MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 विनम्रता

MP Board Class 8th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 2 विनम्रता- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 विनम्रता

अनुभव विस्तार

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
(अ) सुसंस्कृत – 1. अभिमान
(ब) सामंजस्य – 2. व्यवहार
(स) दंभ – 3. औचित्य
(द) आचरण – 4. अच्छे संस्कार वाला
उत्तर-
(अ) 4
(ब) 3
(स) 1
(द) 2

(ख) दिए गए विकल्पों से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(अ) दीन याचक होता है जबकि विनम्र …………….। (पाने वाला, दाता)
(ब) ………….. चरित्र का सद्गुण है। (विनम्रता, सुन्दरता)

(स) यदि हमारे लिए कोई कष्ट उठाकर काम करता है तो हमें उसके प्रति …………… प्रकट करना चाहिए। (कृतघ्नता, कृतज्ञता)
(द) विनम्रता ……………. की पोषक है। (निजता, जीवंतता)
उत्तर-
(अ) दाता,
(ब) विनम्रता,
(स) कृतज्ञता,
(द) जीवंतता।

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प्रश्न 2.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) ‘विनम्रता’ शब्द का अर्थ बताइए।
(ब) ‘विधु’ के व्यवहार से वीरेन्द्र क्यों प्रभावित हुए?
(स) बड़ों के बुलाने पर किस तरह उत्तर देना चाहिए?
(द) सफलता की गारंटी किसे कहा है?
उत्तर-
(अ) ‘विनम्रता’ शब्द का अर्थ है-अच्छा व्यवहार।
(ब) ‘विधु’ के व्यवहार से वीरेन्द्र उसकी विनम्रता से प्रभावित हुए।
(स) बड़ों के बुलाने पर ‘जी हाँ’ ‘जी आया’ इस तरह का उत्तर देना चाहिए।
(द) सफलता की गारंटी विनम्रता को कहा है।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) विराट और विधु के व्यवहार की तुलना कीजिए।

उत्तर-
(अ) विराट और विधु के व्यवहार एक-दूसरे के विपरीत हैं। विराट के व्यवहार में शिष्टता और विनम्रता नहीं है। वह दंभी है। इसलिए वह प्रशंसा का पात्र नहीं है। इसके विपरीत विधु के व्यवहार में शिष्टता और विनम्रता है। वह दंभी नहीं है। अपने इस सद्गुण के कारण वह प्रशंसनीय है।

(ब) विनम्र व्यक्ति की पहचान कैसे होती है?
उत्तर-
(ब) विनम्र व्यक्ति की पहचान उसके सद्व्यवहार से होती है। वह अपने से बड़ों-छोटों के प्रति यथोचित आदर-सत्कार और प्यार के भावों को प्रकट करता है। इस प्रकार वह बिना किसी भेदभाव के सबकी गरिमा और भावनाओं का समुचित सम्मान करता है।

(स) समुद्र में बाढ़ क्यों नहीं आती? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(स) समुद्र में बाढ़ नहीं आती है। यह इसलिए कि समुद्र अपनी सीमा में ही रहता है। वह अपनी सीमा से कभी भी बाहर नहीं आता है। इस प्रकार अपनी सीमा में ही वह रहकर नदियों के पानी को समा लेता है। यह वह अपनी विनम्र अनुशासन की विशेषता के कारण ही कर लेता है।

(द) ‘दीन याचक होता है, जबकि विनम्र दाता’ इसका आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(द) ‘दीन याचक होता है, जबकि विनम्र दाता’ इसका आशय यह है कि दीन व्यक्ति में अपनापन की भावना नहीं होती है। वह स्वार्थी होता है। इसके विपरीत विनम्र व्यक्ति में अपनापन होता है। वह प्यार बाँटता है। परस्पर मेल-मिलाप का वातावरण तैयार करता है। वह किसी से कुछ माँगता-चाहता नहीं है। वह तो अपने सद्व्यवहार से अपने संपर्क में आने वालों को अपने सद्गुणों को बाँटता ही रहता है।

(इ) विनम्रता कब प्रभाव पैदा करती है?
उत्तर-
(इ) विनम्रता तब प्रभाव पैदा करती है, जब जिस समस्या का समाधान आवेश भरा व्यक्ति नहीं ढूँढ़ पाता, उसे विनम्रता सहज में खोज लेती है।।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिएप्रतीक्षा, प्रशंसा, सुसंस्कृत, पृष्ठभूमि, सामंजस्य, जीवंतता।
उत्तर-

  1. प्रतीक्षा, प्रशंसा, सुसंस्कृत, पृष्ठभूमि, सामंजस्य, जीवंतता।

प्रश्न 2.
शुद्ध वर्तनी लिखिएसंक्षीप्त, मर्दुल, विनमरता, व्यतित्व, ओपचारिकता।
उत्तर-
शुद्ध वर्तनी-संक्षिप्त, मृदुल, विनम्रता, व्यक्तित्व, औपचारिकता।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण और विशेष्य शब्द छाँटिए
(अ) आया शरारती लड़की है।
(ब) बाजार में मीठे आम बिक रहे हैं।
(स) परिश्रमी व्यक्ति सफल होते हैं।
(द) लाल टोपी लेकर आओ।
उत्तर-
विशेषण – विशेष्य
शरारती – लड़की
मीठे – आम
परिश्रमी – व्यक्ति
लाल – टोपी

प्रश्न 4.
उदाहरण के अनुसार ‘ता’ प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए-
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 विनम्रता 1
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 विनम्रता 1a
उत्तर-
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 विनम्रता 2
प्रश्न 5.
पाठ में सु उपसर्ग वाले सुमधुर, सुसंस्कृत आदि शब्द आए हैं। निम्नलिखित शब्दों में ‘सु’ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए-
गंध, पुत्र, फल, मुखी, संस्कार, योग।
उत्तर-
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 विनम्रता 3

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों को उनके उचित विलोम से रेखा खींचकर मिलाइए-
उचित- उपेक्षा
औपचारिक – दुर्गुण
अपेक्षा – अनादर
सद्गुण – अनुचित
आदर – अनौपचारिक
उत्तर-
शब्द – विलोम शब्द
उचित – अनुचित
औपचारिक – अनौपचारिक
अपेक्षा – उपेक्षा
सद्गुण – दुर्गुण
आदर – अनादर

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प्रमुख गद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

  1. विनम्रता चरित्र का सद्गुण है। सुसंस्कृत होने का परिचय है। यह एक ऐसा चुंबक है जो सम्पर्क में आने वाले को स्वयं अपनी ओर खींच लेता है। विनम्र व्यक्ति की बोली मृदुल, आचरण शिष्ट, तथा भावना निजता से ओतप्रोत होती

शब्दार्थ-विनम्रता-शिष्टता, अच्छा व्यवहार। सद्गुण-अच्छा गुण। सुसंस्कृत-अच्छा संस्कार। मृदुल-कोमल। शिष्ट-विनम्र। आचरण-व्यवहार। निजता-अपनापन।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-8 के पाठ-2 ‘विनम्रता’ से ली गई है।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने विनम्रता की विशेषता बतलाने का प्रयास किया है।

व्याख्या-लेखक का कहना है कि विनम्रता चरित्र का अधिक श्रेष्ठ गुण है। दूसरे शब्दों में विनम्रता से चरित्र अधिक महान बनता है। विनम्रता से अच्छा संस्कार के होने का परिचय मिलता है। विनम्रता की एक यह भी विशेषता होती है कि वह चुंबक की तरह होती है। अपनी इस विशेषता से वह अपने पास आने वालों को तुरंत ही अपनी ओर खींच लेती है। इस प्रकार जिसमें विनम्रता होती है, वह मधुर बोलता है, उसका व्यवहार सभ्य होता है, और उसके भाव-विचार में अपनापन भरा होता है।

विशेष-

विनम्र व्यक्ति पर प्रकाश डाला गया है।
भाषा सरल है।

  1. विनम्रता केवल बड़ों के प्रति ही नहीं होती है बराबर वालों के प्रति भी समादर और अपने से छोटों के प्रति स्नेह के रूप में भी प्रकट होती है। व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यदि हमारे लिए कोई कष्ट उठाकर कुछ काम करता है तो हमें उसके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य प्रकट करनी चाहिए। यदि बस या रेल में कोई व्यक्ति अपनी जगह हमें बैठने के लिए देता है तो उसे धन्यवाद देना कभी न भूलें। ऐसा करते समय लगना भी चाहिए कि हम उसे हृदय से धन्यवाद दे रहे हैं, केवल औपचारिकता का निर्वाह नहीं।

शब्दार्थ-स्नेह-प्रेम। आकर्षक-मोहक। कृतज्ञता-अहसान। औपचारिकता-दिखावा।

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने यह बतलाने का प्रयास किया है कि विनम्रता सबके प्रति होती है।

व्याख्या-विनम्र व्यक्ति अपने से बड़ों-छोटों के प्रति उचित रूप से विनम्र होना नहीं भूलता है। वह अपने से बड़ों के प्रति आदर-सत्कार को प्रकट करता है। इसी प्रकार वह अपने बराबर वालों का भी सत्कार करता है। अपने से छोटों के प्रति प्यार प्रकट करता है। इस प्रकार की विनम्रता से उसका व्यक्तित्व आकर्षक और महान् बनता है। इस आधार पर यह कहना ठीक होगा कि विनम्र व्यक्ति को सहयोग करने वाले के प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य करने चाहिए। उदाहरण के लिए यदि कोई बस, रेल आदि में बैठ आराम करने या कोई सुविधा दे तो विनम्र व्यक्ति को चाहिए कि वह उसे हृदय से धन्यवाद दे। अगर वह दिखावा कर रहा है, तो उससे उसकी विनम्रता नहीं प्रकट होगी।

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विशेष-

विनम्रता से व्यक्तित्व महान् बनता है, इसे समझाया गया है।
विनम्रता में किसी प्रकार का दिखावा नहीं होना चाहिए, इसे स्पष्ट किया गया है।


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