MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 19 कैलाश मानसरोवर

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 19 कैलाश मानसरोवर

वस्तुतिनष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए

  1. कैलाश – (क) बौद्ध-भिक्षु
  2. त्रिविष्टप – (ख) आश्रम (मठ)
  3. लामा – (ग) मानसरोवर
  4. गोप्मा – (घ) तिब्बत
    उत्तर-
  5. (ग),
  6. (घ),
  7. (क),
  8. (ख)

प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. विद्वानों ने तिब्बत को …………………………….. बौद्ध-भिक्षु कहा है। (राक्षस भूमि/देव भूमि)
  2. मानसरोवरे …………………………….. है। (वृत्ताकार/आयताकार)
  3. कैलास पर्वत हिंदू बौद्ध और…..धर्मां का पवित्र स्थान। …………………………….. (ईसाई/जैन)
  4. लिम्पू घाट की ऊँचाई …………………………….. फुट है। (बीस हजार/सत्रह हजार)
    उत्तर-
  5. देवभूमि,
  6. वृत्ताकार,
  7. जैन,
  8. सत्रह हजार।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 19 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए

(क) लेखक ने अपनी कैलाश मानसरोवर यात्रा कहाँ से शुरू की थी?
उत्तर-
लेखक ने अपनी कैलाश मानसरोवर यात्रा चंदननाथ से शुरू की।

(ख) कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है
उत्तर-
कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है जो चीन नियंत्रण में है।

(ग) तिब्बत नाम कैसे पड़ा?
उत्तर-
त्रिविष्टम शब्द ही बिगड़ कर ‘तिब्बत’ बन गया है।

(घ) कैलाश पर्वत के निकट स्थित चारों गोम्पाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
(i) दरचन
(ii) डिरफूक
(iii) शुंतुलफूक
(iv) गड्टा

(ङ) कैलाश और मानसरोवर के बीच कौन-सा ताल है?
उत्तर-
शत्रुसताल कैलाश और मानसरोवर के बीच स्थित है।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 19 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्य में लिखिए

(क) लेखक ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा क्यों की थी?
उत्तर-
पुराणों में भगवान शिव के निवास के रूप में मान्य कैलाश के दर्शन की इच्छों बहुत दिनों से मन में थी। साथ ही मानसरोवर में स्नान करने की भी बड़ी साध थी।

(ख) लेखक को गौरी ओडार नामक स्थान पर कैसे मौसम का सामना करना पड़ा?
उत्तर-
तराई के मैदान में चलते हुए ‘गौरी ओडार’ नामक विशाल मैदान में शाम होते-होते पहुंच गए। अब वे 16000 फुट ऊँचे तिब्बत के मशहूर मैदान में थे। हवा तेज चल रही थी। सावन के महीने में बार-बार होने वाली वर्षा एवं हिम्मत का सामना उन्हें अपने साहस के बलबूते पर करना था।

(ग) कैलाश पर्वत कैसा दिखाई देता है?
उत्तर-
राक्षस ताल और दायीं तरफ पास ही में कैलाश शिखर के दर्शन हुए। यह पर्वत लगभग तीन मील के दायरे में मीनार के समान ऊपर की ओर आकाश में छोटा होकर दिखाई देता है। इसका शिखर बर्फ से सजा है। यह पर्वत ऐसा मालूम होता है मानो एक लम्बी पर्वतमाला का सरदार हो। .

(घ) मानसरोवर पहुँचकर लेखक ने क्या किया?
उत्तर-
सरोवर में उतरकर मैंने बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ स्नान किया। स्नान और पजा-पाठ के बादे मैंने एक मठ में भगवान बुद्ध की मूर्ति के दर्शन किए। फिर मठ में लमाओं के साथ बड़ी देर तक बातें करता रहा। वहाँ मैंने पवित्र मानस-जल में स्नान और उसका पान करते हुए दो दिन बिताए।

(ङ) राक्षसताल नाम होने के पीछे कौन-सी कथा है?
उत्तर-
कहते हैं कि लंका के राक्षस राजा रावण ने। अपनी तपस्या के बल पर भगवान शिव सहित पूरे कैलाश पर्वत को अपने हाथों में उठा लिया था। उसी के कारण इस ताल को राक्षसताल कहते हैं।

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भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उचारण कीजिए
गौरी ओडार, त्रिविष्टप, गुलरा मान्धाता, वृत्ताकार, ब्रह्मा, स्नान, राक्षस, गोम्पा, प्रदक्षिणा

उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
केलाश, पश्चीम विसराम, तपस्या, दररा, बुध्ध, सुनदर, परिकर्मा

उत्तर-
शुद्ध – शुद्ध वर्तनी
केलाश – कैलाश
पश्चीम – पश्चिम
विसराम – विश्राम
तष्सया – तपस्या
दररा – दर्रा
बुध्ध – बुद्ध
सुनदर – सुंदर
परिकर्मा – परिक्रमा

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए और रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए
-हम सेब भारतीय हैं।
-रास्ते की कठिनाई से हम बहुत थक गए।

उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में ‘त्व’ प्रत्यय लगाकर नए शब्द लिखिए
गुरु… मनुष्य… लघु… वीर…

उत्तर-
गुरु – गुरुत्व मनुष्य – मनुष्यत्व
लघु – लघुत्व वीर – वीरत्व

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों में से कृदंत व तद्धित शब्द छांटिए
झगड़ालू, दयालू, गवैया, लालिमा, हंसोड़, वैज्ञानिक

उत्तर-
कृदंत शब्द – तद्धित शब्द
झगडालू – गवैया
दयालू – लालिमा
वैज्ञानिक – हंसोड़

कैलाश मानसरोवर पाठ का परिचय

लेखक के मन में भगवान शिव के निवास कैलाश के दर्शन की इच्छा जगी। वे पवित्र मानसरोवर में स्नान करना चाहते थे। लेखक चंदननाथ से खोचरनाथ पहुंचे। वहाँ से वे मानसरोवर और कैलाश पर्वत के लिए निकले। रास्ते में अनेक गाँव पार, करने पड़े। सात-आठ मील के बाद तकलाकोट नामक तिब्बत की मण्डी के पास पहुंचे। लेखक ने पूरणमण्डी में एक नेपाली कर्मचारी के पड़ाव में आराम किया। तिब्बत के लोग बड़े मेहनती हैं। वे तराई के मैदानों में चलते हुए ‘गौरी ओडार’ नामक मैदान में पहुँच गए। वर्षा और हिमपात से बचने के लिए लेखक और आनंदगिरि आसन बिछा कर बैठ गए। इनका भोजन सत्तू ही था। तिब्बत कीभूमि को विद्वानों ने त्रिविष्टय भूमि यानि देवभूमि कहा है। ‘गुरला मांधाता’ नामक एक काम ऊँचे पहाड़ी घाट को पार करने पर-प्रसिद्ध मानसरोवर मिलता है। पास से ही मानसरोवर झील दिखाई देने लगती है। मानसरोवर से लेखक पर्वत की यात्रा करने लगा। दोपहर के बाद कैलाशपति के चरणों में अर्थात सफेद शिखर के नीचे दरचन (तारचेन) नाम के गाँव पहुँचे। गोन्या से 10-20 मील की दूरी पर ‘शुंतुलफूक’ गोन्या है। दक्षिण में ‘राक्षस ताल’ आदि स्थल है। लिप्पू घाट की सत्रह हजार फुट की ऊँची सीमा यहाँ से केवल सात मील की दूरी पर थी।

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कैलाश मानसरोवर संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

  1. पुराणों में भगवान …………………………….. आराम किया। (पृ. 108)

शब्दार्थ-मनासरोवर = कैलश पर्वत के पास स्थित मीठे पानी की एक पवित्र झील, मण्डी = वस्तुओं के खरीदने-बेचने का स्थान, बाजार। तिब्बत = भारत की उत्तर दिशा में स्थित एक देश जो चीन के पास है।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-19 ‘कैलाश मनासरोवन’ से ली गई है। इसके रचयिता ‘स्वामी तपोवनम्’

प्रसंग-इनमें मानसरोवर की यात्रा का प्रारंभ दिखाया गया है।

व्याख्या-कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास है, लेखक का मन भी वहाँ के दर्शन करना चाहता है। वे चंदननाथ से खोचरनाथ पहुंचे। लगभग 6 दिन में खोचरनाथ पहुंचेंगे। वहाँ से कैलाश और मानसरोवर अधिक दूर नहीं था। लगभग सात-आठ मील दूर चलने पर लेखक तकलाकोट नामक तिब्बत की मण्डी पहुँचे। लेखक के साथ आनदंगिरि भी थे। कर्णादी नदी के उस पार तकलाकोट मण्डी तथा इस पार पूरणमण्डी स्थित है।

विशेष-

कठिन यात्रा का दर्शनीय वर्णन है।

  1. सरोवर से उतरकर …………………………….. का सरदार हो। (पृ. 109)
    शब्दार्थ-श्रद्धा = आस्था-विश्वास, दायरा = फेरा, मीनार = कुछ अधिक ऊँची संकरी इमारत और कुतुबमीनार, शिखर = चोटी, पर्वत का सबसे ऊँचा नुकीला भाग, पर्वत माला = कई पहाड़ों की कतार, श्रृंखला।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-19 ‘कैलाश मनासरोवन’ से ली गई हैं। इसके रचयिता ‘स्वामी तपोवनम्’

प्रसंग-इनमें कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं।

व्याख्या-सरोवर में उतरकर लेखक ने बड़ी श्रद्धा और उल्लास से स्नान किया। बाद में उन्होंने महात्मा बुद्ध की मूर्ति के दर्शन किए। मठ में लमाओं से वार्तालाप किया। वहाँ लेखक ने मानस जल में स्नान और उसक पान किया। वहाँ से कैलाशपर्वत की ओर निकले। सरोवर के किनारे-किनारे दिन भर चले और शाम को पश्चिमी तट के एक मठ पहुँचे। अगले दिन राक्षस ताल के पास सतजल नदी की मूलधारा पर पहुंच गए। राक्षस ताल और दायीं तरफ पास ही में कैलाश शिखर के दर्शन हुए। इसका शिखर बर्फ से सजा है।

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