Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 कर्मवीर

Bihar Board Class 8th Hindi Book Solutions हिंदी 1 Chapter 3 कर्मवीर NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 कर्मवीर

प्रश्न – अभ्यास

पाठ से

कर्मवीर कविता का प्रश्न उत्तर Class 8 Bihar Board प्रश्न 1.
कर्मवीर की पहचान क्या है ?
उत्तर:
कर्मवीर विघ्न-बाधाओं से घबड़ाते नहीं। वे भाग्य-भरोसे नहीं रहते । कर्मवीर आज के कार्य को आज ही कर लेते हैं। जैसा सोचते हैं वैसा ही बोलते हैं तथा जैसा बोलते हैं, वैसा ही करते हैं । कर्मवीर अपने समय को व्यर्थ नहीं जाने देते । वे अलसाते भी नहीं। कर्मवीर समय का महत्व सदैव देते हैं। वे परिश्रम करने से जी नहीं चुराते हैं । कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कठिन कार्य कर दिखाते हैं। कर्मवीर कार्य करने में थकतें नहीं हैं। जिस कार्य को आरम्भ करते उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। उलझनों के बीच भी वे उत्साहित दिखते हैं।

Karmveer Poem Question Answer In Hindi Class 8 Bihar Board प्रश्न 2.
अपने देश की उन्नति के लिए आप क्या-क्या कीजिएगा?
उत्तर:
अपने दंश की उन्नति के लिए हम कर्मनिष्ठ बनेंगे। समय का महत्व देंगे । मन-वचन कर्म तीनों से एक रहेंगे । कठिन-से-कठिन परिस्थितियों में भी नहीं घबराएँगे। जिस कार्य में हाथ डालेंगे उसे करके ही दम लेंगे। आलस्य कभी नहीं करेंगे और कभी भी अपने कार्य को कल के भरोसे नहीं टालेंगे।

कर्मवीर की पहचान क्या है उत्तर Class 8 Bihar Board प्रश्न 3.
आप अपने को कर्मवीर कैसे साबित कर सकते हैं ?
उत्तर:
हमें अपने को कर्मवीर साबित करने के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा । समय का महत्व हमें देना होगा। परिश्रमी बनना पड़ेगा तथा आलस्य को त्यागना होगा। मन-वचन और कर्म से एक रहना होगा । उपरोक्त कर्मवीर , के गुणों को अपने में उतारकर हम अपने को कर्मवीर साबित कर सकते हैं। उपरोक्त कर्मवीर के गुणों को अपने में उतारकर हम अपने को कर्मवीर साबित कर सकते हैं।

पाठ से आगे

Karmveer Poem Question Answer Class 8 Bihar Board प्रश्न 1.
परिश्रमी के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। कैसे?
उत्तर:
जो परिश्रमी है उसे मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होती है। । परिश्रमी व्यक्ति कभी आलस्य नहीं दिखाते । अगर परिश्रमी व्यक्ति मन-वचन और कर्म से एक, बना रहे तो कार्य में सफलता अवश्य मिलती है। परिश्रमी व्यक्ति को समय का महत्व समझना चाहिए । इस प्रकार कहा जा सकता है कि कर्मवीर के सारे गुणों को अपना कर परिश्रमी व्यक्ति को कर्मनिष्ठ होना चाहिए जिससे मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति किया जा सकता है।

कर्मवीर कविता के प्रश्न उत्तर Class 8 Bihar Board प्रश्न 2.
कल करें से आज ………………. बहुरि करेगा कब।” से संबंधित अर्थ वाले पंक्तियों को लिखिए।
उत्तर:
उपरोक्त अर्थ वाले पंक्तियाँ हैंआज करना है जिसे करते उसे है आज ही। काम करने की जगह बातें बनाते नहीं।

Karamveer Kavita Ka Question Answer Class 8 Bihar Board प्रश्न 3.
आप किसे अपना आदर्श मानते हैं और क्यों?
उत्तर:
हम अपना आदर्श महात्मा गाँधी को मानते हैं क्योंकि हम सादगी,… सच्चाई और अहिंसा पर विश्वास करते हैं तथा सतत् प्रयत्नशील रहने का प्रयास करते हैं। ये सब आदर्श महात्मा गाँधीजी में मौजूद थे।

व्याकरण

Karmveer Question Answers Class 8 Bihar Board प्रश्न 1.
दिये गये शब्दों से विपरीतार्थक शब्द-युग्म बनाइए जैसे-अमीर-गरीब।
उत्तर:

दुःख – सुख
कठिन – आसान
भलाई – बुराई
सुख – दुःख
जनम – मरणं
बुराई – भलाई
सपूत – कपूत
मरन – जनम
कपूत – सपूत
समर्थक – विरोधी
विरोधी – समर्थक
असंभव – संभव
नभ – तल
फूल – शूल
आरंभ – अन्त
बुरा – भला
वीर – कायर
संभव – असंभव
तल – नभ
शुल – फूल
अंत – आदि
भला – बुरा
कायर – वीर।
Karamveer Chapter Question Answer Class 8 Bihar Board प्रश्न 2.
सामान्य वाक्य-रेगिस्तान में जल ढूँढ़ना बहुत कठिन है। – मुहावरेदार वाक्य-रेगिस्तान में जल ढूँढना लोहे के चने चबाने की तरह है।
उक्त उदाहरण की तरह निम्नलिखित सामान्य वाक्यों को भी

मुहावरेदार वाक्यों में बदलिए

(क) सामान्य वाक्य-रमेश अपनी माँ का प्यारा लड़का है।
उत्तर:
मुहावरेदार वाक्य-रमेश अपनी माँ का आँखों का तारा है।

(ख) सामान्य वाक्य-पुलिस को देखते ही चोर भाग गए।
उत्तर:
मुहावरेदार वाक्य पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गये।

कर्मवीर Summary in Hindi
(कर्म के प्रति निष्ठा ही व्यक्ति की सफलता का निर्धारण ………….. निर्माण करते हैं।)

देखकर बाधा …………………….. मिले फूले-फले।

अर्थ – कर्मवीर अनेक बाधाओं और विघ्नों को देखकर भी घबराते नहीं हैं। वे भाग्य के भरोसे रहकर दुःख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं। काम कितना ही कठिन हो लेकिन वे उकताते नहीं । भीड़ में चंचल बनकर अपनी वीरता नहीं दिखलाते हैं। उनके एक आन (प्रतिज्ञा) से बुरे दिन भी अच्छे में बदल जाते हैं।

आज करना है जिसे ……………………… वे कर जिसे सकते नहीं॥

अर्थ – कर्मवीर आज का काम आज ही कर लेते हैं। वे जो सोचते हैंवही कहते हैं तथा सोचे-कहे को ही करते भी हैं। ऐसे लोग वही करते हैं जो उनका मन कहता है लेकिन सदैव सबकी बात सुनते हैं ।
वो अपनी मदद स्वयं करते हैं भूलकर भी वे दूसरे से मदद के लिए मुँह नहीं ताकते।

जो कभी अपने समय ……………………. औरों के लिए॥

अर्थ – कर्मवीर अपने समय को व्यर्थ नहीं बिताते काम करने की जगह बातें नहीं बनाते हैं। किसी भी काम को कल के लिए नहीं टालते । वे परिश्रम करने से कभी नहीं जी चुराते हैं। ऐसे कोई काम नहीं जो उनके करने से नहीं होता । वे समाज में उदाहरण स्वयं बन जाते हैं।

चिलचिलाती धूप को …………………………. खोल वे सकते नहीं।

अर्थ – चिलाचलाती धूप भी उनके लिए चाँदनी बन जाती है। काम पड़ने पर वे शेर का भी सामना कर लेते हैं । वे हँस-हँसकर कठिन से कठिन काम – को कर लेते हैं। जो ठान लेते उनके लिए वह कठिन काम नहीं रह जाता ।
लम्बी दूरी तय करने के बाद भी वे थकते नहीं। कौन ऐसी समस्या है जिसे कर्मवीर सुलझा नहीं लेते।

काम को आरम्भ ……………….. उज्जवल रतन ॥

अर्थ – कर्मवीर जिस काम को आरम्भ करते हैं उसे बिना किये हुए नहीं , छोड़ते । जिस काम को करने लगते उससे भूलकर भी मुख नहीं मोड़ते । वे आकाश-सुमन तोड़ने जैसी वृथा बातें नहीं करते । करोड़ों की संपत्ति हो जाये लेकिन वे मन में कभी भी अहंकार नहीं लाते हैं। कर्मवीर के हाथ में कोयला भी हीरा बन जाता है। शीशा को भी चमकीला (शुद्ध) रत्न बना देते हैं।

पर्वतों को काटकर सड़कें …………………….. तार की सारी क्रिया ॥

अर्थ-कर्मवीर पर्वतों को भी काटकर सड़क बना देते हैं। मरुभूमि में भी सैकड़ों नदियाँ बहा देते हैं। समुद्र के गर्भ में भी वे जलयान (जहाज) चला देते हैं। जंगल में भी वे मंगल रचा देते हैं। अकाश-पताल का रहस्य भी उन्होंने बताया। सूक्ष्म से सूक्ष्म क्रिया के बारे में भी उन्होंने ही बतलाया।

स्थल को वे कभी ………………… अपना ठीक करके ही टलें।

अर्थ – कर्मवीर कार्य-स्थल के बारे में नहीं पूछते । किसी भी स्थल पर असम्भव कार्य को सम्भव कर दिखाते हैं। जहाँ उन्हें अधिक उलझनें दिखती वहाँ वे अपने कार्य को और भी अधिक उत्साह से करते हैं। विरोधी उनके कर्म मार्ग में भले ही सैंकड़ों अड़चने डाल दें लेकिन वे अपना कार्य पूरा करके ही निकलते हैं।

सब तरह से आज ……………….. भलाई भी तभी॥

अर्थ – आज सम्पन्न जितने देश हैं जो बुद्धि-विद्या, धन-सम्पदा से परिपूर्ण देश है। उन देशों को सम्पन्न बनाने में कर्मवीरों का ही हाथ है। जिस देश की जितनी उन्नति हुई है उन देशों में उतने ही कर्मवीर हैं। जिस देश में जितने कर्मवीर पैदा लेंगे उतना ही उस देश और समाज की भलाई होगी।

Leave a Comment