MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 6 केन्द्र की सरकार

MP Board Class 7th Social Science Book Solutions सामाजिक विज्ञान Chapter 6 केन्द्र की सरकार- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 6 केन्द्र की सरकार

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) राज्यसभा सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमानिर्धारित है –
(अ) 35 वर्ष
(ब) 30 वर्ष
(स) 25 वर्ष
(द) 40 वर्ष।
उत्तर:
(ब) 30 वर्ष

(2) लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या है –
(अ) 250
(ब) 230
(स) 545
(द) 552।
उत्तर:
(स) 545

(3) लोकसभा की दो बैठकों के बीच अधिकतम अन्तर हो सकता है –
(अ) 1 वर्ष
(ब) 3 माह
(स) 6 माह
(द) 9 माह।
उत्तर:
(स) 6 माह।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) भारत में वयस्क मताधिकार की आयु ……….. वर्ष है।
(2) ………….. लोकसभा की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं।
(3) भारतीय संविधान द्वारा राज्यसभा सदस्यों की संख्या …………………… निर्धारित है।
(4) राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल …………….. वर्ष होता
(5) राष्ट्रपति को राज्यसभा में ……………… सदस्य मनोनीत करने की शक्ति प्राप्त है।
(6) ……………. राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं।
उत्तर:
(1) 18
(2) स्पीकर
(3) 250
(4) 6
(5) 12
(6) भारत के उपराष्ट्रपति।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) लोकसभा का सदस्य होने के लिए कोई तीन आवश्यक अर्हताएँ लिखिए।
उत्तर:
लोकसभा का सदस्य होने के लिए तीन आवश्यक। अर्हताएँ निम्न हैं –

वह भारत का नागरिक हो तथा मतदाता सूची में उसका नाम हो।
वह 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
उसे न्यायालय द्वारा पागल या दिवालिया घोषित न किया गया हो।
(2) मतदाताओं की तीन योग्यताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मतदाताओं की तीन योग्यताएँ –

वह भारत का नागरिक हो तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
वह जिस लोकसभा क्षेत्र का मतदाता है वहाँ की मतदाता सूची में उसका नाम हो।
उसे न्यायालय द्वारा पागल या दिवालिया घोषित न किया गया हो।
(3) कानून बनाने की प्रक्रिया में प्रथम वाचन क्या होता
उत्तर:
कानून बनाने की प्रक्रिया में पहले मन्त्रिपरिषद्। एक प्रस्ताव तैयार करती है। इस प्रस्ताव को विधेयक कहते हैं। सभापति की अनुमति से मन्त्रिपरिषद् का कोई सदस्य अथवा सांसद इस विधेयक को सदन में प्रस्तुत करता है। विधेयक प्रस्तुत करने वाला सदस्य प्रस्ताव का शीर्षक पढ़ता है। इस प्रस्ताव की प्रति सभी सदस्यों को दे दी जाती है। इस प्रस्ताव का केन्द्रीय । सरकार के शासकीय गजट में प्रकाशन होता है। यह विधेयक का प्रथम वाचन है।

(4) संघ सूची के किन्हीं पाँच विषयों के नाम लिखिए।
उत्तर:
संघ सूची के पाँच विषय –

संयुक्त राष्ट्र संघ
सेना
बैंक
मुद्रा
प्राचीन इमारत।
(5) समवर्ती सूची क्या है?
उत्तर:
समवर्ती अर्थात् जिसमें संघ तथा राज्य को समान अधिकार हों। इस सूची में 52 विषय हैं। इन विषयों पर संघ तथा राज्य दोनों ही कानून बनाने का अधिकार रखते हैं। यदि दोनों के कानून बनाने में मतभेद है, तो संसद द्वारा बनाए गए कानून ही मान्य किए जाते हैं।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) राज्यसभा स्थायी सदन किस प्रकार है ? समझाइए।
उत्तर:
राज्यसभा एक स्थायी सदन है। यह कभी भंग नहीं होती है। प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष होता है। सदन के 1/3 सदस्य, जिनका कार्यकाल 6 वर्ष पूरा हो चुका होता है, उनके स्थान पर राज्य विधानमण्डल 1/3 सदस्यों का चुनाव करते हैं। ये नये सदस्य अपने पद पर 6 वर्ष तक रह सकते हैं। इसी प्रकार राष्ट्रपति अपने द्वारा मनोनीत 1/3 सदस्यों के 6 वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर नए सदस्यों को मनोनीत करते हैं। इस प्रकार राज्य सभा में 250 सदस्य हमेशा बने रहते हैं। अत: यह एक स्थायी सदन है।

(2) संसद के कोई दो कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संसद के दो कार्य –
(i) कानून बनाना – संसद को संघ सूची के 97 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है। वह समवर्ती सूची के सभी 52 विषयों पर भी कानून बना सकती है। साथ ही अवशिष्ट विषयों की सूची पर भी समय-समय पर कानून बना सकती है।

(ii) वित्तीय कार्य – संसद देश की वित्तीय व्यवस्था पर नियन्त्रण रखती है। वह प्रतिवर्ष आय के स्रोत एवं राजकीय कार्य संचालित करने हेतु व्यय नीति बनाती है तथा बजट निर्धारित कर उसे स्वीकृत करती है। वित्तीय व्यवस्था से सम्बन्धित वित्त विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति से ही लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है।

(3) कानून बनाने की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
किसी विषय पर कानून बनाने से पूर्व मन्त्रिपरिषद् एक प्रस्ताव तैयार करती है जिसे विधेयक कहते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं –

साधारण विधेयक
वित्त विधेयक।

  1. विधेयक का प्रथम वाचन – सभापति की अनुमति से मन्त्रिपरिषद् का कोई सदस्य या सांसद सदन में विधेयक प्रस्तुत करता है। इस विधेयक का शीर्षक विधेयक प्रस्तुत करने वाले सदस्य द्वारा पढ़ा जाता है। इस प्रस्ताव की प्रति सभी सदस्यों को दे दी जाती है। इस प्रस्ताव का केन्द्रीय सरकार के शासकीय गजट में प्रकाशन होता है। इस विधेयक पर बहस नहीं होती है।
  2. विधेयक का दूसरा वाचन – इस समय विधेयक पर विचार – विमर्श होता है। सरकार एवं विपक्ष द्वारा इस विधेयक की उपयोगिता या अनुपयोगिता पर बहस होती है। विधेयक के प्रत्येक बिन्दु एवं मुद्दों तथा निहित सिद्धान्तों पर परिचर्चा होती है। विधेयक में संशोधन के प्रस्ताव रखे जाते हैं। विधेयक में संशोधन हेतु बहुमत के आधार पर निर्णय होता है।
  3. विधेयक का तृतीय वाचन – द्वितीय वाचन के बाद विधेयक का प्रारूप निश्चित हो जाता है। इस वाचन के समय संशोधन सहित तैयार विधेयक को स्वीकृत किए जाने हेतु एक प्रस्ताव विधेयक के प्रस्तावक द्वारा सदन में रखा जाता है। इस समय विधेयक में संशोधन नहीं किए जाते। सदन विधेयक को स्वीकार अथवा अस्वीकार भी कर सकता है। विधेयक पर मतदान के बाद यह क्रिया पूर्ण हो जाती है।
  4. विधेयक के स्वीकृत हो जाने पर इसे दूसरे सदन में स्वीकृति हेतु भेजा जाता है। दूसरे सदन में भी विधेयक का प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वाचन होता है। यदि विधेयक दूसरे सदन में स्वीकृत हो जाता है तो इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाता है। इस कानून का सरकार के राजकीय गजट में प्रकाशन किया जाता है।

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