Bihar Board Class 9 Geography Solutions Chapter 4 जलवायु

Bihar Board Class 9th Social Science Book Solutions Chapter 4 जलवायु – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 9 Geography Solutions Chapter 4 जलवायु

दी में कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4 जलवायु Question Answer Bihar Board Class 9 प्रश्न 1.
जाड़े में तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा का क्या कारण है ?
(क) दक्षिण-पश्चिमी मौनसून
(ख) उत्तर-पूर्वी मौनसून
(ग) शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
(घ) स्थानीय वायु परिसंचरण ।
उत्तर-
(क) दक्षिण-पश्चिमी मौनसून

जलवायु के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 9 Chapter 4 प्रश्न 2.
दक्षिण भारत के संदर्भ में कौन-सा तध्य गलत है ?
(क) दैनिक तापांतर कम होता है ।
(ख) वार्षिक तापांतर कम होता है ।
(ग) तापांतर वर्ष भर अधिक रहता है ।
(घ) विषम जलवायु पायी जाती है।
उत्तर-
(क) दैनिक तापांतर कम होता है ।

Bihar Board Class 9 Geography Solution Chapter 4 प्रश्न 3.
जब सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है, तो उसका क्या प्रभाव होता है ?
(क) उत्तरी पश्चिमी भारत में उच्च वायुदाब रहता है ।
(ख) उत्तरी पश्चिमी भारत में निम्न वायुदाब रहता है ।
(ग) उत्तरी पश्चिमी भारत में तापमान एवं वायुदाब में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
(घ) उत्तरी-पश्चिमी भारत से मौनसून लौटने लगता है।
उत्तर-
(ख) उत्तरी पश्चिमी भारत में निम्न वायुदाब रहता है ।

Bihar Board Class 9 Geography Solutions Chapter 4 प्रश्न 4.
विश्व में सबसे अधिक वर्षा किस स्थान पर होती है ?
(क) सिलचर
(ख) चेरापुंजी
(ग) मौसिमराम
(घ) गुवाहाटी
उत्तर-
(ग) मौसिमराम

जलवायु पाठ के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 9 Chapter 4 प्रश्न 5.
मई महिने में पश्चिम बंगाल में चलने वाली धूल भरी आँधी को क्या कहते हैं ?
(क) लू
(ख) व्यापारिक पवन
(ग) काल वैशाखी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ग) काल वैशाखी

पाठ 4 जलवायु के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 9 प्रश्न 6.
भारत में दक्षिणी-पश्चिम मौनसून का आगमन कब से होता है ?
(क) 1 मई से
(ख) 2 जून से
(ग) 1 जुलाई से
(घ) 1 अगस्त से
उत्तर-
(ख) 2 जून से

Bihar Board Solution Class 9 Geography Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 7.
जाड़े में सबसे ज्यादा ठंढ कहाँ पड़ती है ?
(क) गुलमर्ग
(ख) पहलगाँव
(ग) खिलनमर्ग
(घ) जम्मू
उत्तर-
(ग)

कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4 जलवायु सवाल जवाब Bihar Board प्रश्न 8.
उत्तर पश्चिमी भारत में शीतकालीन वर्षा का क्या कारण है ?
(क) उत्तर-पूर्वी मौनसून
(ख) दक्षिण-पश्चिमी मौनसून
(ग) पश्चिमी विक्षोभ
(घ) उष्णकटिबंधीय चक्रवात
उत्तर-
(ख)

कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4 जलवायु पीडीएफ Bihar Board प्रश्न 9.
ग्रीष्म ऋतु का कौन स्थानीय तूफान है जो कहवा की खेती के लिए उपयोगी होता है ?
(क) आम्र वर्षा
(ख) फूलों वाली बौछार
(ग) काल वैशाली
(घ) लू
उत्तर-
(क)

रिक्त स्थान की पूर्ति करें :

  1. जनवरी में चेन्नई का तापमान कोलकाला से … से रहता
    (कम/अधिक)
  2. उत्तर भारत में वर्षा पूरब की अपेक्षा पश्चिम की ओर ….. .. …..” होती है।
    (कम/अधिक)
  3. मौनसून शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम . .. नाविकों ने किया था ।
    (अरब/भारत)
  4. पश्चिम घाट पहाड़ के पश्चिमी भाग में ……………….. वर्षा होती
    (कम/अधिक)
  5. पर्वत का ……………….. भाग वृद्धि छाया का प्रदेश होता है।
    (पवन विमुख/पवन अभिमुख
    )

उत्तर-

अधिक,
कम,
अरब,
अधिक,
पवन विमुख ।
भौगोलिक कारण बताएँ

जलवायु Class 9 Notes In Hindi Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 1.
पश्चिमी राजस्थान एक मरुस्थल है ?
उत्तर-
राजस्थान का पश्चिमी भाग मरुस्थल है.जो थार की मरुभूमि कहलाता है । मरुस्थल होने के कई कारण हैं
(i) बंगाल की खाड़ी मौनसून शाखा की हवाएँ उत्तर पश्चिम के निम्नतम दाब वाले क्षेत्र में पहुँचने के पहले ही सूख जाती है । अत: वर्षा नहीं कर पाती हैं।
(ii) अरब सागरीय मौनसून शाखा के मार्ग में अरावली पहाड़ियाँ कोई अवरोध उत्पन्न नहीं करती क्योंकि ये मौनसून पवनों के समानांतर स्थित है । अतः वहाँ हवाएँ ऊपर चढ़कर आगे बढ़ जाती हैं।
(iii) बलुई क्षेत्र का ग्रीष्म ऋतु में तापमान इतना अधिक रहता है जिससे कि मौनसून पवनों की आर्द्रता वाष्पीकृत हो जाती है । इस क्षेत्र में सालाना वर्षा , 25 से०मी० होती है। इन कारणों से राजस्थान का पश्चिमी भाग मरुस्थल है।

Jalvayu 9th Class Chapter Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 2.
तमिलनाडु में जाड़े में वर्षा होती है।
उत्तर-
सितम्बर के अंत में सूर्य के दक्षिणायन होने के कारण उत्तरी-पश्चिमी भाग का निम्नदाब समाप्त होकर दक्षिण में खिसक जाता है । फलतः मौनसून वापस लौटने लगता है। हवाएँ स्थल की ओर से चलने लगती है, अतः शुष्क होती हैं । ये हवाएँ बंगाल की खाड़ी को पार करके लौटते आर्द्रता ग्रहण कर दक्षिण-पूर्वी का कारोमंडल तट पर भारी वर्षा करती है। यह तमिलनाडु का क्षेत्र है जहाँ वर्षा की अधिकतम मात्रा 44% से 60% इसी शीत ऋतु में होती है। इसी शीतऋतु में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवातों से भी यहाँ भारी वर्षा होती है।

जलवायु कक्षा 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 3.
भारतीय कृषि मौनसून के साथ जुआ है ?
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ की कृषि मुख्यतः वर्षा पर ही आधारित है। भारत में वर्षा मौनसून पवनों द्वारा ही होती है, पर भारत की कृषि मौनसून के साथ जुआ हैं। इनके निम्नलिखित कारण हैं
(i) अनिश्चितता-भारत में होने वाली मौनसूनी वर्षा की मात्रा पूरी तरह निश्चित नहीं है। कभी तो मौनसन पवन समय से पहले पहँच भारी वर्षा करती है । कई स्थानों में बाढ़ आ जाती है । कभी यह वर्षा इतनी कम होती है या निश्चित समय से पहले ही खत्म हो जाती है कि सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है।
(ii) असमान वितरण-देश में वर्षा का वितरण समान नहीं है । पश्चिमी घाट की पश्चिमी ढलानों ओर मेघालय तथा असम की पहाड़ियों में 250mm से भी अधिक.वर्ण होती है । दूसरी ओर पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी गुजरात, उत्तरी कश्मीर आदि जगहों पर 25mm से भी कम वर्षा होती है।
(iii) अस्थिरता-भारत में मौनसून पवनों से वर्षा भरोसे योग्य नहीं है। यहाँ के किसान खेतों में बीज बो देते हैं पर मौनसून के अनिश्चित होने के कारण फसल मारी जाती है, तो कभी अच्छी फसल भी हो जाती है अतः कहा जाता है कि भारतीय कृषि मौनसून के साथ जुआ है।

Class 9 Geography Chapter 4 Jalvayu Bihar Board प्रश्न 4.
मौसिमराम में विश्व की सर्वाधिक वर्षा होती है।
उत्तर-
दक्षिण-पश्चिम मौनसून बंगाल की खाड़ी से जलवाष्प लेकर उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता है । यह मेघालय तक पहुँच जाता है । उसके

पहले यह मौनसून हवा मेघालय पठार के दक्षिण स्थित गारो, खासी, जैन्तिया पहाड़ियों से टकराती है । वह खासी पहाड़ी पर स्थित मौसिमराम नामक स्थान में संसार की सबसे अधिक वर्षा 1187 से०मी० करती है, हवा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ती जाती है, उन पहाड़ियों का फैलाव कीचनुआ है जिससे हवाएँ तीन ओर से घिरकर ऊपर उठने लगती है और वर्षा करने लगती है और अधिक वर्षा करने में समर्थ हो जाती है। 5. ऊटी में सालोंभर तापमान काफी नीचे रहता है।
उत्तर-सौर किरणों के सीधा या तिरछा होने पर सौर्य ऊर्जा की मात्रा में अन्तर हो जाता है । सूर्य की किरणें निम्न अक्षांशों पर सीधी तथा.उच्च अक्षांशों पर तिरछी पडती है। जैसे-जैसे समद्रतल से धरातल की ऊँचाई बढती जाती है, वायमण्डल विरल होता जाता है तथा तापमान घटता जाता
है। यही कारण है कि निम्न आक्षांश में स्थित ऊँटी (तमिलनाडु) जो अधिक ऊँचाई पर स्थित है सालोभर तापमान कम रहता है ।

लघु उत्तरीय प्रश्न

जलवायु पाठ प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 9 Chapter 4 प्रश्न 1.
जाड़े के दिनों में भारत में कहाँ-कहाँ वर्षा होती है ?
उत्तर-
जाड़े के दिनों में भारत के पूर्वी तटीय भाग तमिलनाडु तथा केरल में वर्षा होती है।

Jalvayu Chapter Ke Question Answer Bihar Board Class 9 Chapter 4 प्रश्न 2.
फैरेल का क्या नियम है ?
उत्तर-
पृथ्वी पर स्थायी वायु दाब पेटियों के बीच चलनेवाली प्रचलित हवाएँ (Precalling wind) की दिशा पर पृथ्वी के घूर्णन का प्रभाव पड़ता है । पृथ्वी के.घूर्णन के कारण ही कोरियोलिस बल (Coriolis Force) उत्पन्न होता है जिसके कारण उत्तरी गोलार्द्ध में हवाएँ दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर मुड़ जाती है । अर्थात् विषुवत् रेखा को पार करने के बाद दक्षिणी गोलार्द्ध की हवाएँ दाहिनी ओर मुड़ जाती हैं तथा दक्षिण-पश्चिम से चलने लगती है। इसे सबसे फेरल महोदय ने पता लगाया इसीलिए इसे फैरल का नियम कहते हैं।

जलवायु प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 9 Chapter 4 प्रश्न 3.
जेट स्ट्रीम क्या है ?
उत्तर-
ऊपरी वायुसंचरण भारत में पश्चिमी प्रवाह से प्रभावित रहता है। जेट धाराएँ इसी प्रवाह का मुख्य अंग हैं। जेट धाराएँ ऊपरी वायुमंडल (1200 मीटर से भी अधिक ऊँचाई पर) में लगभग 27° से 30° ऊत्तरी अक्षांशों के बीच चलती हैं। अतः इन्हें उपोष्ण कटिबंधीय पश्चिमी जेट धाराएँ कहा जाता है। ये सितम्बर से मार्च तक हिमालय के दक्षिण छोर पर चला करती हैं तथा देश के उत्तर एवं पश्चिम भाग में पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ के रूप में आकर कभी-कभी वर्षा की झड़ी लगा देती हैं। गर्मियों में इसकी गति लगभग 110 कि०मी० और सर्दियों में 184 किमी० प्रतिघंटा होती है।

Bihar Board Solution Class 9 Social Science Chapter 4 प्रश्न 4.
भारतीय मौनसून की तीन प्रमुख विशेषताएँ बताइए?
उत्तर-
भारतीय मौनसून की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं(i) मौनसून वर्षा भूआकृति द्वारा नियमित होती है ।
(ii) मौनसूनी वर्षा का भारत में वितरण भी असमान होता है जो औसत 12 से०मी० से 1180 से०मी० के नीचे पाया जाता है ।
(iii) मौनसून कभी पहले और कभी देर से आती है, कभी अतिवृष्टि एवं कभी अनावृष्टि लाती है । फलतः फसलें प्रभावित होती हैं तथा बाढ़ एवं सूखा जैसी आपदाएँ लाती हैं।

Geography Class 9 Bihar Board Chapter 4 प्रश्न 5.
लू से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
ग्रीष्म ऋतु में मई के महीने में उत्तर भारत में चलने वाली हवा अत्यन्त गर्म और शुष्क होती है, तापक्रम लगभग 40°C तक चला जाता है । इस शुष्क चलने वाली हवा को ‘लू’ कहते हैं। . 6. मौनसून का विस्फोट क्या है ?
उत्तर-उत्तर भारत में आधे जून से मौसम में अचानक बदलाव आने लगता है। तेजी से हवा दक्षिण पश्चिम से आने लगती है। आकाश बादलों

से आच्छदित हो जाता है तथा गर्जन-तर्जन के साथ भारी वर्षा होने लगती है। इसे ही मौनसून का फटना (Monsoon Burst) कहा ता है। लोगों को गर्मी से राहत मिलती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4 जलवायु नोट्स Bihar Board प्रश्न 1.
भारत की मौनसूनी जलवायु की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को सोदाहरण समझाइए?
उत्तर-
निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट है कि भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में विविध प्रकार की जलवायु दशाएँ पायी जाती हैं
तापमान-भारत में विभिन्न भागों के तापमान में काफी अन्तर मिलता है। राजस्थान के बाड़मेर में जून में दिन का तापमान 482-55 सेंटिग्रेड होता है तो उसी दिन कश्मीर के गुलमर्ग का तापमान 20° से भी कम रहता है। यहाँ तक कि गुलमर्ग के उत्तर में खिलनमर्ग का तापमान 0° से भी कम रहता है । उसी तरह दिसंबर में कश्मीर के किसान ठंढ से काँपते हैं, उसी समय केरल तट पर मोपला जाति के लोग लुंगी पहने खुले बदन धान की खेती करते मिलते हैं। दिसम्बर की रात में कारगिल जैसे स्थानों में न्यूनतम तापमान – 402 सेंटीग्रेट तक होता है। राजस्थान के थार मरुस्थल में गर्मी का दिन बेहद गर्म होता है तो रात बेहद ठंढी । ताप गिरते हुए 0°C तक चला जाता है। भारत के किसी अन्य भागों में इतना अधिक तापान्तर नहीं मिलता है।

वर्षा-जून में उत्तर भारत शुष्क और गर्म होता है जबकि असम में इतनी वर्षा होती है कि ब्रह्मपुत्र नदी में भयंकर बाढ़ आने लगती है।
भारत के समुद्र तटीय क्षेत्र में तापमान सम एवं स्थल के मध्य में विषम पाया जाता है। ये सभी दैनिक विभिन्नताएँ हैं।
वर्षा की दृष्टि से मासिमराम में औसत वर्षा 1180 सेंटीमीटर है जबकि जैसलमेर में 12 से०मी० से अधिक नहीं होती।
उत्तर भारत में वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम में घटती जाती है जिससे लोगों के भोजन, वस्त्र एवं आवास में विभिन्नताएँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 2.
भारत में कितनी ऋतुएँ पायी जाती हैं ? किसी एक का भौगोलिक विवरण दीजिए।
उत्तर-
भारत में कुल छः ऋतुएँ पायी जाती हैं- वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, .शरद एवं शिशिर । पर भौगोलिक दृष्टि से तथा मौसम विभाग के अनुसार भारत में मुख्यतः चार ऋतुएँ हैं-
(i) शीतऋतु-मध्य नवम्बर से मध्य मार्च तक ।
(ii) ग्रीष्म ऋतु-मध्य मार्च से मध्य जून तक ।
(iii) वर्षा ऋतु-मध्य जून से मध्य सितम्बर तक ।
(iv) लौटती मौनसून ऋतु-मध्य सितम्बर से मध्य नवम्बर तक ।
शीतऋतु-यह ऋतु मध्य नवम्बर से मध्य मार्च तक रहती है। इस ऋतु में सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है। इस ऋतु में सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है मध्य भारत में औसत तापक्रम 212 से 27° सेंटीग्रेट के बीच रहता है। गंगा के मैदान में 12 से 180° सेंटीग्रेड होता है।

दक्षिण भारत में चेन्नई का तापक्रम औसत 25° से० कोलकाता का 20° से०, पटना का 17° से० तथा दिल्ली का 14 से० रहता है । सबसे अधिक ठंढक उत्तर-पश्चिमी भाग में रहती है। इसलिए वहाँ एक उच्च दाब क्षेत्र बन जाता है, इस समय हवाएँ स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं जो शुष्क होती हैं और वर्षा नहीं करती हैं। आकाश स्वच्छ रहता है। बादल रहित आकाश के कारण रात में ताप बहुत कम हो जाता है। हिमालय क्षेत्र के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन दिनों हिमपात होता है।

इस समय भारत के दो क्षेत्रों में वर्षा होती है। एक उत्तर पश्चिमी भाग तथा दूसरा दक्षिणी पूर्वी भाग, उत्तर-पश्चिमी भारत में भूमध्यसागरीय चक्रवातों से वर्षा होती है यह वर्षा दिसम्बर से मार्च तक होती है। वर्ष मात्र 3 से 6 सेंटीमीटर ही होती है।

दूसरे स्थान पर जनवरी-फरवरी में उत्तरी-पूर्वी शुष्क हवायें बंगाल की खाड़ी से गुजरती है जलवाष्प ग्रहण कर लेती हैं और भारत के दक्षिणी पूर्वी भाग में तमिलनाडु में वर्षा करती है।

प्रश्न 3.
भारत की जलवायु के मुख्य कारकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारतीय जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित
(i) अक्षांश-कर्क रेखा 23.5° उत्तर भारत के मध्य से गुजरती है जिसमें भारत को लगभग उत्तर उपोष्ण तथा दक्षिण उष्ण कटिबंधीय जलवायु पायी जाती है । उत्तर उपोष्ण में जाड़े में तापमान घट जाता है काफी ठंडा हो जाता है दक्षिणी भाग उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र है यह क्षेत्र बराबर गर्म रहता है।

(ii) ऊँचाई-ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान घटता जाता है । कहा जाता है ‘Higher we go cooler we find’ साधारणतः 165 मीटर की ऊचाई पर 1° सेंटीग्रेट घट जाता है। भारत के उत्तर में हिमालय पर्वतमाला स्थित है जिसकी औसत ऊँचाई लगभग 6000 मीटर है और भारत की तटीय मैदान की ऊँचाई 30 से 150 मीटर है अतः पर्वतीय क्षेत्र ठंढा तथा मैदानी या तटीय क्षेत्र अपेक्षाकृत गर्म रहता है।

(iii) तट रेखा-लम्बी तट रेखा होने से भारत का तटीय क्षेत्र भी विस्तृत है। समुद्र तटीय क्षेत्र में जाड़ा तथा गर्मी के तापमान में ज्यादा अन्तर नहीं पड़ता क्योंकि जल देर से गर्म होता है और देर से ठंढा होता है। अतः समुद्र जल का प्रभाव स्थल भाग पर पड़ता है। जलवायु सम बनी रहती है। दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्र इसके प्रभाव में रहते हैं पर उत्तर भारत के समुद्र से दूर होने के कारण समुद्र का प्रभाव नहीं पड़ता है। अतः वहाँ जाड़े में खूब ठंढक और गर्मी में खूब गर्मी पड़ती है। वार्षिक तापान्तर बहुत ज्यादा होता है तथा जलवायु विषम होती है।

(iv) पवन की दिशा या वायुदाब-वायुदाब तथा पवन की दिशा ने भारत की जलवायु को विशिष्ट बना दिया है। सूर्य के (मई-जून) उत्तरी गोलार्द्ध में होने के कारण राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में निम्नदाब का केद्र बन जाता है तथा मकर रेखा क्षेत्र में उच्च दाब बन जाता है अतः गर्मी में दक्षिणी गोलार्द्ध के मकर रेखा क्षेत्र की हवाएँ तेजी से हिन्द महासागर को पार कर भारत में पहुँचने लगती हैं और भारत मौनसून के प्रभाव में आ जाता है।

प्रश्न 5.
जेट धाराएँ क्या हैं तथा भारतीय जलवायु पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
जेट धाराएँ ऊपरी वायुमंडल (1200 मीटर से भी अधिक ऊँचाई पर) में तेज गति से चलनेवाली पवनें हैं, जेट धाराएँ लगभग 272 से 30° उत्तरी अक्षांशों के बीच वायुमंडल के ऊपरी भाग में चलती हैं। अतः इन्हें उपोष्ण कटिबंधीय पश्चिमी जेट धाराएँ कहा जाता है। ये सितम्बर से मार्च तक हिमालय के दक्षिणी छोर पर चला करती हैं तथा देश के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम भाग में पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ के रूप में आकर कभी-कभी वर्षा की झड़ी लगा देती हैं।

भारत की जलवायु पर प्रभाव-भारत पर जेट हवाओं का गहरा प्रभाव है। शीत ऋतु में हिमालय के दक्षिणी भाग के ऊपर समताप मंडल में पश्चिमी जेट धारा की स्थिति रहती है। जून के महीने में यह उत्तर की ओर खिसक जाती है। इससे 15° उत्तर आक्षांश के ऊपर एक पूर्वी जेट धारा कके विकास में सहायता मिलती है। यही उत्तरी भारत में मौनसून- विस्फोट के लिए उत्तरदायी है । यह बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश आदि के तटीय भाग में कभी-कभी तूफानी हवा के साथ वर्षा करती हैं।

प्रश्न 6.
भारत में होने वाली मौनसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत में होने वाली मौनसूनी वर्षा दो प्रकार की हैं(i) शीतकालीन वर्षा (ii) ग्रीष्म कालीन वर्षा
(i) शीतकालीन वर्षा-भारत में शीतकालीन वर्षा के सीमित क्षेत्र . हैं । लौटती मौनसून तथा उत्तरी पूर्वी मौनसून से भारत के पूर्वी तटीय भाग, तमिलनाडु तथा केरल में वर्षा होती है। स्थल से चलने वाली यह हवा जब बंगाल की खाड़ी से होकर गुजरती है तो नमी धारण कर लेती है जिससे वह वर्षा करती है। दक्षिण-पश्चिम से चलने वाली हवा भारत में प्रवेश कर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में वर्षा करती है । यह पश्चिमी विक्षोभ के कारण होता है। वर्षा पश्चिम से पूरब की ओर घटती जाती है।

(ii) ग्रीष्मकालीन वर्षा-भारत में ग्रीष्मकालीन वर्पा दक्षिण पश्चिम मौनसून हवा से होती है । दक्षिण-पश्चिम मौनसून हवा दो शाखाओं में बँटकर आगे बढ़ती है। एक शाखा अरब शाखा है जिससे भारत के पश्चिम तटीय भाग तथा पश्चिमी घाट पर्वत के पश्चिमी ढाल पर भारी वर्षा होती है।
दूसरी शाखा बंगाल की खाड़ी शाखा है। इस शाखा से अंडमान निकोबार द्वीपों में भारी वर्षा होती है। आगे बढ़ने पर मॉनसूनी वर्पा पूर्वांचल एवं मेघालय के बीच पहुँचकर पश्चिम की ओर मुड़ जाती है तथा पूर्वोत्तर भारत एवं गंगा ब्रह्मपुत्र के मैदान में भारी वर्षा करती है। ज्यों-ज्यों यह पश्चिम की ओर बढ़ती है, वर्षा कम होती जाती है। जून से सितम्बर के बीच कोलकाता में 118 सें०मी०, पटना में 100 सें०मी०, इलाहाबाद में 90 सें०मी० तथा दिल्ली में 55 सें०मी० तथा वार्षिक वर्षा 1187 सें०मी० होती है.। लेकिन राजस्थान पहुँचते-पहुँचते वार्षिक वर्षा मात्र 25 सें०मी० तक ही रह जाती है।

मौनसूनी वर्षा की विशेषताएँ –

(i) वर्षा का समय तथा मात्रा-भारत में मौनसूनी पवनों से प्राप्त वर्षा 87% मौनसूनी पवनों द्वारा जून से सितम्बर तक होती है । 3% वर्षा सर्दियों में तथा 10% वर्षा मौनसून आने के पहले तक हो जाती है । बाकी वर्षा जून से सितम्बर तक में होती है।
(ii) अस्थिरता-भारत में मौनसूनी पवनों से प्राप्त वर्षा भरोसे योग्य नहीं है। देश में असमान वर्षा होती है।
(iii) अनिश्चितता-वर्षा की मात्रा पूरी तरह निश्चित नहीं है। कभी मौनसून समय से पहले पहुँचकर भारी वर्षा करता है। कभी वर्षा इतनी कम होती है कि निश्चित समय से पहले ही समाप्त हो जाती है जिससे सूखे की स्थिति कायम हो जाती है।
(iv) शुष्क अंतराल-कई बार गर्मियों में मौनसूनी वर्षा लगातार न होकर कुछ दिन या सप्ताह अंतराल से होती है । इसके चलते वर्षा का चक्र टूट जाता है और वर्षा ऋतु में एक लंबा व शुष्क काल जमा हो जाता निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि मौनसूनी वर्षा अनिश्चित तथा असमान होती है। फिर भी भारत के लिए मौनसून वरदान है।

प्रश्न 7.
एल-निनों एवं ला-निना में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
एल-निनो एवं ला-निना’ के अन्तर इस प्रकार हैं –
हिंदी में कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4 जलवायु Question Answer Bihar Board
जलवायु के प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 9 Chapter 4
मानचित्र कार्य

  1. पूरे पृष्ठ पर भारत का मानचित्र बनाकर निम्नलिखित . को दर्शाइए।
    (क) 400 सेंमी० से अधिक वर्षा का क्षेत्र,
    (ख) 20 सेंमी० से कम वर्षा का क्षेत्र,
    (ग) भारत में दक्षिण-पश्चिमी मौनसून की दिशा,
    (घ) शीतकालीन वर्षा वाले क्षेत्र ,
    (ङ) (i) चेरापूँजी, (ii) मौसिमराम, (ii) जोधपुर, (iv) मंगलोर, (v) ऊटी, (vi) नैनीताल।
    Bihar Board Class 9 Geography Solution Chapter 4

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