MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 1 चत्वारि धामानि

MP Board Class 7th Sanskrit Book Solutions संस्कृत सुरभिः Chapter 1 चत्वारि धामानि – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 1 चत्वारि धामानि

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखो
(क) शारदामठं कस्यां दिशि अस्ति? [शारदामठ किस दिशा में है?]

उत्तर:
पश्चिम दिशि

(ख) शङ्कराचार्यस्य प्रथमशिष्यस्य नाम किम्? [शंकराचार्य के पहले शिष्य का नाम क्या है?]
उत्तर:
सुरेश्वराचार्यः

(ग) ज्योतिर्मठं कुत्र अस्ति? [ज्योतिर्मठ कहाँ पर है?]
उत्तर:
उत्तराञ्चलराज्ये

MP Board Solutions

(घ) द्वारका कस्मिन् राज्ये अस्ति? [द्वारका किस राज्य में है?]
उत्तर:
गुजरातराज्ये

(ङ) जगद्गुरु कः आसीत्? [जगद्गुरु कौन थे?]
उत्तर:
शङ्कराचार्यः।

प्रश्न 2.
एक वाक्य में उत्तर लिखो
(क) शङ्कराचार्येण स्थापितानां मठानां नामानि कानि? [शंकराचार्य के द्वारा स्थापित मठों के नाम क्या हैं?

उत्तर:
शङ्कराचार्येण स्थापितानां मठानां नामानि सन्ति
(1) शृङ्गेरिमठम्
(2) गोवर्धनमठम्
(3) शारदामठम्
(4) ज्योतिर्मठम्।
[शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठों के नाम हैं-
(1) शृङ्गेरिमठ
(2) गोवर्धनमठ
(3) शारदामठ
(4) ज्योतिर्मठ।]

(ख) कः कस्य एकतायाः मूलाधारः? [किसकी एकता का मूल आधार क्या है?]
उत्तर:
धर्मः भारतस्य एकतायाः मूलाधारः। [धर्म भारत की एकता का मूल आधार है।]

(ग) मठानि किमर्थं स्थापितानि? [मठों की स्थापना किसलिए की गई?]
उत्तर:
धर्मरक्षार्थं वेदान्ततत्वानां प्रचारार्थम् च मठानि स्थापितानि। [धर्म की रक्षा के लिए और वेदान्त तत्वों के प्रचार के लिए मठों की स्थापना की गई।]

(घ) शङ्कराचार्यस्य चत्वारः शिष्याः के? [शंकराचार्य के चार शिष्य कौन थे?]
उत्तर:
शङ्कराचार्यस्य प्रथम शिष्यः सुरेश्वराचार्यः, द्वितीयः शिष्य हस्तामलकः, तृतीय शिष्यः त्रोटकाचार्यः, चतुर्थः शिष्यः पद्मपादः इति।
[शंकराचार्य के प्रथम शिष्य सुरेश्वराचार्य, द्वितीय शिष्य हस्तामलक, तीसरे शिष्य त्रोटकाचार्य और चौथे शिष्य पद्मपाद थे।]

(ङ) भारतं कथं संरक्षितं भवति? [भारत किस तरह सुरक्षित है?]
उत्तर:
धर्मरक्षणेन एव भारतम् संरक्षितं भवति। [धर्म की रक्षा करने से ही भारत सुरक्षित है।]

प्रश्न 3.
उचित शब्दों को मिलाओ-
Image
उत्तर:
(क) → (3)
(ख) → (5)
(ग) → (4)
(घ) → (2)
(ङ) → (1)

MP Board Solutions

प्रश्न 4.
कोष्ठक के शब्दों का प्रयोग करके रिक्त स्थानों को भरो (गोवर्धनमठम्, भगवत्पादं, धर्मो, मूलाधारः, पद्मपादः)
(क) नमामि ……….. शङ्करं लोकशङ्करम्।
(ख) पूर्वदिशि ……….. अस्ति।
(ग) ………. रक्षति रक्षितः।
(घ) शङ्कराचार्यस्य चतुर्थः शिष्यः ………..।
(ङ) धर्म एव भारतस्य एकतायाः ……….. अस्ति।
उत्तर:
(क) भगवत्पादं
(ख) गोवर्धनमठम्
(ग) धर्मो
(घ) पद्मपाद
(ङ) मूलाधारः।

प्रश्न 5.
विलोम शब्द लिखो
(क) धर्मः
(ख) प्रसिद्धानि
(ग) स्मरणम्
(घ) गुरु:
(ङ) ज्ञानम्।
उत्तर:
(क) → अधर्मः
(ख) → अप्रसिद्धानि
(ग) → विस्मरणम्
(घ) → शिष्यः
(ङ) → अज्ञानम्।

प्रश्न 6.
प्रथमा-बहुवचन के रूप लिखो
(क) अहम्
(ख) नाम
(ग) शिष्यः
(घ) धाम
(ङ) मठम्।
उत्तर:
(क) वयम्
(ख) नामानि
(ग) शिष्याः
(घ) धामानिः
(ङ) मठानि।

MP Board Solutions

चत्वारि धामानि हिन्दी अनुवाद

शिक्षिका :
भारति! भवती जानाति किं कः अयं महापुरुषः?

भारती :
आर्ये! अयं खलु जगद्गुरु शङ्कराचार्यः।

महेश: :
आम् अहमपि जानामि एते किल तस्य चत्वारः शिष्याः।

देवेशः :
शङ्कराचार्यस्य प्रथमशिष्यस्य नाम सुरेश्वराचार्यः इति।

शिक्षिका :
देवेशः! अन्येषां त्रयाणां शिष्याणां नामानि कानि?

देवेशः :
अहं न जानामि।

शारदा :
द्वितीयः शिष्यः हस्तामलकः तृतीयः शिष्यः त्रोटकाचार्यः चतुर्थः शिष्य पद्मपादः।

अनुवाद :
शिक्षिका-हे भारती! क्या तुम जानती हो कि यह महानुभाव कौन हैं?

MP Board Solutions

भारती :
आर्ये! यह जगद्गुरु शंकराचार्य हैं। महेश-हाँ, मैं भी इन्हें जानता हूँ कि उनके चार शिष्य थे।

देवेश :
शंकराचार्य के पहले शिष्य का नाम सुरेश्वराचार्य था।

शिक्षिका :
देवेश! अन्य तीन शिष्यों के क्या-क्या नाम हैं? देवेश-मैं नहीं जानता हूँ।

शारदा :
दूसरे शिष्य हस्तामलक, तीसरे शिष्य त्रोटकाचार्य (और) चौथे शिष्य पद्मपाद थे।

शिक्षिका :
साधु, अपि जानान्ति शङ्करमठानि?

सर्वे :
न जानीमः।

शिक्षिका :
शङ्कराचार्येण चतुर्षु स्थानेषु चतसृषु दिक्षु चत्वारि मठानि स्थापितानि। तानि चत्वारि पवित्रधामानि इति प्रसिद्धानि।

महेश: :
आर्ये! उत्तरदिशि बदरीनाथः, दक्षिणदिशि रामेश्वरं, पश्चिमदिशि द्वारका, पूर्वदिशि जगन्नाथपुरी इति किल चत्वारि धामानि।

शिक्षिका :
सत्यम्! किन्तु धर्मप्रचाराय शङ्कराचार्येण स्थापितानि मठानि अपि चत्वारि धामानि इति प्रसिद्धानि। तानि चतस्तृषु दिक्षु सन्ति।

भारती :
तानि धामानि कानि?

शिक्षिका :
शृङ्गेरिमठम्, गोवर्धनमठम्, शारदामठम्, ज्योतिर्मठम्।

देवेशः :
कस्यां कस्यां दिशि सन्ति?

अनुवाद :
शिक्षिका-ठीक है, क्या शंकर के मठों को भी जानते हो?

MP Board Solutions

सभी :
नहीं जानते हैं।

शिक्षिका :
शंकराचार्य के द्वारा चार स्थानों पर चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना की गई थी। वे चारों पवित्र धाम हैं, इस रूप में प्रसिद्ध हैं।

महेश :
आर्ये! उत्तर दिशा में बदरीनाथ, दक्षिण दिशा में रामेश्वर, पश्चिम दिशा में द्वारका (तथा) पूर्व दिशा में जगन्नाथपुरी-इस प्रकार ये चार धाम हैं।

शिक्षिका :
ठीक! किन्तु धर्म के प्रचार के लिए शंकराचार्य के द्वारा स्थापित किये गये मठ ही चार धाम हैं; ऐसा प्रसिद्ध है। वे चारों दिशाओं में हैं।

भारती :
वे धाम कौन-कौन से हैं?

शिक्षिका :
शृङ्गेरिमठ, गोवर्धनमठ, शारदामठ (तथा) ज्योतिर्मठ।

देवेश :
(ये) किस-किस दिशा में हैं?

शिक्षिका :
पश्यन्तु इदं कोष्ठकं, स्पष्टं भवति
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 1 चत्वारि धामानि img 1

शिक्षिका :
धर्म एव भारतस्य एकतायाः मूलाधारः। ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ अतः धर्मरक्षणेन एव भारतम् संरक्षितं भवति। धर्मरक्षणार्थं वेदान्ततत्वानां प्रचारार्थम् एतानि मठानि स्थापितानि। मठानां स्थापकं जगद्गुरुम् आदिशङ्करं स्मरामः।

“श्रुतिस्मृतिपुराणानाम् आलयं करुणालयम्।
नमामि भगवत्पादशङ्करं लोकशङ्करम्॥”

अनुवाद :
शिक्षिका-इस कोष्ठक को देखो (इससे) स्पष्ट होता है-
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 1 चत्वारि धामानि img 2

शिक्षिका :
धर्म ही भारत की एकता का मूल आधार है। ‘(धर्म की) रक्षा करने वाले की धर्म रक्षा करता है।’ इसलिए धर्म की रक्षा करने से ही भारत भली प्रकार से रक्षित होता है। धर्म की रक्षा के लिए और वेदान्त के तत्वों के प्रचार के लिए इन मठों की स्थापना की गई है। मठों की स्थापना करने वाले जगद्गुरु आदिशङ्कर का (हम) स्मरण करते हैं।

“वेद, स्मृति और पुराणों के स्थान करुणानिधान और संसार का कल्याण करने वाले भगवान शंकर के चरणों की मैं वन्दना करता हूँ।”

चत्वारि धामानि शब्दार्थाः

चत्वारः = चार (पुल्लिङ्ग)। धर्मप्रचाराय = धर्म के प्रचार के लिए। धर्मरक्षणेन = धर्मरक्षा से।

Leave a Comment