MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 13 लोक संस्कृति और नर्मदा

MP Board Class 6th Hindi Book Solutions सुगम भारती Chapter 13 लोक संस्कृति और नर्मदा- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 13 लोक संस्कृति और नर्मदा

वस्तुनिष्ट प्रश्न

प्रश्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए

  1. श्रेष्ठ गंगा है – (क) देश के सर्वोत्तम घाटों में से है
  2. प्राकृतिक परिवेश की रक्षा – (ख) वह प्रकृति की रक्षा करे
  3. होशंगाबाद और महेश्वर के घाट – (ग) लेकिन ज्येष्ठ नर्मदा है।
  4. संस्कृति को चाहिए – (घ) हमारे युग की सबसे बड़ी माँग है
    उत्तर
  5. (ग), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख)

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प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. भारतीय संस्कृति मूलतः……..संस्कृति है। (आरण्यक/नागर)
  2. नर्मदा…….की ओर बहती है। (पूर्व पश्चिम)
  3. प्रकृति को वश में करने में मनुष्य ने अभूतपूर्व……. पा ली है। (असफलता/विफलता)
  4. नर्मदा तट की जनजातियाँ……जरूर हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे संस्कृति संपन्न नहीं है। (अशिक्षित/शिक्षित)
    उत्तर
  5. आरण्यक
  6. पश्चिम
  7. सफलता
  8. अशिक्षित।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 13 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए
(क) संसार की सभी प्रमुख संस्कृतियों का जन्म कहाँ हुआ?
.
उत्तर
संसार की प्रमुख संस्कृतियों का जन्म नदियों की कोख से हुआ।

(ख) प्राचीन समय में आर्यावर्त की सीमा रेखा क्या थी?
उत्तर
प्राचीन समय में आर्यावर्त्त की सीमा रेखा नर्मदा नदी थी।

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(ग) गौड़, भील, बैगा स्त्रियों को किस चीज़ से लगाव होता है?
उत्तर
गौंड़ भील, और बैगा स्त्रियों को गुदनों से बड़ा लगाव था।

(घ) ग्रामीण जनता के एक सूत्र में बंधने का क्या कारण है?
उत्तर-मेलों के कारण जनता एक सूत्र में बंधती है।

(ङ) प्रकृति अपनी स्थिरता क्यों खो रही है?
उत्तर
संस्कृति के संपर्क में आने पर प्रकृति अपनी स्थिरता खो रही है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 13 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) ‘भारतीय संस्कृति को आरण्यक संस्कृति क्यों कहा गया है?
उत्तर
नर्मदा तट पर मोहनजोदड़ो या हड़प्पा जैसी नगर संस्कृति नहीं रही, लेकिन एक आरण्यक संस्कृति अवश्य रही। भारतीय संस्कृति मूलतः आरण्यक संस्कृति है। नर्मदा के तटवर्ती वनों में मार्कण्डेय, मृगु, कपिल, जमदग्नि आदि अनेक ऋषियों के आश्रम रहे।

(ख) ‘नर्मदा चिरकुमारी है’ इस कवन को स्पष्ट करें।
उत्तर
कहते हैं नर्मदा और सोन का विवाह होने वाला था पर सोन नर्मदा की दासी जुहिला पर ही आसक्त हो बैठा। नर्मदा इस बात से नाराज हो गई और कभी विवाह न करने के संकल्प के साथ पश्चिम की ओर चल दी। लज्जित सोन पूर्व की ओर गया। इसीलिए नर्मदा चिरकुमारी कहलाई।

(ग) लोकगीतों की रचना किस प्रकार हुई?
उत्तर
लोकगीतों की रचना किसी एक आदमी ने नहीं बल्कि सैकड़ों पीढ़ियों के प्रयासों से हुई। गायक ने अपने गीत की रचना नहीं की, उसने जो सुना, उसे औरों को दिया, लेकिन एक गायक से दूसरे गायक तक आते-आते गीत बदलते चले गए।

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(घ) नर्मदा तट के सौंदर्य का वर्णन करें।
उत्तर
समूचा नर्मदा तट मंदिरों ओर देवालयों से भरा है। प्रत्येक तीर्थ किसी पौराणिक आख्यान से जुड़ा है। इन देवालयों और घाटों में सुबह-शाम आरती का स्वर या शंख की ध्वनि गूंजती है। कहीं कथा-वार्ता या भजन-कीर्तन का स्वर लहराता है, तो कहीं कोई भक्त ‘त्वदीय पाद पङ्कजं नमामि देवनिर्मदे’ का स्त्रोत पाठ करता है। नर्मदा तट पर मेले भी खूब लगते हैं।

(ङ) संस्कृति के विकास में नदियों का महत्त्व लिखिए।
उत्तर
संस्कृति की कहानी मनुष्य और नदी की जुगलबंदी की कहानी है। संसार की सभी प्रमुख संस्कृतियों का जन्म नदियों की कोख से हुआ। भारतीय संस्कृति गंगा की देन है। जब हिमालय नहीं था, विन्ध्य और सतपुड़ा तब भी थे। विन्ध्य तो शायद भारत भूमि का सबसे पुराना प्रदेश है। नर्मदा आदिम संस्कृतियों का भंडार है। गिरि, जन और वनजातियों की प्राचीन लीला भूमि है।

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भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
ऋषि, संस्कृति, आरण्यक, दंडकारण्य, समन्वय
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
सेष्ठ, परिकरमा, इस्त्रियाँ, रचइता, परिस्कार, प्रदूसित
उत्तर
श्रेष्ठ, परिक्रमा, स्त्रियाँ, रचयिता, परिष्कार, प्रदूषित।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करेंबंजर, मोहक, सृजन, प्रधान, हदय
उत्तर
बंजर-कई सालों से वर्षा नहीं होने के कारण भूमि बंजर हो गई है।
मोहक-प्रकृति के एक मोहक तस्वीर मैंने खींची है।
सृजन-हमें नए-नए विचारों का सृजन करना चाहिए।।
प्रधान-इस गाँव का प्रधान ईमानदार व्यक्ति है।
हृदय-मैं सच्चे हृदय से आपका आभारी हूँ।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द बताइए
गिरि, परिधान, गंगा, तट, भूमि, नदी

उत्तर
पर्वत, वस्त्र, देवनदी, किनारा, धरती, सरिता

प्रश्न 8.
नीचे लिखे शब्दों के अंत में ‘ई’ मात्रा लगाकर शब्द बनाइए
उत्तर
सन्यास – सन्यासी
साहस – साहसी
पश्चिम – पश्चिमी
नागर – नागरी
निवास – निवासी
पहाड़ – पहाड़ी

प्रश्न 9.
दिए गए वाक्यों में से विकारी एवं अविकारी शब्द छाँटिए

  1. हमें प्रतिदिन परिश्रम करना चाहिए।
  2. छात्र भलीभाँति काम नहीं कर सकता।
  3. आह! कैसा सुंदर दृश्य है।
  4. मयंक को साथियों के साथ मिलकर रहना चाहिए।
  5. सूर्यकांत बीमार पड़ गया; इसलिए स्कूल नहीं गया।
    उत्तर
    विकारी – अविकारी
  6. प्रतिदिन – परिश्रम
  7. छात्र – भलीभाँति
  8. सुंदर – आह!
  9. साथियों – के साथ
  10. बीमार – इसलिए

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लोक संस्कृति और नर्मदा प्रसंग सहित व्याख्या

  1. नर्मदा की महत्ता उसकी प्ररिक्रमा से ही सिद्ध हो जाती है। हमारे पुराणों में गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती आदि नदियों का चाहे जितना महात्म्य बताया गया हो; कोई भक्त इन नदियों की परिक्रमा नहीं करता। घर की तमाम सुख सुविधा छोड़कर एक ही नदी की सवा तीन वर्ष में परिक्रमा पूरी करना-इस व्रत में एक प्रकार की वीरता है। यह गरीबों के साथ एकरूप होने की भावना है। प्रकृति के सान्निध्य में रहने की ललक है और है अंतर्मुख होकर प्रभु से लौ लगाने की आकांक्षा।

शब्दार्थ-महात्म्य = महत्ता। तमामसारी। सान्निध्य = नजदीक ललक=इच्छा। अंतर्मुख = भीतर की ओर। आकांक्षा=इच्छा।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित पाठ ‘लोक संस्कृति और नर्मदा से ली गई है। इसके लेखक हैं-अमृतलाल वेगड़। इसमें नर्मदा नदी की महत्ता का व्याख्यान किया गया है।

व्याख्या-नर्मदा एक अद्भुत नदी है। भक्तगण इसे सबसे पवित्र नदी मानते हैं। शायद इसीलिए वे इसकी परिक्रमा करते हैं। गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती आदि नदियाँ भी पवित्र मानी जाती हैं, और पुराणों में इनकी महिमा का भी काफी उल्लेख मिलता है किंतु कोई भक्त इन नदियों की परिक्रमा नहीं करता। केवल नर्मदा ही है। जिसकी परिक्रमा करने में उनकी आस्था है।

ऐसे भक्तगण भी हैं जो घर की सुख-सुविधा को तिलांजलि देकर नर्मदा की परिक्रमा सवा तीन वर्ष में पूरी कर लेते हैं। निस्संदेह यह बहुत मुश्किल काम है। लेकिन भक्तगणों की श्रद्धा के आगे कुछ भी मुश्किल नहीं है।

विशेष-नर्मदा नदी का महात्म्य स्पष्ट किया गया है। इसकी परिक्रमा करना भक्तगणों का मुख्य उद्देश्य होता है।

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  1. लोक संस्कृति को दूसरी विशेषता है उसकी सादगी, उसकी सरलता। सरल को जटिल बना देना आमबात है, पर जटिल को सरल बनाना बहुत कठिन है। लोक कला में कहीं कोई आडंबर नहीं होता। कोई बनाव-सिंगार नहीं होता। सहज हृदय से सहज रूप में प्रवाहित कला बड़ी बलवती और बड़ी तेजस्वी होती है। हमें प्रभावित करने की उसमें आधार शक्ति होती है।

शब्दार्थ-जटिल = कठिन, उलझा हुआ। आडंबर = दिखावा । तेजस्वी = प्रतिभाशाली। अपार = बहुत अधिक।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-लोक संस्कृति में सादगी और सरलता होती है। इसमें जटिलता भी नहीं है। लोककला में दिखावा लेशमात्र नहीं है और न ही कोई बनाव-सिंगार । लोक-कला सहज रूप से उत्पन्न इसकी शक्ति है। यह अपना प्रभाव स्वतः सहज रूप से बना लेती है।

विशेष-हमें लोक-कला की सहजता पर गर्व होना चाहिए तथा इसे प्रदूषित होने से बचाना चाहिए। यदि इस पर आडम्बर का लेस मात्र की प्रभाव आ जाता है तो इसकी महत्ता समाप्त हो जाएगी।

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