MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 शहीद की माँ

MP Board Class 8th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 15 शहीद की माँ- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 शहीद की माँ

प्रश्न अभ्यास
अनुभव विस्तार

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 शहीद की माँ 1
उत्तर
(अ) 2, (ब) 3, (स) 4, (द) 1

(ख) सही शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(अ) बिस्मिल को ……………….की मजा हुई थी। (फाँसी/उम्रकैद)
(ब) जेलर ………………था। (अंग्रेज/भारतीय)
(स) बिस्मिल की माँ अपने ……………….के लिए बेसन के लड्डू लाई थी। (बेटे/जेलर)
(द) बिस्मिल ने माँ से कहा “माँ, तुमने अपने बेटे को. ……………..की गोद में डाल दिया है” (भारत माँ/अंग्रेज सरकार)
उत्तर
रिक्त स्थानों की पूर्ति
(अ) फाँसी
(ब) भारतीय
(स) बेटे
(द) भारत माँ। अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

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प्रश्न 1.
(अ) रामप्रसाद बिस्मिल से जेल में कौन मिलने आया था?
(ब) माँ ने बिस्मिल को कौन-सा पाठ पढ़ाया था?
(स) विस्मिल ने अपनी माँ के सामने कौन-सी इच्छा प्रकट की?
(द) बिदा होते समय बिस्मिल से माँ ने क्या कहा?
(ई) जेलर किस स्वभाव का व्यक्ति था?

उत्तर
(अ) रामप्रसाद बिस्मिल से जेल में उनकी माँ मिलने आयी थी।
(ब) माँ ने बिस्मिल को जन्मभूमि पर न्यौछावर होने का पाठ पढ़ाया था।
(स) बिस्मिल ने अपनी माँ के सामने यह इच्छा प्रकट की कि अगले जन्म में भी वही उसकी माँ बने।
(द) विदा होते समय बिस्मिल की माँ ने कहा कि वह अपनी भारत माँ की अच्छी तरह सेवा करे। कोई चक न करे।
(ई) जेलर सरल और उदार स्वभाव का था। लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(अ)
बिस्मिल अपनी माँ से क्यों नहीं मिलना चाहते थे?
उत्तर
बिस्मिल अपनी माँ से नहीं मिलना चाहते थे। यह इसलिए कि उन्हें डर था कि उनकी माँ को उनकी एक दिन की जिंदगी को देखकर अपार दुख होगा। उन्हें यह भी डर था कि माँ की भींगी आँखें कहीं उनके कदमों को न डगमगा दें। उनकी मौत के लिए उसे अफ़सोस न होने लगे।

(ब)
बिस्मिल ने अपनी तस्वीर सबके सामने रखने से मना क्यों किया?
उत्तर
बिस्मिल ने अपनी तस्वीर सबके सामने रखने से मना कर दिया। यह इसलिए कि उनकी तस्वीर को देखकर लोगों को उनकी याद आ जायेगी। उनकी आँखें गीली हो जायेंगी। उनके देश को आजादी मिले और उनके देशवासी उस दिन आँसू बहाएं, यह उन्हें सहन नहीं होग।

(स)
बिस्मिल आजादी का जश्न किस रूप में देखना चाहते थे?
उत्तर
बिस्मिल आजादी का जश्न अपनी तस्वीर के माध्यम से देखना चाहते थे। वे अपनी तस्वीर को ऐसी जगह रखवाकर आजादी का जश्न उसके माध्यम से देखना चाहते थे, जहाँ से उसे कोई न देख सके।

(द)
माँ को किस बात से गौरब अनुभव हो रहा था?
उत्तर
माँ को इस बात से गर्व का अनुभव हो रहा था कि वह पाल-पोसकर अपने बेटे को अपने ही हाथों से देश लिए कुर्बान कर देने में खुश हो रही है।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिए
क्रांतिकारी, खजाना, सराबोर, वार्तालाप, अफसोस, लहलहाती, स्वीकृति, न्यौछावर, अमुक।

उत्तर
क्रांतिकारी, खजाना, सराबोर, वार्तालाप, अफ़सोस, लहलहाती, स्वीकृति, न्यौछावर, अमुक।

प्रश्न 2.
सही वर्तनी वाले शब्द को कोष्ठक में लिखिए
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 शहीद की माँ 2
उत्तर
भाँति, वेश भूषा, स्वीकृति, हृदय।

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प्रश्न 3.
नीचे लिखे सरल, संयुक्त और मिश्र वाक्य पहचानकर उनके आगे लिखिए- .

  1. माँ से मेरी ओर से क्षमा माँगना, मैं उनसे न मिल सकूँगा।
  2. मैं अपनी माँ से नहीं मिलूँगा।
  3. मेरी इच्छा है कि तू मातृभूमि की रक्षा करे।
  4. मेरे देश को आजादी मिले और मेरे देशवासी उस दिन आँसू बहाएं।
  5. जन्मभूमि पर न्यौछावर होने वाले बहादुर इस तरह की बातें नहीं करते हैं।
    उत्तर
  6. सरल वाक्य
  7. सरल वाक्य
  8. मिश्रवाक्य
  9. संयुक्त वाक्य
  10. सरल वाक्य।

प्रश्न 4.
समानार्थी शब्दों को रेखा खींचकर मिलाइए
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 शहीद की माँ 3

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प्रश्न 5.
नीचे दिए गए शब्दों में यथास्थान ता, ई त्व, इय प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञाएँ बनाइए
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 शहीद की माँ 4

प्रश्न 6.
नीचे लिखे मुहावरों का अर्थ लिखकर याक्यों में प्रयोग कीजिए
आँखें बिछाना, अपने पैरों पर खड़े होना, फूला न समाना, नौ दो ग्यारह होना, कदम डगमगाना, कमर सीधी करना, पत्थर की लकीर होना।

उत्तर
मुहावरे – अर्थ
आँखें बिछाना = प्रतीक्षा करना
वाक्य-प्रयोग – हर कोई अपने प्रिय के लिए आँखें बिछाए रहता है।
अपने पैरों पर खड़ा होना = आत्मनिर्भर होना
वाक्य-प्रयोग – अपने पैरों पर खड़ा होने से ही सफलता मिलती है।
फूला समाना = अत्यधिक प्रसन्न होनः
वाक्य-प्रयोग – परीक्षा में प्रथम आने पर परीक्षार्थी फूले नहीं समाते हैं।
नौ दो ग्यारह होना = भाग जाना
वाक्य-प्रयोग – चोर पुलिस को देखकर नौ दो ग्यारह हो गए।
कदम डगमगाना = डर जाना
वाक्य-प्रयोग- बुजदिलों के कदम डगमगाते रहते हैं।
पत्थर की लकीर होना = अमिट होना
वाक्य-प्रयोग – महात्मा बुद्ध के एक-एक वाक्य पत्थर की लकीर

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प्रमुख गद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

  1. विस्मिल अपनी माँ से मिलना नहीं चाहते थे। उन्हें भय था कि कहीं उनसे मिलकर माँ का हृदय द्रवित न हो जाए किन्तु क्रांति वीर बिस्मिल की माँ का हृदय तो चट्टान की भाँति कठोर था। उन्हें गर्व था कि उनका बेटा भारत माँ को स्वतंत्र कराने के प्रयास में फाँसी पर झूलने जा रहा है। देशभक्ति से सराबोर उस त्यागमयी माँ ने अपने लाल को भारत-माता की बलिवेदी पर बलिदान कर दिया।

शब्दार्थ
भय-डर । द्रवित-पिघल । भाँति-तरह, समान। गर्व-स्वाभिमान। सरोवर- भरा हुआ। लाल-बेटा।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-8 के पाठ 15-‘शहीद की माँ’ से ली गई हैं। इसके लेखक श्री योगेशचन्द्र शर्मा हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने अमर शहीद बिस्मिल का अपनी माँ के प्रति भावना कैसी थी, इस ओर प्रकाश डालते हुए कहा है कि

व्याख्या
‘जेल में बंद फाँसी की सजा पाने वाले अमर शहीद बिस्मिल अपनी माँ के अपार प्रेम को भलीभाँति समझ रहे थे। इसलिए वे अपनी माँ से नहीं मिलना चाहते थे। यह इसलिए कि वे इस कारण से डरते थे कि उनकी माँ का हृदय पिघल जाएगा तो फिर वे भी पिघल जायेंगे। लेकिन वे तो क्रांति वीर थे। उनका हृदय दृढ़ था। उनकी माँ को यह गर्व था कि उनका बेटा देश की आजादी के लिए ही फाँसी पर झूलने जा रहा है। इस सोच-समझ से भरी-पूरी उस निस्वार्थमयी और त्यागमयी माँ ने अपने सुपुत्र को भारत माँ के लिए गर्व के साथ बलिदान कर दिया।

विशेष

बिस्मिल की माँ की महानता का चित्रण है
यह अंश ज्ञानवर्द्धक और प्रेरक है।
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  1. मैं सोच भी नहीं सकती बेटा कि तुझसे अपनी माँ को पहचानने में भूल हो सकती है! कैसे भूल गया कि मैं रामप्रसाद बिस्मिल की माँ हूँ। जिस भारत माँ के लिए तू कुर्बान हो रहा है, वह अकेले तेरी ही माँ नहीं, वह तो मेरी भी माँ है, तेरे बुजुर्गों की माँ है, इस सारे देश की माँ है।

शब्दार्थ – कुर्बान-बलिदान बुर्जुर्गो-पूर्वजों।

संदर्भ- पूर्ववत।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की ममतामयी भावना को बतलाते हुए कहा कि

व्याख्या
जेल में अपने बेटा अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल को समझाते हुए माँ ने कहा कि वह अपनी माँ को पहचानने में अब क्यों भूल कर रहा है। वह किन भावों में बहकर अपनी माँ को याद नहीं कर पा रहा है। उसे यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए कि वह जिस भारत के लिए अपना तन-मन न्यौछावर कर रहा है, वह केवल उसी की ही माँ नहीं है, अपितु वह तो पूर्वजों की माँ है। यही नहीं वह पूरे देश-प्रेमियों की भी माँ है।

विशेष

भारत माँ की महिमा का उल्लेख है।
यह अंश भावों को जगाने वाला है।


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