MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 स्पष्टवादी

MP Board Class 6th Hindi Book Solutions सुगम भारती Chapter 15 स्पष्टवादी- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 स्पष्टवादी

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए

  1. दिन – (क) अभिनेता
  2. संगीत – (ख) प्रार्थी
  3. क्षमा – (ग) वादन
  4. रंगमंच – (घ) रात
    उत्तर
  5. (घ), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क)

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प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. मि. रौनकलाल हमेशा…….की चेष्टा करते हैं। (भाषण देने/चुप रहने)
  2. अन्दर से वह संवाद…….बोल रहे थे। (अटककर/धाराप्रवाह)
  3. किसी तरह वह नाटक….हुआ। (गाकर/लिखकर)
  4. लालाजी गाना……..बोले। (गाकर लिखकर)
    उत्तर
  5. भाषण देने
  6. धाराप्रवाह
  7. समाप्त
    4 गाकर।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 15 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) खरा आदमी कैसी बातें नहीं करता?
उत्तर
खरा आदमी चिकनी चुपड़ी बातें नहीं करता।

(ख) साहित्यकार की जयंती पर कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए गए थे?
उत्तर
साहित्यकार की जयंती पर कविता पाठ, संगीत-वादन तथा दो नृत्य आयोजित किए गए थे।

(ग) लालाजी, चतुर्वेदी जी की किस बात पर बिगड़ गए?
उत्तर
चतुर्वेदी जी ने लालाजी के गाने को पसंद नहीं किया और कहा कि आप अपना समय व्यापार बढ़ाने में लगाएँ तो बेहतर होगा। इसी बात पर लाला जी भड़क गए।

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(घ) लोग सेठ जी की आवाज की तुलना किससे करते थे?
उत्तर
लोग सेठ जी की आवाज की तुलना ‘लता मंगेशकर’ और ‘मोहम्मद रफी’ से करते थे।

(ड) किशोरीलाल कौन थे? उन्हें क्या खत सवार थी?
उत्तर
किशोरीलाल लेखक के बॉस थे। उन्हें यह खब्ल सवार थी कि वे बहुत बड़े संगीतज्ञ हैं।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 15 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) लेखक को सबसे सरल क्या बनना लगा और क्यों ?
उत्तर
लेखक को सबसे सरल स्पष्टवादी बनना लगा। उन्हें लगा कि सच्चाई की राह सीधी होती है। झूठ बोलने और चिकनी-चुपड़ी बातें करने में खतरा अधिक है। इसलिए
उन्होंने स्पष्टवादिता को अपनाया।

(ख) रौनकलाल जी को क्या मर्ज था और उसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर
रौनकलाल जी को भाषण देने का मर्ज था। वे जब भाषण देते थे तो समय, प्रसंग और श्रोता की’ रुचि का खयाल नहीं रखते थे। परिणाम यह हुआ कि एक दिन उन्होंने अपने भाषण से एक उत्सव का सत्यानाश कर दिया और फिर इसी बात पर लेखक से उनकी झड़प हो गई।

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(ग) संयोजक विद्यार्थी ने रौनकलाल के सामने क्या प्रस्ताव रखा?
उत्तर
संयोजक विद्यार्थी को रोनकलाल के भाषण देने के मर्ज का पता नहीं था। अज्ञानतावश उसने रौनकलाल से साहित्यकार के जीवन के बारे में पाँच मिनट बोलने का प्रस्ताव रखा। नतीजा यह हुआ कि उनके भाषण ने पूरे उत्सव को मटियामेट करके रख दिया।

(घ) लेखक घर में स्पष्टवादी क्यों नहीं बन सका?
उत्तर
लेखक घर में स्पष्टवादी नहीं बन सका क्योंकि इस आदत के कारण पत्नी से कई बार उनकी झड़प होने से बची। उनका जीवन दूभर हो गया। अतः उन्होंने स्पष्टवादिता को त्यागने का फैसला कर लिया।

(ड) लेखक कटुवादी होने से क्यों बचना चाहता था?
उत्तर
लेखक कटुवादी होने से इसलिए बचना चाहता था ताकि वह सबका प्रिय बना रह सके। उसकी जिंदगी
चैन से गुजरे तथा उसके मित्र और सगे-संबंधी उससे खुश रह सकें।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
अज्ञानतावश, स्पष्टवादिता, समानांतर, कटुवादी, रंगमंच।

उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
दूनीया, नीदेशक, कवी, जिंदगी

उत्तर
दुनिया, निदेशक, कवि, जिंदगी

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण करते हुए हिंदी अंग्रेजी और उर्दू के शब्द छाँटकर लिखिए
स्पष्टवादी, मिस्टर, प्रतिज्ञा, गोष्ठी, बॉस, फर्म, सम्मेलन, मेहरबान, आरम्भ, मर्ज, चिट, रोशन, पैन, महफिल।

उत्तर
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 स्पष्टवादी 1

प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
नौ दो ग्यारह होना, दिन रात एक करना, पार उतारना, राग अलापना, गाठ बांधना।

उत्तर
पुलिस को देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गया।
कक्षा में प्रथम आने के लिए मैने दिन रात एक कर दिया
केवट ने अपनी नैया से श्रीराम को पार उतार दिया।
वह किसी की नहीं सुनता, अपना राग अलापता रहता है। मोहन ने राजू की बात गांठ बांध ली है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दो में ‘र’ के विभिन्न रूपों का प्रयोग कर शुद्ध शब्द बनाइए
खरचें, टरक, पिरिय, मरज, टरामगाड़ी, कार्यकर्म, परस्ताव, राष्टरपति, चरचा, फरम, स्वारथी।

उत्तर
खर्च, ट्रक, प्रिय, मर्ज, ट्रामगाड़ी, कार्यक्रम, प्रस्ताव, राष्ट्रपति, चर्चा, फर्म, स्वार्थी।

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प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों में से विकारी एवं अविकारी शब्दों को रेखांकित कीजिए

ह शीघ्र चला आया।
लड़कों को बुलाओ।
उसने खाना खाया।
खरा आदमी किसी से चिकनी चुपड़ी बातें नहीं करता।
अभिनेता रो रहे थे।

उत्तर
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स्पष्टवादी प्रसंग सहित व्याख्या

  1. हमारे प्रिय-मित्र मिस्टर रौनकलाल को भाषण देने का मर्ज है। राजनैतिक सम्मेलन हो, साहित्यिक गोष्ठी हो अथवा रिक्शेवालों की हड़ताल से संबंधित समारोह वे भाषण देने की चेष्टा अवश्यक करते हैं। उनके भाषण का हाल यह है कि आरंभ में पाँच सौ व्यक्ति हों तो भाषण के खत्म होने तक पाँच रह जाएँ। वे क्या बोलते हैं या तो वे जानते हैं या उनका भगवान । कोई चुप होने को कहता है तो हाथापाई करने पर उतर आते हैं।

शब्दार्थ-मर्जबीमारी । चेष्टा=प्रयास । साहित्यिक=साहित्य से संबंधित। गोष्टी=बैठक।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित ‘स्पष्टवादी’ से ली गई हैं। इसके लेखक ‘बरसाने लाल चतुर्वेदी’ हैं। इन पंक्तियों में वे अपने मित्र के स्वभाव पर व्यंग्य कर रहे हैं।

व्याख्या-लेखक के मित्र रौनकलाल को भाषण देने की इतनी बुरी आदत है कि वे बहाना ढूँढ़ते रहते हैं। चाहे कोई भी अवसर हो, वे चूकते नहीं हैं। इतना ही नहीं उनका भाषण एक बार शरू हो जाए तो रुकने का नाम भी नहीं लेते। यहाँ तक कि श्रोता धीरे-धीरे खिसकने लगते हैं पर उनका बोलना बंद नहीं होता। उनके भाषण में एक कमी यह भी है कि वे प्रसंग से अलग हटकर बोलते हैं, जो श्रोता की समझ के बाहर होता है। यदि कोई साहस करके उन्हें चुप कराने का प्रयास करता है, तो वे उसके साथ मारपीट पर उतर आते हैं।

विशेष

मानवीय स्वभाव की कमजोरी पर व्यंग्य किया गया है।
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  1. बाहर की दुनिया में तो स्पष्टवादिता की प्रतिज्ञा निभ गई, किंतु घर में इस प्रतिज्ञा को झक मारकर तोड़ना पड़ा। दो-एक बार स्पष्टवादिता के चक्कर में श्रीमती जी से झगड़ा होते-होते बचा। मैने सोचा कि प्रतिज्ञा के पीछे ज्यादा पडूंगा तो वह दिन दूर नहीं, जब मेरी जिंदगी दूभर हो जाएगी।

शब्दार्थ-प्रतिज्ञा = शपथ, कसम । दूभर = कठिन, मुश्किल।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-अपनी स्पष्टवादिता के कारण बाहर की दुनिया में जब मुश्किलें खड़ी होने लगी तो लेखक ने बोलना ही छोड़ दिया परंतु अपनी प्रतिज्ञा नहीं छोड़ी। लेकिन घर में यह संभव नहीं था। अपनी आदत के कारण कई बार पली से झड़प होने से बची। लेखक समझ गए कि अगर उन्होंने स्पष्टवादिता की आदत नहीं छोड़ी तो उनका जीवन कठिन हो जाएगा।

विशेष

स्पष्टवादिता की कठिनाई को प्रकट किया गया है।
मानवीय स्वभाव पर व्यंग्य किया गया है।
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