Bihar Board Class 8th Social Science Book Solutions सामाजिक विज्ञान 1 Chapter 1D ऊर्जा संसाधन – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.
Bihar Board Class 8 Social Science Geography Solutions Chapter 1D ऊर्जा संसाधन
I. बहुवैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न 1.
गोंडवाना कालीन चट्टानों में किस खनिज के भंडार मिलते हैं ?
(क) पेट्रोलियम
(ख) कोवला
(ग) प्राकृतिक गैस
(घ) सौर ऊर्जा
उत्तर-
(ख) कोवला
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प्रश्न 2.
कोयला का सर्वोत्तम किस्म कौन सा है ?
(क) पीट
(ख) लिग्नाइट
(ग) बिटुमिनस
(घ) ऐंथ्रासाइट
उत्तर-
(घ) ऐंथ्रासाइट
प्रश्न 3.
सिंगरौली कोयला क्षेत्र किस राज्य में है ?
(क) मध्य प्रदेश
(ख) आंध्रप्रदेश
(ग) झारखंड
(घ) बिहार
उत्तर-
(क) मध्य प्रदेश
प्रश्न 4.
हुगड़ीजन में किसका उत्पादन होता है ?
(क) कोयला
(ख) पवन ऊर्जा
(ग) सौर ऊर्जा
(घ) पेट्रोलियम
उत्तर-
(घ) पेट्रोलियम
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प्रश्न 5.
पवन-उर्जा उत्पादन से संबंधित क्षेत्र है ?
(क। साम्बा ।
(ख) ताम्बा
(ग) लाम्बा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ग) लाम्बा
प्रश्न 6.
पूगा घाटी प्रसिद्ध है
(क) नाप के लिए
(ख) ज्वारीय ऊर्जा के लिए
(ग) कायना उत्पादन के लिए
(घ) पेट्रोलियम उत्पादन के लिए
उत्तर-
(क) नाप के लिए
II. खाली स्थानों का उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।
कलपक्कम में …………….. ऊर्जा का उत्पादन होता है।
1951 में देश में कोयला का उत्पादन ……….. करोड़ टन हुआ ।
अंकलेश्वर में ………………… का उत्पादन किया जाता है।
मथुरा तेलशोधन केन्द्र ……………. राज्य में है।
हीराकुण्ड जलविद्युत परियोजना ……………… महानदी पर विकसित
उत्तर-
परमाणु,
3.5,
तेल,
उत्तर प्रदेश,
महानदी ।
III. सही मिलान कर लिखें।
मोहपानी – (क) ताप विद्युत
रूद्र सागर – (ख) परमाणु ऊर्जा
फरक्का – (ग) पेट्रोलियम
तारापुर – (घ) सौर ऊर्जा
तातापानी – (ङ) कोयला
उत्तर-
मोहपानी – (ङ) कोयला
रूद्र सागर – (ग) पेट्रोलियम
फरक्का – (क) ताप विद्युत
तारापुर – (ख) परमाणु ऊर्जा
तातापानी – (घ) सौर ऊर्जा
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें (अधिकतम 50 शब्दों में)
प्रश्न 1.
भारत में कोयले के वितरण व उत्पादन क्षेत्र के कुछ केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारत में कोयले झारखंड का झरिया, बोकारो, धनबाद, गिरीडीह, कर्णपूरा एवं रामगढ़ क्षेत्र, छत्तीसगढ़ का चिरिमिरी, विश्रामपुर, झिलमिली, कोरबा, उड़ीसा का तालचर, पश्चिम बंगाल का रानीगंज मध्यप्रदेश का , सिंगरौली, सोहागपुर, उमरिया तथा मोहपानी एवं महाराष्ट्र का चांदा-वर्धा, कांपटी एवं बर्दर प्रमुख हैं।
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प्रश्न 2.
भारत के जलविद्युत परियोजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
भारत में जलविद्युत का पहला संयंत्र 1887 में दार्जिलिंग में लगाया गया था। इसके बाद देश में बहुद्देशीय नदी घाटी योजनाओं द्वारा कई जलविद्युत उत्पादन केन्द्र विकसित किए गए । इनमें भाखड़ा नांगल परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना आदि प्रमुख हैं।
प्रश्न 3.
परमाणु ऊर्जा उत्पादक पाँच केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
परमाणु ऊर्जा के पाँच केन्द्र निम्नलिखित हैं
तारापुर (महाराष्ट्र)
राणाप्रताप सागर केन्द्र (कोटा राजस्थान)
कालापक्कम् (तामिलनाडु)
नरौरा (उत्तर प्रदेश) ।
ककरापारा (गुजरात) ।
- संसाधन के संरक्षण हेतु क्या उपाय किए जा सकते हैं ? किन्हीं तीन उपायों को लिखिए।
उत्तर-
संसाधन के संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते
हम संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करेंगे ।
इनके विकल्पों की खोज कर इसके उपयोग को बढ़ावा देंगे।
बिना जरूरत ऊर्जा या विद्युत का उपयोग नहीं करेंगे ।
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- गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर-
गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के नाम निम्नलिखित हैं – सौर ऊजा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा आदि ।
V. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें (अधिकतम 200 शब्दों में)
प्रश्न 1.
ऊर्जा संसाधन पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
ऊर्जा की आवश्यकता हमें जीवन के प्रारंभिक काल से ही रही है। विकास के आरंभिक दौर में शारीरिक ऊर्जा का उपयोग किया गया । कालांतर में लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम, जलविद्युत, परमाणु ऊर्जा का उपयोग बढ़ा । परंतु अब तो सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा एवं बायोगैस का भी हम उपयोग करने लगे हैं।
ऊर्जा के इन साधनों को वृहत रूप से दो वर्गों में रखा जाता है”
परंपरागत स्रोत
गैर परंपरागत स्रोत ।
प्रश्न 2.
भारत में कोयला के उत्पादन एवं वितरण का विवरण लिखिए ।
उत्तर-
कोयला उत्पादक देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन एवं भारत का स्थान प्रमुख है । भारत में प्रमुखतः गोडवाना समूह की चट्टानों में कोयला पाया जाता है। कोयला भंडार का 98% हिस्सा गोंडवाना समूह में है। इस प्रकार के कोयले दामोदर, सोन, महानदी, गोदावरी-वर्धा नदियों की भ्रंश घाटियों में पाई जाती है । उत्पादक राज्यों में झारखंड का झरिया, बोकारो, धनबाद, गिरीडीह, कर्णपुरा एवं रामगढ़ क्षेत्र, छत्तीसगढ़ का चिरिमिरी, विश्रामपुर, झिलमिली, कोरबा, उड़ीसा का तालचर, पश्चिम बंगाल का रानीगंज मध्यप्रदेश का सिंगरौली, सोहागपुर, उमरिया तथा मोहपानी एवं महाराष्ट्र का चांदा-वर्धा, कांपटी एवं बर्दर प्रमुख हैं ।
टर्शियरी कालीन कोयला असम, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू-कश्मीर में निकाला जाता है । टर्शियरी युग की चट्टानों में निम्न कोटि का कोयला पाया जाता है । लिग्नाइट कोयला का उत्दान तमिलनाडु के लिग्नाइट बेसिन तथा राजस्थान, गुजरात एवं जम्मू कश्मीर में किया जाता है। 1951 में देश में कोयला का उत्पादन लगभग 3.5 करोड टन हुआ जो 2007 में 45.6 करोड़ टन हो गया ।
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प्रश्न 3.
भारत में ऊर्जा के परम्परागत ऊर्जा स्रोत पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
ऊर्जा के परम्परागत स्रोत सदियों से ऊर्जा प्रदान करते आ रहे हैं परंतु ये स्रोत क्षयशील एवं अनवीकरणीय है । परंपरागत स्रोत के अन्तर्गत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जलविद्युत इत्यादि को शामिल किया जाता है। इनमें जलविद्युत को छोड़कर सभी अनवीकरणीय स्रोत हैं । इन खनिजों का उपयोग एक बार हो जाने पर वे समाप्त हो जाते हैं। उनकी नवीकरण या पुन:चक्रण संभव नहीं होता है। कुल भंडार में से उपयोग की गई मात्रा हमेशा घटती जाती है इसलिए यह क्षयशील संसाधन है ।
प्रश्न 4.
भारत में पेट्रोलियम के उत्पादन एवं वितरण का विवरण लिखिए।
उत्तर-
भारत में पेट्रोलियम पहली बार 1866 में पता चला तथा 1890 में डिगबोई से पहली बार तेल मिला । इसके बाद 1959 में खंभात के क्षेत्र में और फिर 1975 में मुंबई हाई तेल क्षेत्र का पता चला।
भारत में तेल उत्पादन की दृष्टि से असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड महत्त्वपूर्ण है । यहाँ डिगबोई, नहरकटिया, हुगड़ीजन, मोरान, रूद्रसागर, निगरू एवं बौरहोल्ला मुख्य उत्पादन केन्द्र हैं । गुजरात राज्य में अंकलेश्वर, कलोल, बलोल, कोसंबा, मेहसाना, बकरोल, नवगाँव इत्यादि मुख्य उत्पादन केन्द्र हैं । महाराष्ट्र राज्य से पश्चिम अरब सागर में मुंबई हाई प्रमुख उत्पादन केन्द्र है। यहाँ समुद्र में सागर सम्राट नामक एक जलमंच बनाया गया है जो तेल खनन का काम करने में मदद करता है । देश के पूर्वीभाग में कृष्णा-गोदावरी तथा कावेरी नदियों के बेसिन में विशेष रूप से नरीमानन एवं कोविलकप्पल में तेल मिले हैं। इसके अलावा पश्चिमी राज्य राजस्थान में बाडमेर बेसिन के मंगला क्षेत्र में तेल मिला है।
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प्रश्न 5.
ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोतों पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
वर्तमान समय में ऊर्जा के ऐसे कई स्रोत खोज लिए गए हैं जिनके भंडार असीमित हैं । ये कभी खत्म नहीं हो सकते हैं । इसलिए इन स्रोतों को अक्षय स्रोत या नवीकरणीय स्रोत कहे जाते हैं । इन स्रोतों में सौर ऊजा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा आदि शामिल हैं।
भारत में प्रतिवर्ग 20 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है । सोलर प्लेटों की सहायता से सूरज की गर्मी से उत्पन्न की जानेवाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहा जाता है । इसका सबसे बड़ा संयंत्र गुजरात के भुज में लगाया गया है ।
पृथ्वी के अंतर प्रति 32 किलोमीटर की गहराई पर 1°C तापमान की वृद्धि होती जाती है । इस दृष्टि से पृथ्वी के भीतर ऊर्जा या ताप संग्रहित है । इस ऊर्जा को विशेष तकनीक द्वारा पृथ्वी के ऊपर लाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है। जिसे भूतापीय ऊर्जा कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश के मणिकरण, लद्दाख के पूगा घाटी तथा मध्य प्रदेश के तातापानी में इसके संयंत्र लगे हैं ।
तेज बहते हुए पवन से ऊर्जा का उत्पादन पवन ऊर्जा कहलाता है । देश के गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक में इसके दोहन की अच्छी संभावनाएं हैं। भारत में पवन ऊर्जा की उत्पादन क्षमता 50 हजार मेगावाट है । गुजरात के लांबा में एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र लगाया गया है । तमिलनाडु के तूतीकोरिन में भी पवन-फार्म लगाए गए हैं।
तटीय भागों में आनेवाले ज्वार से पैदा की जानेवाली ऊर्जा ज्वारीय ऊर्जा है। भारत के तटीय भागों में इसके विकास की असीम संभावनाएँ हैं । अनुमान है कि देश में 8000-9000 मेगावाट संभाव्य ज्वारीय ऊर्जा है । खंभात की खाड़ी इसके लिए सबसे अनुकूल है । कच्छ की खाड़ी और सुंदरवन क्षेत्र में भी ज्वारीय ऊर्जा का उत्पादन की संभावना है।