MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 22 पंच-परमेश्वर

MP Board Class 8th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 22 पंच-परमेश्वर- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 22 पंच-परमेश्वर

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 22 पंच-परमेश्वर 1
उत्तर
(अ) 4, (ब) 1, (स) 2, (द) 3

(ख) सही शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

(अ) दोस्ती के लिए कोई अपना ………………. नहीं बेचता। (मकान/ईमान)
(ब) अलगू ने ………………. की नई जोड़ी खरीदी थी। (बैलों/ ऊँटों)
(स) एक दिन ………………. खेप में साहु ने दूना बोझा लादा। (तीसरी/चौथी)
(द) ………………. की मुरझाई लता फिर से हरी हो गई। (शत्रुता/मित्रता)
उत्तर
(अ) ईमान
(ब) बैलों
(स) चौधी
(द) मित्रता।

MP Board Solutions

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
(अ) गाढ़ी मित्रता किसके बीच थी?
(ब) जुम्मन खाला की पूरी खातिरदारी कब तक करता
(स) अलगू चौधरी सरपंच क्यों नहीं बनना चाहता था?
(द) अलगू चौधरी ने बैल किसको बेचा था?
(ई) “पंच परमेश्वर की जय” का घोष किसने किया?

उत्तर
(अ) गाढ़ी मित्रता अलगू चौधरी और जुम्मन शेख के बीच थी।
(ब) जुम्मन खाला की पूरी खातिरदारी तब तक करता रहा, जब तक उसने अपने खेत और घर की संपत्ति जुम्मन के नाम नहीं लिख दी।
(स) अलगू चौधरी सरपंच नहीं बनना चाहता था। यह इसलिए कि वह जुम्मन का मित्र था।
(द) “पंच परमेश्वर की जय” का घोष वहाँ पर उपस्थित जनता ने किया।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
(अ) जुम्मन की मौसी ने पंचायत क्यों बुलाई थी?
उत्तर
जुम्मन की मौसी ने पंचायत बुलाई थी। यह इसलिए कि जुम्मन शेख ने उसकी संपत्ति लिखवाने के बाद उसकी खातिरदारी कम कर दी थी। यहाँ तक कि उसे रोटी-दाल के भी लाले पड़ने लगे।

(ब)
सरपंच अलगू चौधरी ने खाला जान के मामले में क्या फैसला सुनाया?
उत्तर
सरपंच अलगू चौधरी ने खाला जान के मामले में यह फैसला सुनाया कि जुम्मन शेख अपनी मौसी को माहवारी खर्च दे। अगर इस बात से वह नहीं राजी होती तो खेतों की लिखा-पढ़ी उसके नाम नहीं रहेगी।

(स)
जुम्मन को उत्तरदायित्व का बोध कब हुआ?
उत्तर
जुम्मन को उत्तरदायित्व का बोझ उस समय हुआ, जब वह सरपंच के आसन पर बैठ गया और अलगू चौधरी से अपना पुराना बैर-भाव भूल गया।

(द)
जुम्मन ने समझू साहू के मामले में क्या फैसला सुनाया?
उत्तर
जुम्मन ने समझू साहू के मामले में यह फैसला सुनाया कि “समझू साहू के लिए उचित है कि वह बैल का पूरा दाम चुका दे।”

(ई)
“दूध का दूध और पानी का पानी” इस कवन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
“दूध का दूध और पानी का पानी” इस कथन का आशय है-सच्चा न्याय। निष्पक्ष निर्णय।

MP Board Solutions

भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिएगाढ़ी, वृद्धा, संपत्ति, दुष्टता, नम्रता, क्रुद्ध ।
उत्तर
गाढ़ी, वृद्धा, संपत्ति, दुष्टता, नम्रता, क्रुद्ध।

प्रश्न 2.
दिए गए शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
उत्तर
(अ) चोधरी, चौधरी चौधरि, चौधरी।
(ब) मीसी, मोसी, मौसी, मौशी।
(स) खातिरीदारी, खातिरदारी, खातीरदारी।
(द) रुपये, रूपये, रुपिये, रुपए।
उत्तर
(अ) चौधरी
(ब) मौसी
(स) खातिरदारी
(द) रुपये।

MP Board Solutions

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिएघर-द्वार, आना-कानी, आस-पास, लिखा-पढ़ी, दाना-पानी।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 22 पंच-परमेश्वर 2
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 22 पंच-परमेश्वर 3

प्रश्न 4.
रेखांकित शब्दों के स्थान पर विपरीत शब्द रखकर वाक्य पुनः लिखिए
(अ) राम श्याम का मित्र था।
(ब) अलगू चौधरी बेईमान था।………..
(स) जुम्मन की पत्नी मीठी बातें कहती थी। ………..
(द) समझू साहू बैलों को सूखा घास खिलाता था।…..
(ई) पंचायत ने खालाजान को सजा दी।……
उत्तर
(अ) दुश्मन
(ब) ईमानदार
(स) कड़वी
(द) हरी
(ई) मुक्ति ।

MP Board Solutions

प्रश्न 5.
उदाहरण के अनुसार कोष्ठक में दी गई क्रियाओं के उचित रूप बनाकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(क) मौसी ने दौड़-धुप करके पंचागत ………….. (बैठना)
(ख) मौसी की बात सुनकर अलगू चौधरी का सोया इमान …………. (जागना)
(ग) पंचों के दिल में खुदा ……………….। (बसना)
(घ) अलगू चौधरी ने बैलों की एक नई जोड़ी ………..(खरीदना)
(ङ) न्यायाधीश ने ऐसे-ऐसे सवाल किए कि चोर के होश (उड़ना)
(च) शैलेन्द्र ने एक महीने में मकान की कीमत देने का (करना)
उत्तर
(क) बैठाई
(ख) जाग उठा
(ग) बसता है
(घ) खरीदी
(ङ) उड़ गए
(च) किया।

प्रश्न 6.
अधोलिखित सरल वाक्य, मिश्र बाक्य संयुक्त वाक्यों को पहचान कर दिए गए स्थान में लिखिए
(क) राम मिठाई खरीदने बाजार गया।
(ख) जब अलगू चौधरी कहीं बाहर जाता था तब अपना घर जुम्मन के भरोसे छोड़ जाता था। .
(ग) जुम्मन की पत्नी गर्म मिजाज की थी।
(घ) कुछ दिन खाला ने सुना और सहा, पर जब न सहा गया तब जुम्मन से शिकायत की।
(ङ) जुम्मन शेख भी निष्ठुर हो गया था।
(च) यह मनुष्य का काम नहीं, यह परमेश्वर का काम है।
(छ) जितना रुपया इसके पेट में झोंक चुके, उतने से तो अब तक गाँव खरीद लेते।
उत्तर
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) सरल वाक्य
(घ) संयुक्त वाक्य
(ङ) सरल वाक्य
(च) सरल वाक्य
(छ) मिश्र वाक्य।

MP Board Solutions

गयांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

  1. कई दिन तक खाला हाथ में लकड़ी लिये आस-पास के गाँवों में दौड़ती रही। कमर झुककर कमान हो गई थी। एक-एक पग चलना दूभर था। मगर बात आ पड़ी थी।

शब्दार्थ
खाला-मीसी। आस-पास-समीप । कमान-धनुष ।

संदर्भ
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती” (हिंदी सामान्य) भाग-8 के पाठ 22 ‘पंच-परमेश्वर’ से ली गई हैं। इनके लेखक मुंशी प्रेमचन्द हैं।

प्रसंग
प्रस्तुत प्रक्तियों में लेखक जुम्मन शेख की मौसी की बेबसी का उल्लेख करते हुए कहता है कि

व्याख्या
जुम्मन शेख की मौसी जुम्मन से तंग आ चुकी थी। उसने जुम्मन शेख के प्रति अपनी शिकायत करने की ठान ली। इसके लिए वह कई दिन अपनी लाठी को सम्भाले समीप के गांवों में चक्कर लगाती रही। इस तरह यह अपनी झुकी हुई कमर को लिये परेशान हो रही थी। इस तरह की अवस्था को प्राप्त मौसी के लिए एक-एक कदम चलना बहुत ही कठिन हो गया था। फिर उसके लिए यह एक अहम बात बन गई थी कि वह किसके पास जाय।

विशेष

मौसी की दीन-दशा का रोचक चित्र है।
भाव और भाषा में प्रवाह है।
MP Board Solutions

  1. बेटा खुदा से डरो। पंच न किसी के दोस्त होते हैं, न किसी के दुश्मन और तुम्हारा किसी पर विश्वास न हो, तो जाने दो।

शब्दार्थ- खुदा-ईश्वर। पंच-न्यायकर्ता। दोस्त-मित्र ।

संदर्भ- पूर्ववत्।

प्रसंग- इन पक्तियों में कहानीकार ने जुम्मन शेख की मौसी की आत्मा की पुकार का सचित्र खींचते हुए कहा है कि

व्याख्या
जुम्मन शेख की मौसी ने जब उससे पंचों का नाम पूछा, तब जुम्मन शेख ने क्रोधित होकर कहा था कि वह उसका मुँह न खोलवाए। वह जिसे चाहे, उसे पंच बनावे। यह सुनकर उसकी मौसी ने उसे शिक्षा देते हुए कहा कि वह खुदा का ध्यान रखकर अपनी गलतियों से डरने की कोशिश करे। उसने उसे यह भी शिक्षा दी कि पंच (न्यायकत्ता) किसी का पक्ष या किसी का विरोध नहीं करते हैं, हाँ यह दूसरी बात अवश्य है कि वह भले ही किसी का विश्वास करे या न करे। यह उसकी अपनी बात है।

विशेष

ईश्वर के प्रति ध्यान देकर कार्य करने की शिक्षा दी गई है।
भाव और भाषा-शैली बिल्कुल सहज है।


Leave a Comment