MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 6 प्रयत्नो विधेयः

MP Board Class 7th Sanskrit Book Solutions संस्कृत सुरभिः Chapter 6 प्रयत्नो विधेयः – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 6 प्रयत्नो विधेयः


प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखो
(क) जनानां सद्बुद्धिवृद्धिः केन भवति? [मनुष्यों में सद्बुद्धि की वृद्धि किससे होती है?]

उत्तर:
प्रयत्नेन

(ख) प्रयत्नेन वीराः कान् लङ्घयन्ति? [प्रयत्न से वीर किनको लाँघ जाते हैं?]
उत्तर:
गिरीन्

(ग) प्रयत्नेन के वियत्युत्पतन्ति? [प्रयत्न से कौन आकाश में उड़ते हैं?]
उत्तर:
विज्ञाः

(घ) प्रयत्नेन के विश्वप्रियाः? [प्रयत्न से विश्व में कौन प्रिय हैं?]
उत्तर:
भारतीयाः

MP Board Solutions

(ङ) प्रयत्नादयोग्याः कीदृशाः भवन्ति? [प्रयत्न से अयोग्य कैसे हो जाते हैं?]
उत्तर:
योग्याः।

प्रश्न 2.
एक वाक्य में उत्तर लिखो
(क) प्रयत्नेन भारतीयाः कां गताः? [प्रयत्न करने से भारतीयों ने क्या प्राप्त किया?]
उत्तर:
प्रयत्नेन भारतीयाः ऋद्धिं गताः। [प्रयत्न करने से भारतीयों ने वैभव को प्राप्त किया।]

(ख) प्रयत्नात् कः मृदुत्वं प्रयाति? [कैसे प्रयत्न से कोमलता प्राप्त हो जाती है?]
उत्तर:
कठोरः प्रयत्नात् मृदुत्वं प्रयाति। [कठोर प्रयत्न से कोमलता प्राप्त हो जाती है।]

(ग) अस्माभिः कः विधेयः? [हम सबको क्या करना चाहिए?]
उत्तर:
अस्माभिः प्रयत्नो विधेयः। [हम सबको प्रयत्न करना चाहिए।]

(घ) प्रयत्नेन कुत्र जनानां जयः स्यात्? [प्रयत्न करने से मनुष्यों की कहाँ विजय होती है?]
उत्तर:
प्रयत्नेन युद्धे जनानां जयः स्यात्। [प्रयत्न करने से मनुष्यों की युद्ध में विजय होती है।]

(ङ) प्रयत्नेन भारतीयाः कां श्रिताः? [प्रयत्न करने से भारतीय किससे युक्त हो जाते हैं?]
उत्तर:
प्रयत्नेन भारतीयाः मुक्तिं श्रिताः। [प्रयत्न करने से भारतीय मुक्ति से युक्त हो जाते हैं]

MP Board Solutions

प्रश्न 3.
शुद्ध वाक्यों के समक्ष ‘आम्’ और अशुद्ध वाक्यों के समक्ष ‘न’ लिखो
(क) प्रयत्नेन भारतीयाः मुक्ताः न अभवन्।
(ख) धीराः परिश्रमेण समुद्रं तरन्ति।
(ग) वैज्ञानिकाः प्रयत्नेन आकाशे उड्डयन्ति
(घ) प्रयत्नेन वीराः गिरीन् न लङ्घयन्ति।
(ङ) प्रयत्नेन असाध्यं साध्यं भवति।
उत्तर:
(क) न
(ख) आम्
(ग) आम्
(घ) न
(ङ) आम्

प्रश्न 4.
उचित शब्दों से रिक्त स्थानों को भरो
(क) प्रयत्नेन …………. सिद्धिर्जनानाम्।
(ख) …………. धीराः समुद्रं तरन्ति।
(ग) प्रयत्नेन वीराः ………….।
(घ) प्रयत्नेन ………… भारतीयाः।
(ङ) कठोरः ……….. मृदुत्वं प्रयाति।
उत्तर:
(क) कार्येषु
(ख) प्रयत्नेन
(ग) गिरीन् लङ्घयन्ति
(घ) विश्वप्रियाः
(ङ) प्रयत्नात्।

प्रश्न 5.
उदाहरण के अनुसार अधोलिखित शब्दों को एकवचन में बदलो
(क) वीराः
(ख) धीराः
(ग) अयोग्याः
(घ) विश्वप्रियाः
(ङ) श्रिताः
(च) गिरीन्
(छ) कार्येषु।
उत्तर:
(क) वीरः
(ख) धीरः
(ग) अयोग्यः
(घ) विश्वप्रियः
(ङ) श्रितः
(च) गिरि
(छ) कार्ये।

MP Board Solutions

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के मूलशब्द, विभक्ति और वचन लिखो
(क) युद्धे
(ख) जनानाम्
(ग) प्रयत्नात्
(घ) जयः
(ङ) कठोरः
(च) विज्ञाः
(छ) गिरीन्।
उत्तर:
(क) युद्ध-सप्तमी-एकवचन
(ख) जनषष्ठी-बहुवचन
(ग) प्रयत्न-पंचमी-एकवचन
(घ) जयप्रथमा-एकवचन
(ङ) कठोर-प्रथमा-एकवचन
(च) विज्ञप्रथमा-बहुवचन
(छ) गिरि-द्वितीया-बहुवचन।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखो
(क) कठोरः
(ख) अयोग्याः
(ग) सद्बुद्धिः
(घ) धीराः
(ङ) विज्ञाः
(च) गताः।
उत्तर:
(क) मुदः
(ख) योग्याः
(ग) दुर्बुद्धिः
(घ) अधीराः
(ङ) अवज्ञिाः
(च) अगताः।।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द लिखो-
(क) परिश्रमेण
(ख) मूर्खाः
(ग) पर्वतान्
(घ) युद्धे
(ङ) प्रयत्नः।
उत्तर:
(क) प्रयत्नेन
(ख) निर्बुद्धयः
(ग) गिरीन्
(घ) संग्रामे
(ङ) प्रयासः।

प्रश्न 9.
उदाहरण के अनुसार अन्वय की पूर्ति करो
(क) प्रयत्नेन ………. समुद्रं ………. , प्रयत्नेन वीराः ……… लङ्घयन्ति, ………. विज्ञाः वियति ……… , प्रयत्नः ………. , ……… विधेयः।
(ख) प्रयत्नेन जनानां ……. , सिद्धिः …….. जनानां …….. वृद्धि, प्रयत्नेन ……. युद्धे …….. स्यात्, …….. विधेयः, प्रयत्नः ……..।
उत्तर:
(क) धीरा, तरन्ति, गिरीन्, प्रयत्नेन, उत्पतन्ति, विधेयः, प्रयत्नः।
(ख) कार्येषु, प्रयत्नेन, सद्बुद्धिः, जनानां, जयः, प्रयत्नाः, विधेयः।

MP Board Solutions

प्रयत्नो विधेयः हिन्दी अनुवाद

रविः :
श्याम! एषा अतिगभीरा नदी। नद्याम् अपारं जलम् अस्ति मम च भ्राता मोहनः तरति।

श्यामः :
नद्यां मोहनः कथं तरति ? तरणं तु अतिकठिनम्। सः अपारे जले कथं न मज्जति?

रविः :
त्वम् उचितं वदसि यत् तरणम् अतिकठिनं, किन्तु मोहनः तरणस्य प्रयत्नं करोति अतः सः न मज्जति। प्रयत्ने कृते कठिनकार्याणि अपि सरलानि भवन्ति। यथा-

प्रयत्नेन एव महाभारतयुद्धे पाण्डवाः जयं प्राप्तवन्तः।
अस्माकं भारतदेशः प्रयत्नेन एव परतन्त्रतापाशात् मुक्तः।
प्रयत्नेन एव जनाः उत्तुङ्गपर्वतेषु अपि आरोहणं
कुर्वन्ति। – प्रयत्नेन एव छात्रः परीक्षायाम् अधिकान् अङ्कान् प्राप्नोति।
अतः अस्माभिः पुनः पुनः प्रयत्नः विधेयः। प्रत्यनेन जनाः किं-किं कुर्वन्ति अद्य वयं पाठे पठामः।

अनुवाद :
रवि-श्याम! यह नदी बहुत गहरी है। नदी में अपार जल है और मेरा भाई मोहन तैरता है।

श्याम :
नदी में मोहन कैसे तैरता है? तैरना तो बहुत कठिन है। वह अपार जल में क्यों नहीं डूबता है?

रवि :
तुम उचित कहते हो कि तैरना बहुत कठिन होता है। किन्तु मोहन तैरने का प्रयत्न करता है, अत: वह नहीं डूबता है। प्रयत्न करने पर कठिन कार्य भी सरल हो जाते हैं। जैसे-

प्रयत्न करने से ही महाभारत युद्ध में पाण्डवों ने विजय प्राप्त की।
हमारा भारत देश प्रयत्न करने से ही पराधीनता के बन्धन से मुक्त हुआ।
प्रयत्न से ही लोग ऊँचे पर्वतों पर भी चढ़ाई करते हैं।
प्रयत्न से ही छात्र परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करता हैं।
इसलिए हमें बार-बार प्रयत्न करना चाहिए। प्रयत्न करने से लोग क्या-क्या करते हैं-आज हम इस पाठ में पढ़ेंगे।
प्रयत्नेन कार्येषु सिद्धिर्जनानां,
प्रयत्नेन सद्बुद्धिवृद्धिर्जनानां।
प्रयत्नेन युद्धे जयः स्याज्जनानां,
प्रयत्नो विधेयः प्रयत्नो विधेयः॥१॥

अनुवाद :
मनुष्यों को प्रयत्न करने से कार्यों में सफलता मिलती है। प्रयत्न करने से मनुष्यों में सद्बुद्धि की वृद्धि होती है। प्रयत्न करने से मनुष्यों को युद्ध में विजय प्राप्त होती है। (इसलिए) प्रयत्न करना चाहिए, प्रयत्न करना चाहिए।

प्रयत्नेन धीराः समुद्रं तरन्ति,
प्रयत्नेन वीराः गिरीन् लङ्घयन्ति।
प्रयत्नेन विज्ञाः वियत्युत्पतन्ति,
प्रयत्नो विधेयः प्रयत्नो विधेयः॥२॥

अनुवाद :
प्रयत्न करने से धैर्यशाली व्यक्ति समुद्र को तैरकर पार कर जाते हैं। प्रयत्न करने से वीर पुरुष पर्वतों को भी लाँघ जाते हैं। प्रयत्नपूर्वक विशेष ज्ञान वाले व्यक्ति आकाश में उड़ते हैं। इसलिए प्रयत्न करना चाहिए, प्रयत्न करना चाहिए।

MP Board Solutions

कठोरः प्रयत्नात् मृदुत्वं प्रयाति,
प्रयत्नादसाध्यं भवत्येव साध्यम्।
प्रयत्नादयोग्याः सुयोग्या भवन्ति,
प्रयत्नो विधेयः प्रयत्नो विधेयः॥३॥

अनुवाद :
कठोर प्रयत्न करने से मनुष्य कोमलता को प्राप्त हो जाता है। प्रयत्न करने से असाध्य भी साध्य हो जाता है। प्रयत्न करने से अयोग्य व्यक्ति भी योग्य हो जाते हैं। इसलिए प्रयत्न करना चाहिए, प्रयत्न करना चाहिए।

प्रयत्नेन मुक्तिं श्रिताः भारतीयाः,
प्रयत्नेन ऋद्धिं गताः भारतीयाः।
प्रयत्लेन विश्वप्रियाः भारतीयाः,
प्रयत्नो विधेयः प्रयत्नो विधेयः॥४॥

अनुवाद :
प्रयत्न करने से भारतीय लोग मुक्ति से युक्त हो जाते हैं। प्रयत्न करने से भारतीयों ने ऋद्धि (वैभव) को प्राप्त किया। प्रयत्न करने से भारतीय विश्व में प्रिय बन गये। इसलिए प्रयत्न करना चाहिए, प्रयत्न करना चाहिए।

प्रयत्नो विधेयः शब्दाथा:

मज्जति = डूबता है। विधेयः = करना चाहिए। धीराः = धैर्यशाली लोग। विज्ञाः = बुद्धिमान लोग। वियति = आकाश में। मृदुत्वं = कोमलता। असाध्यम् = कठिन। सिद्धिम् = सम्पन्नता को। ऋद्धिम् = वैभव को। सद्बुद्धिवृद्धि = अच्छी बुद्धि की वृद्धि। लङ्घयन्ति = पार कर जाते हैं। उत्प्रतन्ति = उड़ते हैं। प्रयाति = प्राप्त हो जाता है। परतन्त्रतापाशात् = पराधीनता के बन्धन से। उत्तुङ्गपर्वतेषु = ऊँचे पर्वतों पर। स्यात् = होती है।

Leave a Comment