MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 सितारों से आगे और भी है जहाँ

MP Board Class 7th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 15 सितारों से आगे और भी है जहाँ- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 सितारों से आगे और भी है जहाँ

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए

  1. नदी के समान एक सफेद चमकीली चौड़ी पट्टी जो
    आकाश में फैली है तथा उसे दो भागों में बांटती है। – (क) नीहारिका
  2. वह दूरी जो प्रकाश एक वर्ष में तय कर लेता है। – (ख) दूरदर्शी
  3. सहसा चमकने वाला नया तारा – (ग) प्रकाशवर्ष
  4. गैस और ब्रह्माण्ड-धूलि का बादल – (घ) नोवा
  5. जिससे दूर की चीज को देखा जा सके – (ङ) आकाशगंगा
    उत्तर
  6. (ङ), 2. (ग), 3. (घ), 4. (क), 5. (ख)

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प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द घुनकर रिक्त स्थानों की पूति कीजिए

  1. सूर्य से ग्रहों की दूरी …………….मीलों में है। (सैकड़ों/करोड़ों)
  2. हमारा सौरमंडल जिस द्वीपविश्व में है उसे – सामान्य लोग ………………कहते हैं। (आकाशगंगा/नीहारिका)
  3. आकाशगंगा के सभी तारे हमें पास-पास एक ही दूरी पर दीखते हैं; यह …………………. है। (दृष्टिदोष दृष्टिभ्रम)
  4. सफेद बौने तारे सबसे……………………. उम्र के होते हैं। (ज्यादा/कम)
  5. हमारी आकाशगंगा अंतरिक्ष की अनंत दूरियों में समाहित ……………………. आकशगंगाओं में से एक है। (दस अरब/दस करोड़)
    उत्तर
  6. करोड़ों
  7. आकाशगंगा
  8. दृष्टिभ्रम
  9. कम
  10. दस अरब।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 15 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क)
दूरवी से हम एक बार में कितने तारे देख पाते हैं?
उत्तर
दूरदर्शी से हम एक बार में एक अरब तारे देख सकते हैं।

(ख)
हमारा सूर्य वास्तव में क्या है?
उत्तर
हमारा सूर्य भी तो इन्हीं में से एक तारा है।

(ग)
अल्गॉल क्या है?
उत्तर
अल्गॉल तारों का आकार और प्रकाश सहसा बढ़ या घट जाता है।

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(घ)
‘नोवा’ या ‘नया तारा’ किसे कहते हैं?
उत्तर
अक्सर तारे न तो दुहरे होते हैं और न सेफीइड, फिर भी सहसा उनकी चमक बढ़ जाती है, इसे नोवा कहते हैं।

(ङ)
गैलीलियो के दूरदर्शी से हमें क्या आभास हुआ?
उत्तर
गैलीलियों के दूरदर्शी ने बताया कि ब्रह्मांड का कोई अंत नहीं।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 15 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए

(क)
हमारी ‘आकाशगंगा’ या ‘मंदाकिनी’ का आकार | कैसा दिखता है?
उत्तर
हमारी ‘आकाशगंगा’ या मंदाकिनी’ एक सफेद, चौड़ी नदी के समान आकाश में फैली दीखती है और आकाश को दो भागों में बाँटती है।

(ख)
प्रकाश वर्ष क्या होता है?
उत्तर
शास्त्रियों ने इसे मापने के लिए नया एक ढंग ‘खोज निकाला है। यह ढंग है ‘प्रकाशवर्ष’ प्रकाशवर्ष का तात्पर्य है-वह दूरी जो प्रकाश एक वर्ष में तय कर लेता है। (लगभग पाँच खरब, छियासी अरब, छप्पन करोड़, छियानवे लाख मील)

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(ग)
चमक के हिसाब से तारों को कितनी श्रेणियों में बाँटा गया है? प्रत्येक का नाम व उसकी एक-एक विशेषता लिखिए।
उत्तर
चमक के हिसाब से तारों के चार श्रेणियों में बाँटा गया है

अतिविशाल : इनका घनत्व बहुत कम और व्यास बहुत अधिक होता है।
विशाल : इनका घनत्व ‘अतिविशालों’ से कुछ अधिक और व्यास कुछ कम होता है।
मुख्यश्रेणी : इनका घनत्व अधिक और व्यास कम होता है; और
सफेद बौने : इनका घनत्व बहुत अधिक और व्यास बहुत कम होता है।
(घ)
सेफीइड तारे कैसे होते हैं?
उत्तर
ये तारे खूब चमकदार होते हैं, फिर धुंधले पड़ते जाते हैं और पुनः चमकदार बन जाते हैं। इस प्रकार का पहला तारा सेफीयस तारामंडल में देखा गया था, इन्हें सेफीइड तारे कहते हैं।

(ङ)
नोवा और सुपर नोवा तारों की क्या विशेषताएँ
उत्तर
जब कोई ‘नया’ तारा अचानक चमकने लगता है, नोवा कहलाता है जबकि सुपर नोवा तारे की चमक अचानक लाखों करोड़ों गुनी बढ़ जाती है।

(च)
नीहारिका क्या होती है?
उत्तर
आकाशगंगा में कभी-कभी एक प्रकाशमान गैस का बादल दिखाई देता है। इसकी चमक का कारण है- किसी गर्म और चमकदार तारे का पास होना। गैस और ब्रह्माण्ड-धूलि का या बादल नीहारिका कहलाता है।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
दुरदर्शी, दीपविश्व, ब्रह्माण्ड, दृष्टिभ्रम, प्रागैतिहासिक, अल्गॉल, सेफीयस, स्पष्ट, परिक्रमा, अंतरिक्ष

उत्तर
छात्र स्वयं करें।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
विचित्तर, द्रष्टिभरम, धनत्व, ब्यास, कडोर, परकास, अपेक्षाकत, खगोलग्य, आशचर्य, परिकरमा

उत्तर
शब्द = शुद्धवर्तनी
विचित्तर = विचित्र
द्रष्टिभरम = दृष्टिभ्रम
धनत्व = घनत्व
ब्यास = व्यास
कड़ार = करोड़
परकास = प्रकाश
अपेक्षाकत = अपेक्षाकृत
खगोलग्य = खगोलज्ञ
आशचर्य = आश्चर्य
परिकरमा = परिकर्मा

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
परकम्मा, सूरज, गरम, दीठ, भरम, कुम्हार

उत्तर
शब्द = तत्सम रुप
परकम्मा = परिक्रमा
सूरज = सूर्य
गरम = गर्म
दीठ = दीर्घ
भरम = भ्रम
कुम्हार = कुमार

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में से विशेषण एवं संज्ञा शब्दों को पृथक् कीजिए
अनगिनत, तारे, काला आकाश, चौड़ी, नदी, साफ, मौसम, मजेदार, कारण, धुंधला, साथी

उत्तर
संज्ञा = विशेषण
तारे = अनगिनत
आकाश = काला
नदी = चौड़ी
मौसम = साफ
कारण = मजेदार
साथी = धुंधला

प्रश्न 8.
‘तारे’ संज्ञा में दिए गए विशेषण जोड़कर शब्द बनाइए
जैसे-धुंधले तारे
स्पष्ट, अतिविशाल, दुहरे, अनगिनत, चमकदार, झिलमिलाते, सफेद, बौने।
उत्तर
स्पष्ट – तारे
अतिविशाल – तारे
दुहरे – तारे
अनगिनत – तारे
चमकदार – तारे
झिलमिलाते – तारे
सफेद – तारे
बौने – तारे

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प्रश्न 9.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़िए- हृदय-परिवर्तन, राजा-खुशी, गुजर-वसर, सुख-दुःख में दो-दो शब्द (पद) है। एक-दूसरे से संबंध रखने वाले ऐसे शब्दों को सामासिक शब्द कहते हैं। सामासिक शब्दों में एक-दूसरे का संबंध बतलाने वाली विभिक्त, शब्दों या प्रत्ययों का लोप हो जाता है।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित शब्दों का समास विग्रह कीजिए
प्रकाशबिंदु आश्चर्यजनक, दृष्टिभ्रम, ब्रह्माण्डधूलि, -आकाशगंगा, तारामंडल

उत्तर
प्रकाशबिंदु = प्रकाश के बिंदु
आश्चर्यजनक = आश्चर्य के भरा हुआ
दृष्टिभ्रम= दृष्टि का भ्रम
ब्रह्माण्डधूलि = ब्रह्माण्ड की धूल
आकाशगंगा = आकाश की गंगा
तारामंडल = तारों का मंडल

सितारों से आगे और भी है जहाँ पाठ का परिचय

प्रस्तुत पाठ में ब्रह्मांड, सितारों तथा उनके मध्य दूरी को स्पष्ट किया गया है। रात में आँखों से सितारों को स्पष्ट निहारते है और गिनने का प्रयास करते हैं। प्रकाशबिंदु से दिखाई देने वाले तारे दूरदर्शी से भी एक बार में एक अरब से अधिक नहीं दिखाई दे सकते हैं। हमारा सूर्य अरबों तारों में से एक है। हमारे तारे समूह को ‘द्वीप विश्व’ या ‘ब्रह्माण्ड’ कहते हैं। दूरी को मापने के लिए प्रकाशवर्ष का प्रयोग किया जाता है। एक प्रकाश वर्ष में लगभग पाँच खरब, छियासी अरब, छप्पन करोड़, छियानवे लाख मील होते हैं। अल्गॉल का एक साथी तारा है जिसका प्रकाश बहुत कम है। खगोल-शास्त्री ऐसे तारों को दुहरे तारे कहते हैं। पहला तारा सेफीयस तारामंडल में देखा गया था। इन्हें सेफीयड कहते हैं। आकाशगंगा में कभी-कभी एक प्रकाशमान गैस का बादल दिखाई देता है। आकाशगंगाएँ पास-पास दिख रही हैं लेकिन वे तीस-चालीस लाख प्रकाश वर्ष दूर है। दस करोड़ आकाशगंगाओं में से एक है जिनका एक पुँज है हमारा ब्रह्मांड।

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सितारों से आगे और भी है जहाँ संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

  1. कुछ तारों का………………… ….गुनी बढ़ जाती है। (पृ. 87)
    शब्दार्थ-नियमितता = एक नियम से; खगोलशास्त्री = आकाश-मंडल की जानकारी रखने वाला विद्वान; सहसा = अचानक।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ 15 ‘सितारों से आगे और भी है जहाँ से ली गई हैं।
प्रसंग-इसमें तारों के अंत तथा जन्म का विवरण दिया है।

व्याख्या
अचानक कुछ तारों का आकार घट या बढ़ जाता है। अरबों ने यह स्थिति सबसे पहले ‘अल्गॉल’ नाम के एक तारे में यह बात देखी थी। इनके अनुसार 21 घण्टे बाद बाद इनकी चमक कम पड़ जाती है। इसके चारों ओर घूमने वाले तारे को दुहरे तारे कहते हैं। ये चमक कर धुंधले होते हैं, फिर दोबारा चमक उठते हैं। ये तारे सेफीयस तारामंडल में देखा गया, इन्हें सेफीयड कहते हैं। इसे नोवा या नयातारा कहते हैं। ‘सुपर नोवा’ स्थिति में तो अचानक इसकी चमक लाखों-करोड़ों गुनी |बढ़ जाती है।

विशेष-तारों की चमकदार स्थिति को दर्शाया गया है।

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