाष्य के रूप में पत्तियों से जल का उत्सर्जित होना ………. कहलाता है।

उत्तर:
(i) मूलरोमां
(ii) जाइलम
(iii) प्लाएम
(iv) वाष्पोत्सर्जन ।

प्रश्न 2.
पौधों में पदार्थों का संवहन क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
पौधे जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण करते हैं। अवशोषण मूल रोमों द्वारा होता है। जल एवं खनिज पदार्थ जाइलम ऊतक द्वारा संवहन क्रिया के फलस्वरूप ही पत्तियों तक पहुँचता है। पत्तियाँ या भोजन बनाती हैं, अगर ये पदार्थ न पहुँचंग तो पत्नियाँ भोजन न बनाएगी और पौधों का विकास रूक जाएगा।

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प्रश्न 3.
जाइलम तथा प्लोएम ऊतकों के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
जाइलम संवहन ऊतक है। पौधों के मूलरामा के द्वारा जल और खनिज तत्वों के अवशोषण करते हैं। ये पदार्थ पत्तियों तक पहुँचाने के लिए जाइलम ऊतक जो संवहन ऊतक कहलाता है कार्य करते हैं। जब पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश में अपना भोजन बनाती है तो उस भोजन को पौधे के विभिन्न अंगों तक पहुँचाने का कार्य प्लोएम ऊतक करते हैं।

प्रश्न 4.
वाष्पोत्सर्जन से क्या समझते हैं ? क्या पौधों में यह क्रिया जरूरी है ?
उत्तर:
जैव क्रियाओं में जल का कुछ भाग उपयोग नहीं होता है। ये अतिरिक्त जल पनियों के छिद्रो, रंध्र द्वारा वाष्प के रूप में उत्सर्जित हो जाता है। वाष्प के रूप में पत्तियों से जल का उत्सर्जन वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। तापमान बढ़ने पर वाष्पोत्सर्जन की क्रिया तीव्र हो जाती है। यह क्रिया जरूरी है।

प्रश्न 5.
एक प्रयोग द्वारा बताइये कि पौधे जल का संवहन करते हैं।
उत्तर:
दो गिलास लेते हैं। दोनों में आधा भाग पानी भर देते हैं। एक गिलास वाले पानी में थोड़ा लाल रंग डाल देते हैं। अब दो पौधे जिनके मूलराम सुरक्षित हो एक एक पौधं दोनों गिलास में रखते हैं करीब चार पाँच घंटे बाद दोनों पौधों को निकालकर जनों को अनुप्रस्थ एवं अनुदेध्यं काटकर देखने हैं. कि रंगीन गिलास वाले तने में लाल धब्बे आते हैं दूसरे में नहीं, अत: यह स्पष्ट है कि मूलरामां के द्वारा जल का अवशोषण होता है।

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Bihar Board Class 7 Science पौधों में संवहन Notes
पौधे मिट्टी में उगते हैं। मिट्टी से पानी और खनिज तत्व पौधे अवशोषित करत हैं। पौधों की जड़ों में धागे जैसी संरचना “मूल रोम” होती है। मूल रोम ही मिट्टी में उपस्थित जल का अवशोषण करते हैं और पत्तियों तक पहुँचाते हैं। पत्तियों तक जल और पोषक तत्वों को पहुँचाने के लिए वाहिकाएँ होती हैं। संवहन क्रिया द्वारा पत्तियों तक पहुँचता है। वाहिकाएँ विशेष प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर संवहन ऊतक का निर्माण करती है। जल एवं खनिज पदार्थों को पत्तियों तक ले जाने के लिए पौधों के अंगों में जाइलम नामक उतक होते हैं। जल एवं खनिज पदार्थों को पौधों के विभिन्न अंगों तक ले जाने वाला संवहन उतक जाइलम है।

पौधों के संवहन उत्तक दो प्रकार के होते हैं – जाइलम, प्लोएम; पौधों की वृद्धि के लिए जल खनिज के अलावा भोजन की आवश्यकता होती है। पत्तियों से भोजन का संवहन पौधों के विभिन्न अंगों तक फ्लोएम नामक ऊतक द्वारा होता है। पौधे जल को अवशोषित करते हैं। वाष्प के रूप में जल पत्तियों में पाये जाने वाले स्टोमाटा के द्वारा उत्सर्जित होता है। वाष्प के रूप में अवशोषित जल का उत्सर्जन वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। दिन में वाप्पोत्सर्जन को दर बढ़ जाती है क्योंकि रुध्र खुले रहते हैं। जबकि सूर्य की अनुपस्थिति में रन्ध्र बंद हो जाता है। रात में वाष्पोत्सर्जन की दर कम हो जाती है।

गर्मियों में तापमान में वृद्धि से वाष्पोत्सर्जन की दर बढ़ जाती है जबकि जाड़े में कम रहती है। हवा बहने को दर बढ़ने से वाष्पोत्सर्जन की दर बढ़ जाती है। साथ ही साथ हवा में आर्द्रता बढ़ने से वाष्पोत्सर्जन की दर घट जाती है।

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