MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 32 अफ्रीका महाद्वीप : भौगोलिक स्वरूप

MP Board Class 7th Social Science Book Solutions सामाजिक विज्ञान Chapter 32 अफ्रीका महाद्वीप : भौगोलिक स्वरूप- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 32 अफ्रीका महाद्वीप : भौगोलिक स्वरूप

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) अफ्रीका महाद्वीप में लगभग ……………. देश हैं।
(2) अफ्रीका, एशिया महाद्वीप से ……………. नहर द्वारा पृथक् किया गया है।
(3) अफ्रीका, यूरोप महाद्वीप से …………… जलडमरूमध्य द्वारा पृथक् है।
(4) क्षेत्रफल की दृष्टि से अफ्रीका संसार का ………… बड़ा महाद्वीप है।
उत्तर:
(1) 53
(2) स्वेज
(3) जिब्राल्टर
(4) दूसरा

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 32 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
(1) अफ्रीका की किन्हीं तीन प्रमुख नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अफ्रीका की तीन प्रमुख नदियाँ –

नील,
जायरे, तथा
कांगो हैं।
(2) अफ्रीका के प्रमुख मरुस्थलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अफ्रीका के प्रमुख मरुस्थल सहारा व कालाहारी हैं।

(3) अफ्रीका के भूमध्यरेखीय क्षेत्र की जलवायु कैसी है ?
उत्तर:
भूमध्यरेखीय क्षेत्र में ग्रीष्म ऋतु उष्ण, किन्तु शीत ऋतु सामान्य रहती है। यहाँ वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है।

(4) “सवाना” व “वेल्ड्ज ” से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
भूमध्यरेखीय प्रदेश के उत्तर व दक्षिण में स्थित क्षेत्र सवाना कहलाता है। दक्षिण अफ्रीका में पाये जाने वाला शीतोष्ण घास का मैदान वेल्ड्ज कहलाता है।

(5) अफ्रीका के चारों ओर कौन-कौन से सागर व महासागर हैं ?
उत्तर:
अफ्रीका, पूर्व में हिन्द महासागर से, पश्चिम में अटलाण्टिक महासागर से, उत्तर में भूमध्यसागर, उत्तर-पूर्व में लाल सागर और अरब सागर आदि सागरों व महासागरों से घिरा है।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 32 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) अफ्रीका महाद्वीप की धरातलीय संरचना को समझाइए।
उत्तर:
अफ्रीका महाद्वीप का अधिकांश भाग पठारी होने के कारण इसे पठारों का महाद्वीप कहा जाता है। उत्तर-पश्चिम में पठार । कुछ नीचा तथा दक्षिण-पूर्व में ऊँचा है। यह महाद्वीप प्राचीन कठोर। शैलों से बना है। इसके तटीय भागों में सँकरे मैदान मिलते हैं। पूर्वी भाग में भूमध्य रेखा के समीप वर्ष भर बर्फ से ढका रहने वाला ज्वालामुखी पर्वत किलिमंजारो है। उत्तर-पश्चिम की ओर लम्बी एटलस पर्वत श्रृंखला है जो नवीन वलित पर्वत है। दक्षिण – पूर्व में ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत श्रृंखला है।

सहारा मरुभूमि में होगर पर्वत व तिबेस्ती पठार हैं। पश्चिम में कांगो और नाइजर नदी के बीच अदामावा का पठार है। इसका सबसे ऊंचा शिखर केमरून है। उत्तरी-पूर्वी भाग में अबीसीनिया का पठार है। यहाँ की भ्रंश घाटी अफ्रीका के पूर्व में न्यास झील से तुरकाना झील होती हुई लाल सागर और जॉर्डन घाटी तक फैली है। इस घाटी में विक्टोरिया, न्यास, अलबर्ट, टैगानिका झीलें हैं। अफ्रीका के उत्तरी मैदानी भाग में सहारा तथा दक्षिणी भाग में कालाहारी मरुस्थल हैं।

(2) अफ्रीका महाद्वीप की जलवायु एवं वनस्पति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इस महाद्वीप का अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में है। केवल उत्तर-दक्षिण का कुछ भाग शीतोष्ण कटिबन्ध में फैला हुआ है। यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापमान रहता है। लीबिया स्थित अजीजिया विश्व का सबसे गर्म स्थान है। पर्वतीय भागों में साधारण तापमान रहता है। पठारी भागों में दिन का तापमान अधिक तथा रात का तापमान कम रहता है। भूमध्य रेखा के निकट दोनों ओर फैले क्षेत्रों में उष्ण और आर्द्र जलवायु पाई जाती है। यहाँ प्रतिदिन वर्षा होती है। अधिक गर्मी व वर्षा के कारण इस क्षेत्र में ऊँचे-ऊँचे वृक्षों वाले वन पाये जाते हैं। ये वन उष्ण कटिबन्धीय वन या भूमध्यरेखीय वर्षा वन कहलाते हैं।

भूमध्यरेखीय जलवायु प्रदेश के उत्तर व दक्षिण में सवाना क्षेत्र का विस्तार है जहाँ ग्रीष्म ऋतु तथा शीत ऋतु सामान्य रहती है। यहाँ वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है। इसे सवाना तुल्य जलवायु प्रदेश कहा जाता है। इस प्रदेश में बड़ी-बड़ी घास उगती है, जिसे ‘सवाना’ या हाथी घास’ कहते हैं। सवाना प्रकार की जलवायु के दोनों ओर उत्तर – दक्षिण में मरुस्थलीय जलवायु पाई जाती है।

उत्तर में सहारा तथा दक्षिण में कालाहारी मरुस्थल हैं। यहाँ वर्षा कम होने के कारण कंटीली झाड़ियाँ मिलती हैं। उत्तर – पश्चिम और दक्षिण पश्चिम में भूमध्यसागरीय जलवायु पाई जाती है। यहाँ शीत ऋतु में वर्षा होती है। दक्षिण अफ्रीका में शीतोष्ण घास का मैदान पाया जाता है, जिसे ‘वैल्ड्स’ कहते हैं।

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(3) अफ्रीका महाद्वीप के सवाना घास के मैदान व जीव-जन्तु का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भूमध्यरेखीय जलवायु प्रदेश के उत्तर-दक्षिण में सवाना क्षेत्र का विस्तार है। यहाँ ग्रीष्म ऋतु में वर्षा होती है। इस क्षेत्र में उगने वाली बड़ी-बड़ी घास ‘सवाना’ या ‘हाथी घास’ कहलाती है। इस क्षेत्र में घास खाने वाले विभिन्न पशुओं तथा शाकाहारी पशुओं को खाने वाले माँसाहारी पशु बहुतायत में पाये जाते हैं। यह क्षेत्र चिड़ियाघर के रूप में विख्यात है।

अफ्रीका महाद्वीप में वृक्षों पर रहने वाले जीव-जन्तु, बन्दर, लंगूर, साँप, गिरगिट, छिपकली और रंग-बिरंगी तितलियाँ पाई जाती हैं। भूमि पर रहने वाले जीवों में हाथी, गेंडा, जेब्रा, जिराफ, जंगली भैंसा, जंगली सूअर पाये जाते हैं। कालाहारी मरुस्थल में शुतुरमुर्ग चिड़िया मिलती है। यहाँ टेटसी नामक मक्खी भी पाई जाती है जिसके काटने से मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है। पानी में रहने वाले जीवों में मगरमच्छ, घड़ियाल, दरियाई घोड़ा और विभिन्न प्रकार की मछलियाँ मिलती हैं।

मानचित्र कार्य:
निम्नांकित को अफ्रीका के रेखा मानचित्र में दर्शाइए –

किलिमंजारो पर्वत
ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत
सहारा मरुभूमि
कांगो व नाइजर नदी
रूडॉल्फ झील
भ्रंशघाटी क्षेत्र
विक्टोरिया जल प्रपात
कालाहारी मरुस्थल
सवाना घास भूमि
वेल्ड्स घास भूमि।

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