Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 2 चट्टान एवं खनिज

Bihar Board Class 7th Social Science Book Solutions सामाजिक विज्ञान Chapter 2 चट्टान एवं खनिज NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 2 चट्टान एवं खनिज

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

Bihar Board Class 7 Geography Book Solution Chapter 2 प्रश्न 1.
अपने घर में खनिज से बनी हुई चीजों की सूची बनाइए ।
उत्तर-

तराजू के पलड़े
आभूषण
सायकिल
हल का फाल
खुरपी
हसिया
पहँसुल
लालटेन
उसे जलाने के लिए किरासन तेल आदि खनिज से बनी हुई हैं।

Bihar Board Class 7 History Solution In Hindi Chapter 2 प्रश्न 2.
छत की ढलाई में कौन-सा पत्थर इस्तेमाल होता है?
उत्तर-
छत की ढलाई में पहाड़ों से काटकर निकाले गए पत्थरों को टुकड़े बना कर इस्तेमाल होता है । इन पत्थरों का रंग भूरा-स्लेटी होती है । ये आग्नेय चट्टान के उदाहरण कहे जा सकते हैं।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution Chapter 2 प्रश्न 3.
उन खेलों की सूची बनाइए, जिनमें पत्थरों का इस्तेमाल होता हो।
उत्तर-
पत्थरों से खेलने वाले कोई अधिक खेल नहीं, है । हाँ, ग्रामीण क्षेत्र के बीच पत्थर के टुकड़ों से एकट-दोकट तथा सरगोटिया खेलते हैं ।

Bihar Board Class 7 Social Science Solution In Hindi Chapter 2 प्रश्न 4.
पत्थरों का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है ? सूची बनाइए ।
उत्तर-
पत्थरों का उपयोग पहले घर, महल, कोठी और किला बनाने में होता था । वाराणसी के प्राय: सभी प्राचीन भवन पत्थर के ही बने हैं। आज भी झारखंड में पत्थरों का उपयोग घर तथा चहार-दीवारी बनाने में होता है ‘वैसे आम तौर पर सड़क बनाने, मकानों की छत बनाने तथा फर्श को पक्का करने के लिए विभिन्न आकारों के पत्थरों का उपयोग होता है ।

Bihar Board Solution.Com Class 7 Chapter 2 प्रश्न 5.
पता करके लिखिए कि निम्न भवन किन-किन पत्थरों से बने हैं:
उत्तर :

प्रश्न : भवन उत्तर : पत्थर के प्रकार
रोहतास गढ़ का किला बलुआ पत्थर
लाल किला (दिल्ली) लाल बलुआ पत्थर
पत्थर की मस्जिद (पटना) बलुआ पत्थर
विष्णुपद मन्दिर (गया) काला बलुआ पत्थर
आगरा का किला लाल बलुआ पत्थर
कुतुबमीनार (दिल्ली) बलुआ पत्थर
विशला बुद्ध मूर्ति (गया) काला बलुआ पत्थर
Bihar Board Class 7 History Book Solution Chapter 2 प्रश्न 6.
थर्मोकोल/काँच के टुकड़ों को जोड़कर पृथ्वी के आंतरिक परतों को दिखालाइये ।
उत्तर-
संकेत: यह परियोजना कार्य है । छात्र स्वयं यकरें ।

Bihar Board 7th Class Social Science Solution Chapter 2 प्रश्न 7.
चट्टानों के प्रकार और उनकी बनावट के बारे में लिखिए।
उत्तर-
चट्टानें मुख्यत: तीन प्रकार की होती हैं-

आग्नेय चट्टान
अवसादी चट्टान तथा
रूपांतरित चट्टान ।

  1. आग्नेय चट्टान-पृथ्वी के अन्दर पिघला पदार्थ धरातल पर आने के क्रम में कभी पहले ही जम जाता है और कभी धरातल के ऊपर पहुँचकर जमता है। ऐसी चट्टानों में परतें नहीं होतीं। इनमें रवा पाये जाते हैं । जो चट्टानें पृथ्वी के अन्दर जमती हैं इनके रवे बड़े होते हैं जबकि पृथ्वी के ऊपर जमने वाली चट्टानों के रवे छोटे या महीन होते हैं । ग्रेनाइट और बेसाल्ट आदि आग्नेय चट्टान के ही उदाहरण हैं।
  2. अवसादी चट्टानें-अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं । ये दो प्रकार की होती हैं : एक पानी के अन्दर तथा दूसरी पानी के बाहर जमीन पर । पानी के अन्दर जमने वाली चट्टानों की परतें अधिक होती हैं क्योंकि ये परत-दर-परत जमी होती हैं । काफी दबाव के कारण ये कड़ी हो जाती हैं और चूना-पत्थर का रूप धारण करती हैं । पानी से बाहर की अवसादी चट्टानें परत-दर-परत ही होती हैं और अपने ही दबाव से दबकर अवसादी चट्टान बन जाती हैं। उदाहरण है बलुआ पत्थर | बलुआ पत्थर कई रंग के होते हैं-लाल, भूरा, काला ।
  3. रूपांतरित चट्टानें-कभी-कभी आग्नेय या परतदार चट्टानों में ताप और दाब की वृद्धि होती है तो इनके रूप और गुण दोनों में बदलाव आ जाता है । रूप में अंतर के कारण ही इन्हें रूपांतरित चट्टान कहते हैं । चूना-पत्थर अपना रूप बदलकर संगमरमर में बदल जाता है । इसी प्रकार ग्रेनाइट रूपांतरित होकर नाइस बन जाता है ।

Bihar Board Solution Class 7 Social Science Chapter 2 प्रश्न 8.
इन्हें उपयुक्त स्थानों में बैठाइए

सेंधा नमक – आग्नेय चट्टान
ग्रेनाइट – अवसादी चट्टान
संगमरमर – रूपान्तरित चट्टान

उत्तर-

सेंधा नमक – अवसादी चट्टान
ग्रेनाइट – आग्नेय चट्टान
संगमरमर – रूपान्तरित चट्टान
Bihar Board Class 7 Hamari Duniya Solution Chapter 2 प्रश्न 9.
खाली जगहों को भरिए :

जो चट्टान ज्वालामुखी से निकले लावा के ठंडा होने से बनती हैं वे ………चट्टानें कहलाती हैं।
जिन चट्टानों में परत पायी जाती है उन्हें ……… चट्टानें कहते
ज्वालामुखी से निकला गर्म पदार्थ ……कहलाता है।
अत्यधिक ……… एवं ……… के कारण चट्टानों के लक्षण बदल जाते हैं.

उत्तर-

आग्नेय
परतदार
लावा
ताप, दाब।
Bihar Board Class 7 Social Science चट्टान एवं खनिज Notes
Class 7 Hamari Duniya Chapter 2 पाठ का सार संक्षेप

पहाड़ों की चट्टानों से काटकर पत्थर निकाले जाते हैं और उन्हें प्रेसर से दल कर छोटे-छोटे टुकड़े बनाये जाते हैं । इन टुकड़ों के आकार जरूरत के मुताबिक रखे जाते हैं । सड़क बनाने वाले पत्थर के टुकड़े कुछ बड़े होते हैं । मकान के पीलर तथा छत बनाने वाले टुकड़े कुछ छोटे होते हैं । मकान के फर्श बनाने वाले टुकड़े रहर और मटर के साइज के होते हैं ।

सड़क, छत या फर्श की मजबूती पत्थरों के रंग से भी निश्चित की जाती है। सफेद रंग के तथा काले पत्थर बहुत अच्छे माने जाते हैं । भूरा रंग के पत्थर भी अच्छे माने जाते हैं । रोहतास, शेखपुरा, पटना जिले के दक्षिण भाग में राजगीर की पहाड़ियों से अब तक पत्थर मंगाये जाते रहे हैं । झारखंड के पाकुड़ का पत्थर बहुत अच्छा माना जाता है । बनावट के आधार पर चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं :

आग्नेय चट्टान
अवसादी चट्टान तथा
रूपांतरितं चट्टान ।

  1. आग्नेय चट्टान-पिघला हुआ गर्म पदार्थ पृथ्वी के अन्दर से ऊपर ‘धरातल पर आने के क्रम में धरातल के निकट भू-पर्पटी पर जम जाता है। यह कभी-कभी भरातल तक पहुंच जाता है और जम जाता है आग्नेय चट्टान सदैव परतदार ही नहीं होते । छूने पर पता चलता है कि ये चिकने नहीं, बल्कि रुखड़े है अर्थात् ये रवादार है। जो रवा जल्दी जमते हैं, वे अपेक्षाकृत महीन होते हैं और जो देर से जमते हैं, उनके रवे मोटे होते हैं
  2. अवसादी चट्टान-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं । नदियाँ बाढ के साथ काफी अवसाद अपने साथ लाती हैं, और लौटते समय ये अवसाद अपने किनारों पर जमा कर देती हैं । चूना पत्थर और बलुआ पत्थर अवसादी चट्टान के ही उदाहरण हैं।
  3. रूपांतरित चट्टानें-जब आग्नेय चट्टानें ताप और दाब के कारण अपने रूप और गुण में बदलाव कर लेती हैं तो ऐसी चट्टानें रूपांतरित चट्टानें कहलाती हैं। चूना पत्थर अत्यधिक दबाव के कारण संगमरमर बन जाता है। वैसे ही ग्रेनाइट ताप और दाब के कारण नाइस में बदल जाता है।
    चट्टानों के बनने की प्रक्रिया तथा गुण अलग-अलग होते हैं, अत: इनके नाम अलग-अलग होते हैं । इस चट्टानों को परतों में यदि पेड़-पौधे तथा जीव जन्तु दबे रह जाते हैं तो हजारों-हजार वर्षों में अपने रूप बदल लेते हैं और जीवाश्म कहलाते हैं ।

प्रायः ये पत्थर का रूप ले लेते हैं। कुछ चट्टानों में खनिज भी पाये जाते हैं । खनिज हमारे अनेक कामों में व्यवहार किये जाते हैं। आज की जो उन्नत सभ्यता है, वह इन खनिजों के बल पर ही है । सोना, चाँदी, लोहा, कोयला, किरासन तेल, पेट्रोल, रसोई गैस, सब खनिजों से ही प्राप्त होते हैं।

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