MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 6 हीरा-कुणी

MP Board Class 8th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 6 हीरा-कुणी- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 6 हीरा-कुणी

अनुभव विस्तार

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क)सही जोड़ी बनाइए
(अ) बछिया भूखी रह जाती थी

  1. दूध के लिए तरसती रहती थी।
    (ब) हीरा मन-ही-मन रो-रोकर कहने लगी
  2. राजा दूध पीकर मौज मनाता था।
    (स) राजा के पत्थर दिल पहरेदार ने द्वार नहीं खोला
  3. काश, मुझे पंख मिल जाते।
    (द) बछिया अपनी माँ को नहीं पा सकती थी
  4. बालक को दूध पिलाने के लिए माँ की छाती फटने लगी।
    उत्तर-
    (अ) 2
    (ब) 3
    (स) 4
    (द) 1

प्रश्न 2.
दिए गए विकल्पों में से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(अ) वह दूध दुहकर बेचने के लिए राजा के ………………….. में चली जाती थी। (घर, किले)
(ब) राजा कुणी ………………….. का दूध पीकर आनंद मनाता था। (गाय, बकरी)
(स) ………………….. का फाटक बंद कर दिया गया। (किले, भवन)
(द) राजा ने हीरा से सारी ………………….. सुनी। (कविता, कहानी)
उत्तर-
(अ) किले,
(ब) गाय,
(स) किले,
(द) कहानी।

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प्रश्न 2.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) ग्वालिन का नाम क्या था?
(ब) दूध दुहने के समय कुणी गाय रह-रहकर किसे पुकारती थी?
(स) हीरा किले से वापिस कब लौट आती थी?
(द) राजा ने हीरा को जागीर में क्या दिया?
उत्तर-
(अ) ग्वालिन का नाम हीरा था।
(ब) दूध दुहने के समय कुणी गाय रह-रहकर अपनी बछिया को पुकारती थी।
(स) हीरा किले से वापस रात होने से पहले ही लौट आती थी।
(द) राजा ने हीरा को जागीर में एक गाँव दे दिया।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) दूध दुहते समय हीरा बछिया के साथ कैसा व्यवहार करती थी?
उत्तर-
दूध दुहते समय हीरा बछिया के साथ बड़ा ही कठोर व्यवहार करती थी। बछिया दौड़कर दूध पीने के लिए आती तो हीरा उसे लौटा देती। इससे बछिया अपनी माँ का दूध नहीं पा सकती थी। फलस्वरूप वह अपनी माँ का दूध पीने के लिए तरसती और बिलखती रहती थी। लेकिन हीरा उधर कभी देखती भी नहीं।

(ब) किले का फाटक बंद होने पर हीरा पहरेदार से क्या बोली?
उत्तर-
किले का फाटक बंद होने पर हीरा पहरेदार से बोली-

“द्वार खोलो! मेरा मुन्ना भूखा है, तुम्हारे पैर पड़ती हूँ, फाटक खोल दो। अरे भाई, एक बार द्वार खोल दो।”

(स) राजा का मन क्यों पिघला?
उत्तर-
राजा ने हीरा से यह सारी कहानी सुनी कि किस प्रकार वह स्वयं के जीवन को संकट में डालकर, अपने बच्चे के पास जा पहुंची थी। उससे राजा का मन पिघल गया।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिएमहाराष्ट्र, रायगढ़, कोषाध्यक्ष, पत्थर, चट्टानों।
उत्तर-
महाराष्ट्र, रायगढ़, कोषाध्यक्ष, पत्थर, चट्टानों।

प्रश्न 2.
सही वर्तनी वाले शब्दों पर गोला लगाइए
(अ) कुणी, कूणी, कुणि, कूणि
(ब) बछिया, बछीया, बाछिया, बछिय
(स) पेहरदार, पहेरदार, पेहारदार, पहरेदार
(द) ग्वलिन, ग्वालीन, गवालिन, ग्वालिन
उत्तर-
(अ) कुणी,
(ब) बछिया,
(स) पहरेदार
(द) ग्वालिन।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित गंद्याश को ध्यान से पढ़कर व्यक्तिवाचक, जातिवाचक और भाववाचक संज्ञाएँ छाँटकर लिखिए-
“विवेकानंद को कौन नहीं जानता? वे महान् विचारक, दार्शनिक और धार्मिक व्यक्ति थे। उनके विचार समाज का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उनके भाषणों में मधुरता, गंभीरता, मानवीयता और राष्ट्रीयता कूट-कूटकर भरी होती थी। भारत के महान् सपूतों “दयानंद सरस्वती, राजाराम मोहन राय” तथा ‘महात्मा गांधी’ जैसे महापुरुषों की सूची में उनकी गणना होती है।
उत्तर-

व्यक्तिवाचक संज्ञा – विवेकानंद, भारत, दयानंद सरस्वती, राजाराम मोहन राय, महात्मा गाँधी
जातिवाचक संज्ञा – सपूत, महापुरुष
भाववाचक संज्ञा – मधुरता, गंभीरता, मानवीयता, राष्ट्रीयता।
प्रश्न 4.
विलोम शब्दों की सही जोड़ी बनाइए
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 हीरा-कुणी 1
उत्तर-
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 हीरा-कुणी 2

प्रश्न 5.
रेखांकित संज्ञा शब्दों के स्थान पर नीचे दिए गए सर्वनामों में से उचित सर्वनाम शब्द चुनकर भरिए (वह, उसकी, उसके)
(अ) गाय का नाम था कुणी। गाय की एक महीने की बछिया थी।
(ब) हीरा के मन में बछिया के लिए दया नहीं जागती थी।
(स) राजा गाय का दूध पीकर आनंद मनाता था। राजा दयालु नहीं था।
उत्तर-
(अ) गाय का नाम था कुणी। उसकी एक महीने की बछिया थी।
(ब) उसके मन में बछिया के लिए दया नहीं जागती थी।
(स) राजा गाय का दूध पीकर आनंद मनाता था। वह दयालु नहीं था।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित क्रियाओं के पूर्वकालिक क्रिया रूप बनाइए ण्ढ़ना, लिखना, हँसना, देखना, जागना, पीना, लाना।
उत्तर-
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 हीरा-कुणी 3

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♦ प्रमुख गद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

  1. सूरज छिप गया। पक्षी पंख फैलाकर अपने बसेरों की ओर उड़ चले। किले के मध्य भाग में देव मंदिर के ऊपर साँझ का तारा दिखने लगा। हीरा रोकर मन-ही-मन कहने लगी-“काश, मुझे पंख मिल जाते और मैं अपने लाल के पास पहुँच जाती। वह दूध पिए बिना बिलख रहा होगा।”

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) के भाग-8 के पाठ-6 ‘हीरा-कुणी’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों के लेखक श्री रवीन्द्रनाथ ठाकुर हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने ‘हीरा’ नामक ग्वालिन के वात्सल्य-भाव पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि-

व्याख्या-किले के अंदर बंद ‘हीरा’ अपने बच्चे के लिए तड़पने लगी। उस समय सूरज डूबना था। सभी पक्षी अपने घोंसलों की ओर लौटने लगे थे। चारों ओर अंधेरा बढ़ने लगा था। हीरा ने किले के बीच में स्थित एक देव मंदिर देखा। उसने यह भी देखा कि उस मंदिर के ऊपर साँझ का तारा चमकने लगा है। इससे उसने यह समझ लिया कि अब रात हो रही है। फलस्वरूप अब अपने घर पहुँचना असंभव-सा है। वह मन-ही-मन यह अफसोस करने लगी कि उसके पास उड़ने के पंख नहीं हैं। यदि वे होते तो वह तुरंत ही यहीं से उड़कर अपने घर पहुँच जाती। फिर दूध पीने के लिए बिलख रहे अपने बेटे को दूध पिलायकर फूले नहीं समाती।

विशेष-

हीरा का वात्सल्य-भाव बिल्कुल स्वाभाविक और सही है।
भाषा की शब्दावली सरल है।


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