MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 20 नन्हा सत्याग्रही

MP Board Class 8th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 20 नन्हा सत्याग्रही- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 20 नन्हा सत्याग्रही

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
सलूक- व्यवहार; दफा हो जाना = तेजी से भाग जाना या चला जाना; नाचीज = महत्त्वहीन, तुच्छ; बदतमीजी = अभद्रता, बुरा व्यवहार; सकपकाए = घबराए: हलाकानव्याकल, व्यग्र।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में – लिखिए
(क) वह बात जरा-सी थी’, वह जरा-सी बात क्या थी जिसके कारण मोहन रोये जा रहा था ?

उसर
वह ‘बात जरा-सी थी’, वह यह थी कि थानेदार के दर्जे के पुलिस अधिकारी ने मोहन नामक छोटे से बालक को चपत लगा दी थी। मोहन का कोई कसूर नहीं था। फिर भी उसे चपत लगा दी गई। इस छोटी-सी (जरा-सी) बात पर मोहन रोये जा रहा था।

(ख) “जा, जा कुछ नहीं हुआ। पीट दिया हमने। कर ले जो कुछ करना है, अब शेरसिंह के भीतर बैठा पुलिस वाला बोला।” इस कथन में पुलिस वाले का क्या भाव है ? सही उत्तर चुनकर लिखिए।
(क) घमण्ड
(ख) घृणा
(ग) क्रोध
(घ) लापरवाही
उत्तर
(क) घमण्ड।

(ग) मोहन के मित्रों ने उसका साथ कैसे दिया?
उत्तर
मोहन के मित्र प्रभात फेरी के लिए निकले। वे तख्तियाँ लिए हुए थे। उन्हीं में मोहन को भी जाना था परन्तु पुलिस चाचा के द्वारा चपत लगाये जाने पर वह उनके घर के फाटक पर सत्याग्रह कर बैठ गया कि पुलिस चाचा बताएँ कि उसकी क्या गलती है जिसके लिए उसे चपत लगाई। यह बात सुनकर सभी बच्चे रुक गये। बड़े बच्चे ने तिरंगा ऊँचा करके कहा कि इन्सपेक्टर साहब को सफाई तो देनी ही होगी। इसी पर गाँधी जी के नाम के जयकारे लगे। इस प्रकार मित्रों ने मोहन का साथ दिया और पुलिस इन्स्पेक्टर ने अपनी ज्यादती के कसूर को मान लिया।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) इस पाठ में कुछ वाक्य ऐसे हैं जिनमें बालकों की बात पर ध्यान न देने का भाव दिया है। ऐसे चार वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।

उत्तर

“अरे भाई, बड़े हैं, जरा जल्दी होगी, किसी ने उन्हें नहीं टोका। एक तुम्हीं उनके आड़े आ गए।”
“लड़का जिरह किये जाता है, इसे कौन समझाए ?”
“रोता है, रोने दो-कब तक रोएगा?”
“अभी थककर आप चुप हो जाएगा।”
“चलो जी चलो …सब इन्स्पेक्टर साहब आप भी चलें .
” सुबह-ही-सुबह रोनी सूरत सामने पड़ी। छुट्टी का दिन न बिगड़ जाए।”
(ख) “लड़का जिरह किए जाता है, इसे कौन समझाए ? लोग किस आधार पर ऐसा कह रहे थे? .
उत्तर
लड़का जिरह किए जाता है, इसे कौन समझाए ? इस तरह की बात लोग इस आधार पर कह रहे थे कि मोहन को पुलिस अधिकारी के द्वारा एक चपत लगाए जाने पर वह रोता ही जा रहा था। वह कह रहा था कि उसका अपराध क्या है जिसके लिए उसे चपत लगा दी गई। केवल इसलिए कि मैं छोटा हूँ और कमजोर हूँ, साथ ही बड़ों ने कभी नहीं टोका उन्हें; मोहन ने टोक दिया तो उसे पीट दिया। कोई बड़ा उन्हें रोकता-टोकता तो क्या वह उसके चाँटा जड़ देते ? नहीं तो, परन्तु मोहन को इसलिए पीट दिया कि वह बच्चा है, छोटा है, कमजोर है।

(ग) आस-पास की मुंडेरों से उभर आए चार-पाँच चेहरों ने जो देखा, उससे सम्बन्धित पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर
आस-पास की मुंडेरों से उभर आए चार-पाँच चेहरों ने जो देखा उससे सम्बन्धित पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं

बरामदे के सामने मुँह बिसूरता मोहन खड़ा है और अपने बरामदे में झल्लाए शेरसिंह।
“जाएगा भी यहाँ से या दो-एक चपत खाकर ही टलेगा।”
“अजीब उजङ्क-ढीठ लड़का है। एक पड़ोसी ने कहा।
“देखिए, आप इसे समझाएँ अगर यहाँ से दफा नहीं हुआ तो मैं इसे कोतवाली में बन्द करवा दूंगा।” शेरसिंह गरजे।
“आप जो चाहें सो करें, पर मेरा कसूर बताएँ, जिससे मैं आगे ऐसा कुछ न करूं कि बड़ों को मुझ पर हाथ उठाना पड़े?” मोहन बोला।
(घ) फरीद बाबा ने शेरसिंह को क्या-क्या कहा होगा? जिसे सुनकर वे माफी मांगने आ गए।
उत्तर
फरीद बाबा ने फाटक खोला और भीतर गये। उन्होंने शेरसिंह से कहा कि सभी बच्चे मोहन के मित्र हैं। वे सब इकटेहोकर तुम्हारे घर के फाटक पर नारेबाजी कर रहे हैं। आज गाँधी जयन्ती है। शहर में सभी लोग इधर से उधर आ-जा रहे हैं। आपके खिलाफ नारेबाजी हुई तो अखबार वाले छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर छापेंगे। बात का बतंगड़ हो जाएगा। अभी-अभी तो आपको तरक्की मिली है। ऐसा न हो कि तुम्हारे खिलाफ तुम्हारे अधिकारी कोई कदम उठा लें। सम्भवतः इसी बात को सुनकर शेरसिंह माफी माँगने आ गए।

नन्हा सत्याग्रही भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
‘चपत’ से बना है ‘चपतिया’ ऐसे ही ‘इया’ प्रत्यय लगाकर पाँच शब्द बनाइए।
उत्तर

चपत + इया = चपतिया।
खाट + इया = खटिया।
लोटा + . इया = लुटिया।
लखटका + इया = लखटकिया।
लकुटी + इया = लकुटिया।
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाइए
ईमानदार, बेईमान, कमजोर, खराब, सफेद, चालाक।

उत्तर

ईमानदारी
बेईमानी
कमजोरी
खराबी
सफेदी
चालाकी।
प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों में दूसरा शब्द ‘आत्मा’ है। प्रथम शब्द क्या है ? लिखिए।
महात्मा, धर्मात्मा, पुण्यात्मा, परमात्मा, पापात्मा

उत्तर

महा + आत्मा
धर्म + आत्मा
पुण्य + आत्मा
परम + आत्मा
पाप + आत्मा।
प्रश्न 4.
आगे लिखे वाक्यों में कोष्ठक में अंकित मूल क्रिया का सही रूप बनाकर रिक्त स्थान भरिए
(1) स्कूल की घण्टी ……….. मन्दिर में घण्टा ……… (बजाना)
(2) हम गाँधी जयन्ती …… बच्चे बाल दिवस …………. (मनाना)
(3) प्रधान जी ने झण्डा ……. अध्यापक ने झण्डियाँ (फहराया)
(4) घर में भाई ………… घर में बहन …… (आना)
उत्तर

बजी, बजाया गया;
मनाते हैं, मनाते हैं;
फहराया, फहराई
आया, आई
प्रश्न 5.
कुछ शब्दों में से “या” हट गये हैं। जहाँ जो जरूरी हो, वहाँ वही चिह्न लगाकर ठीक/सही कर दें।
पाच, डका, मुह, हसना, आख, तख्तिया, गाधी, मच।

उत्तर

पाँच
डंका
मुँह
हँसना
आँख
तख्तियाँ
गाँधी
मंच।
प्रश्न 6.
बड़ा’ या ‘बड़े’ शब्द का प्रयोग भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयोग कीजिए और अर्थ भी लिखिए।
उत्तर
बड़ा-आकार में या उम्र में बड़ा, पद में बड़ा। खाने की वस्तु का नाम।
वाक्य प्रयोग-

उसका घर बड़ा है।
रामू मोहन का बड़ा भाई है।
मोहन आजकल बड़ा अधिकारी है।
आज मैंने दही के साथ बड़े का स्वाद चखा।
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प्रश्न 7.
इन मुहावरों के अर्थ लिखिए और वाक्य में – प्रयोग कीजिए
टस से मस न होना, पहाड़ टूट पड़ना।

उत्तर

टस से मस न होना-न-हटना या प्रभावित न होना या न हिलना। वाक्य प्रयोग-धरने पर बैठे लोग समझाते, पर भी टस से मस नहीं हुए।
पहाड़ टूट पड़ना-बड़ी विपत्ति आ जाना।
वाक्य प्रयोग-मोहन को अधिकारी के द्वारा चपत लगा दी तो उस पर कौन-सा-पहाड़ टूट पड़ा।
प्रश्न 8.
‘खाना’ सहायक क्रिया का विभिन्न अर्थों में प्रयोग करते हुए चार वाक्य लिखिए।
उत्तर

वह खाना खा रहा है। (भोजन-संज्ञा)
वह कुछ खा रहा है। (क्रिया)
वह चार खाने की कमीज पहने है। (रंग कला)
वह चारों खाने चित्त गिर पड़ा। (स्थिति)
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रेरणावर्धक क्रियाओं को अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग कीजिए
बनवाया, करवाना, सुनवाया,धुलवाना। उत्तर-विद्यार्थी स्वयं करें।

नन्हा सत्याग्रही परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) “सुनिए, वह लड़का अभी तक फाटक पर उटा है, कह दो कि गुस्सा आ गया था। क्यों जगत् में डंका पिटवाते हो कि बित्तेभर को छोकरा थानेदार के दर्जे के सरकारी अफसर के दरवाजे पर सत्याग्रह किए बैठा है। कहीं अखबार वालों को भनक पड़ गई तो तिल का ताड़ बनेगा। फिर आज गाँधी जयन्ती भी है।”

शब्दार्थ-डटा है = अडिग खड़ा है (जमकर खड़ा होना); गुस्सा = क्रोध; जगत् = दुनिया में;
डंका पिटवाना = बात को फैलाना; बित्तेभर = बालिस्त के बराबर आकार का; छोकरा = लड़का; दर्जे का = बराबरी का; अफसर = अधिकारी; भनक पड़ना = सुन लेना; तिल का ताड़ बनेगा = छोटी बात बढ़ जायेगी।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक भाषा-भारती’ के पाठ ‘नन्हा सत्याग्रही’ से अवतरित है। इसके लेखक आलमशाह खान हैं।

प्रसंग-थानेदार के दर्जे के सरकारी अफसर शेरसिंह की पत्नी, उन्हें समझाते हुए कहती है कि इस छोटे से बच्चे को यह कह दो कि तुम्हें गुस्सा आ गया था।

व्याख्या-शेरसिंह की पत्नी अपने सरकारी अफसर पति को पुकारती हुई कहती है कि जरा आप सुनो तो। वह छोटा-सा बालक अभी भी फाटक पर जमकर खड़ा है। उससे आप केवल इतना भर कह दीजिए कि आपको क्रोध आ गया था, इसलिए तुमने धीरे से चपत लगा दिया था। कहीं ऐसा न हो कि यह बात
सभी जगह फैल जाए। देखिए न। यह लड़का बालिस्त भर का है, छोटे आकार का है, कम उम्र का है, फिर भी थानेदार के दर्जे के सरकारी अधिकारी के फाटक पर सत्याग्रह किये लोग है। वह वहाँ से टलने का नाम भी नहीं लेता है। अगर अखबार वालों को इसकी सूचना मिल गई तो यह छोटी-सी बात बहुत बढ़ जाएगी जिस पर आज गाँधी जयन्ती का दिन है।


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