MP Board Class 9th Science Book Solutions विज्ञान Chapter-7 जीवों में विविधता NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता
श्न 1.
हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं?
उत्तर:
वर्गीकरण जीवों की विविधता को स्ष्ट करने में सहायक होता है, इसलिए हम जीवधारियों का वर्गीकरण करते हैं।
प्रश्न 2.
अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विविधता के तीन उदाहरण दें।
उत्तर:
हरे पौधे प्रकाश-संश्लेषण द्वारा स्वयं अपना भोजन बनाते हैं अर्थात् वे स्वपोषी हैं जबकि जन्तु अपने भोजन के लिए पौधों पर निर्भर करते हैं अर्थात् वे परपोषी हैं।
पक्षिगण आकाश में उड़ सकते हैं जबकि कुत्ते, बिल्ली आदि नहीं।
पक्षी अण्डे देते हैं जबकि गाय, भैंस बच्चों को जन्म देती हैं।
प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 92
प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है?
(a) उनका निवास स्थान
(b) उनकी कोशिका संरचना।
उत्तर:
(b) उनकी कोशिका संरचना।
प्रश्न 2.
जीवों के प्रारम्भिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया?
उत्तर:
उनके आवास को।
प्रश्न 3.
किस आधार पर जन्तुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा गया है?
उत्तर:
जन्तु अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते बल्कि बाहर से प्राप्त करते हैं। जबकि वनस्पतियाँ अपना भोजन प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा स्वयं बनाती हैं। इसी विविधता के आधार पर जन्तुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा गया है।
प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 93
प्रश्न 1.
आदिम जीव किन्हें कहते हैं ? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
आदिम जीव
“जिन जीवों की शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ उन्हें आदिम जीव कहते हैं।”
आदिम जीवों एवं उन्नत जीवों में भिन्नता
आदिम जीवों की शारीरिक संरचना में आदि काल से अब तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ जबकि उन्नत जीवों में पर्याप्त परिवर्तन हुआ है।
प्रश्न 2.
क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं?
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 96
प्रश्न 1.
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदण्ड क्या हैं?
उत्तर:
इन जीवों की शारीरिक संरचना में कोशिका भित्ति के होने या न होने के कारण आये परिवर्तन तुलनात्मक रूप से बहुकोशिकीय जीवों में कोशिका भित्ति होने या न होने के कारण आये परिवर्तनों से भिन्न होते हैं। पोषण के स्तर पर ये स्वपोषी या विषमपोषी दोनों हो सकते हैं।
प्रश्न 2.
प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिकीय यूकैरियोटी जीव को आप किस जगत में रखेंगे?
उत्तर:
प्रोटिस्टा जगत में।
प्रश्न 3.
वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जायेगा?
उत्तर:
सबसे कम जीवों को प्रोकैरियोटी समूह में और सबसे अधिक जीवों को यूकैरियोटी समूह में रखा जाएगा।
प्रश्न श्रृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 99
प्रश्न 1.
सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है? उत्तर-थैलोफाइटा वर्ग में। प्रश्न 2. टेरिडोफाइट और फैनेरोगेम में क्या अन्तर है?
उत्तर:
टेरिडोफाइट में जननांग अप्रत्यक्ष होते हैं तथा इनमें बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती जबकि फैनेरोगेम में जनन ऊतक पूर्ण विकसित एवं विभेदित होते हैं तथा जनन प्रक्रिया के पश्चात् बीज उत्पन्न करने की क्षमता होती है।
प्रश्न 3.
जिम्नोस्पर्म और एन्जियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म में बीज नग्न अर्थात् बिना फलों के होते हैं जबकि एन्जियोस्पर्म में बीज फलों के अन्दर ढके हुए होते हैं।
प्रश्न श्रृंखला-6 # पृष्ठ संख्या 105
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प्रश्न 1.
पोरीफेरा एवं सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में क्या अन्तर है?
उत्तर:
पोरीफेरा वर्ग के जन्तुओं के पूरे शरीर पर अनेक छिद्र पाये जाते हैं तथा इनमें ऊतकों का विभेदन नहीं होता जबकि सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में ऊतकीय स्तर का शारीरिक संगठन होता है तथा शरीर कोशिकाओं की दो परतों का बना होता है।
प्रश्न 2.
एनीलिडा के जन्तु आर्थोपोडा के जन्तुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
एनीलिडा के जन्तुओं का शरीर समखण्डों में विभाजित होता है जबकि आर्थोपोडा के जन्तुओं का शरीर तीन खण्डों सिर, धड़ एवं उदर में विभाजित होता है तथा इनमें जुड़े हुए पैर पाये जाते हैं।
प्रश्न 3.
जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अन्तर होता है?
उत्तर:
जल-स्थलचर के जन्तुओं के शरीर पर शल्क नहीं पाये जाते तथा इनमें श्वसन क्लोम अथवा फेफड़ों द्वारा होता है जबकि सरीसृप वर्ग के जन्तुओं के शरीर पर शल्क पाये जाते हैं तथा इनमें श्वसन फेफड़ों के द्वारा होता है।
प्रश्न 4.
पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जन्तुओं में क्या अन्तर है? (कोई चार) (2018)
उत्तर:
पक्षी वर्ग के जन्तु एवं स्तनपायी वर्ग के जन्तुओं में अन्तर:
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MP Board Class 9th Science Chapter 7 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है? (2019)
उत्तर:
वर्गीकरण के लाभ-वर्गीकरण के निम्नलिखित प्रमुख लाभ हैं –
जीवों की पहचान होना।
जीवों की विविधता का ज्ञान होना।
जीवों के आपसी सम्बन्धों का ज्ञान होना।
जीवों की उत्पत्ति की जानकारी होना।
जीवों के विकास के क्रम का ज्ञान होना।
प्रश्न 2.
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे?
उत्तर:
जाति (स्पीशीज) का।
प्रश्न 3.
जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जीवों के पाँच जगत वर्गीकरण का आधार-यह वर्गीकरण कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत, और तरीके तथा शारीरिक संगठन के आधार पर किया गया है।
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प्रश्न 4.
पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं ? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?
उत्तर:
पादप जगत के प्रमुख वर्ग:
थैलोफाइटा
ब्रायोफाइटा
टेरिडोफाइटा
जिम्नोस्पर्म
एन्जियोस्पर्म।
वर्गीकरण का आधार-पादप शरीर के प्रमुख घटक पूर्णरूपेण विकसित हैं या नहीं, जल अथवा अन्य पदार्थों के संवहन-ऊतकों की उपस्थिति एवं बीजधारण की क्षमता पादपों में है या नहीं, यदि है तो बीज फल के अन्दर विकसित होते हैं अथवा नग्न अवस्था में।
प्रश्न 5.
जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अन्तर क्या है? (2019)
उत्तर:
जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अन्तर:
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प्रश्न 6.
वर्टीब्रेटा (कशेरुकी प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वर्टीब्रेटा (कशेरुकी प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने का आधार:
अण्डज या जरायुज, हृदय की संरचना, श्वसन प्रक्रिया, त्वचा की संरचना में अन्तर आदि।
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MP Board Class 9th Science Chapter 7 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
MP Board Class 9th Science Chapter 7 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसमें जल-संवहन के लिए विशेष ऊतक पाए जाते हैं?
(a) थैलोफाइटा
(b) ब्रायोफाइटा
(c) टेरिडोफाइटा
(d) जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी)
उत्तर:
(c) टेरिडोफाइटा
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन बीज उत्पन्न कर सकता है?
(a) थैलोफाइटा
(b) ब्रायोफाइटा
(c) टेरिडोफाइटा
(d) जिम्नोस्पर्म
उत्तर:
(d) जिम्नोस्पर्म
प्रश्न 3.
कौन-सी यथार्थ मछली है?
(a) जैली फिश
(b) स्टार फिश
(c) डॉग फिश
(d) सिल्वर फिश
उत्तर:
(c) डॉग फिश
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में कौन-से प्राणी समुद्रों में पाए जाते हैं?
(a) पोरीफेरा
(b) इकाइनोडर्मेटा
(c) मोलस्का
(d) पिसीज (मत्स्य वर्ग)
उत्तर:
(b) इकाइनोडर्मेटा
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किसमें खुला परिसंचरण तन्त्र पाया जाता है?
(i) आर्थोपोडा
(ii) मोलस्का
(iii) एनीलिडा
(iv) सीलेण्ट्रेटा
(a) (i) और (ii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर:
(a) (i) और (ii)
प्रश्न 6.
वह कौन-सा समूह है जिसके प्राणियों में प्रगुहा रुधिर से भरी होती है?
(a) आर्थोपोडा
(b) एनीलिडा
(c) निमेटोडा
(d) इकाइनोडर्मेटा
उत्तर:
(a) आर्थोपोडा
प्रश्न 7.
श्लीपद अर्थात् फीलपाँव रोग निम्नलिखित के द्वारा होता है?
(a) वुचेरेरिया
(b) पिनकृमि
(c) प्लैनेरियन प्राणी
(d) यकृत पर्णाभ कृमि
उत्तर:
(a) वुचेरेरिया
प्रश्न 8.
कशेरुकियों का निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे महत्वपूर्ण अथवा सामान्य लक्षण है?
(a) पृष्ठ रज्जु का पाया जाना
(b) त्रिकोरकी अवस्था का पाया जाना
(c) क्लोम कोष्ठ का पाया जाना
(d) देहगुहा का पाया जाना।
उत्तर:
(a) पृष्ठ रज्जु का पाया जाना
प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से किसमें शल्क होते हैं?
(i) ऐम्फिबिया
(ii) पिसीज
(iii) सरीसृप
(iv) स्तनधारी
(a) (i) और (iii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (ii) और (iii)
(d) (i) और (ii)।
उत्तर:
(c) (ii) और (iii)
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प्रश्न 10.
टेरिडोफाइटा में कौन-सा अंग नहीं होता?
(a) मूल
(b) तना
(c) पुष्प
(d) पत्तियाँ।
उत्तर:
(c) पुष्प
प्रश्न 11.
पोरीफेरा संघ के सदस्य को पहचानिए –
(a) स्पॉन्जिला
(b) यूग्लीना
(c) पेनिसिलियम
(d) फाइलेरिया
उत्तर:
(a) स्पॉन्जिला
प्रश्न 12.
कौन-सा एक जलीय प्राणी नहीं है?
(a) हाइड्रा
(b) जैलीफिश
(c) कोरल
(d) फाइलेरिया
उत्तर:
(d) फाइलेरिया
प्रश्न 13.
ऐम्फिबियनों में नहीं होता है –
(a) तीन प्रकोष्ठ वाला हृदय
(b) क्लोम या फेफड़ा
(c) शल्क
(d) श्लेष्म ग्रन्थि
उत्तर:
(c) शल्क
प्रश्न 14.
बिना केन्द्रक एवं कोशिकाओं वाले जीव कौन से वर्ग में आते हैं?
(i) कवक
(ii) प्रोटिस्टा
(iii) साइनोबैक्टीरिया
(iv) आर्कीबैक्टीरिया
(a) (i) और (ii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (i) और (iv)
(d) (ii) और (iii)
उत्तर:
(b) (iii) और (iv)
प्रश्न 15.
निम्नलिखित में कौन-सा सजीवों के वर्गीकरण के लिए लक्षण मापदण्ड नहीं है?
(a) जीव की देह रचना
(b) अकेले अपना भोजन बनाने की सामर्थ्य
(c) झिल्लीयुक्त केन्द्रक एवं कोशिकांग
(d) पादप की ऊँचाई
उत्तर:
(b) अकेले अपना भोजन बनाने की सामर्थ्य
प्रश्न 16.
‘प्रोटोकॉर्डेटा का जो विशिष्ट लक्षण नहीं है –
(a) पृष्ठ रज्जु का होना
(b) द्विपार्श्व सममित एवं प्रगुहा
(c) संधिपाद
(d) परिसंचारी तन्त्र का होना
उत्तर:
(c) संधिपाद
प्रश्न 17.
इकाइनोडर्मेटा का चलन-अंग है –
(a) नालपाद
(b) पेशीय पाद
(c) संधिपाद
(d) पार्श्वपाद
उत्तर:
(a) नालपाद
प्रश्न 18.
कोरल (प्रवाल) क्या होते हैं?
(a) ठोस आधार से चिपके रहने वाले पोरीफेरा संघ के प्राणी
(b) अकेले रहने वाले निडेरिया संघ के प्राणी
(c) समुद्री तल पर पाये जाने वाले पोरीफेरा संघ के प्राणी
(d) निबह (कॉलोनी) में रहने वाले निडेरिया संघ के प्राणी।
उत्तर:
(d) निबह (कॉलोनी) में रहने वाले निडेरिया संघ के प्राणी।
प्रश्न 19.
जीवों की वैज्ञानिक नाम पद्धति की व्यवस्था किसने प्रस्तुत की?
(a) रॉबर्ट ह्विटेकर
(b) कैरोलस लिनियस
(c) रॉबर्ट हुक
(d) अर्नेस्ट हेकेल
उत्तर:
(b) कैरोलस लिनियस
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प्रश्न 20.
दो प्रकोष्ठ वाला हृदय किसमें पाया जाता है?
(a) मगरमच्छ में
(b) मछली में
(c) पक्षी में
(d) उभयचर में
उत्तर:
(b) मछली में
प्रश्न 21.
सम्पूर्ण रूप से उपास्थि का बना कंकाल किसमें होता है?
(a) शार्क में
(b) ट्यूना में
(c) रोहू में
(d) इनमें से किसी में नहीं
उत्तर:
(a) शार्क में
प्रश्न 22.
निम्नलिखित में से कोई एक एनेलिड प्राणी नहीं है –
(a) नेरीज
(b) केंचुआ
(c) जोंक
(d) अर्चिन
उत्तर:
(d) अर्चिन
प्रश्न 23.
‘सिस्टेमा नेचुरी’ नामक पुस्तक निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई थी?
(a) लिनियस
(b) हेकेल
(c) ह्विटेकर
(d) रॉबर्ट ब्राउन
उत्तर:
(a) लिनियस
प्रश्न 24.
कार्ल वॉन लिने का योगदान विज्ञान की किस शाखा में था?
(a) आकारिकी में
(b) वर्गीकरण में
(c) कार्यिकी में
(d) आयुर्विज्ञान में
उत्तर:
(b) वर्गीकरण में
प्रश्न 25.
वास्तविक अंग किस वर्ग में नहीं होते?
(a) मोलस्का में
(b) सीलेण्ट्रेटा में
(c) आर्थोपोडा में
(d) इकाइनोडर्मेटा में
उत्तर:
(b) सीलेण्ट्रेटा में
प्रश्न 26.
कठोर कैल्सियम कार्बोनेट से बनी संरचना का कंकाल के रूप में निम्नलिखित में से किसके द्वारा इस्तेमाल किया जाता है?
(a) इकाइनोडर्मेटा
(b) प्रोटोकॉर्डेटा
(c) आर्थोपोडा
(d) निमेटोडा
उत्तर:
(a) इकाइनोडर्मेटा
प्रश्न 27.
निम्नलिखित में से किसकी खण्डीय व्यवस्था में विभेदन होता है?
(a) जोंक में
(b) स्टार फिश में
(c) घोंघा में
(d) ऐस्केरिस में
उत्तर:
(a) जोंक में
प्रश्न 28.
वर्गिकीय पदानुक्रम में कुल (फैमिली) कौन-से दो के मध्य में आती है?
(a) वर्ग एवं गण
(b) गण एवं वंश
(c) वंश एवं जाति
(d) डिवीजन और वर्ग
उत्तर:
(b) गण एवं वंश
प्रश्न 29.
पाँच-जगत वर्गीकरण की पद्धति निम्नलिखित में से किसके द्वारा प्रस्तुत की गई?
(a) मॉरंगन
(b) आर ह्विटेकर
(c) लिनियस
(d) हेकेल
उत्तर:
(b) आर ह्विटेकर
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प्रश्न 30.
सुपरिभाषित केन्द्रक किसमें नहीं पाया जाता है?
(a) नील-हरित शैवाल में
(b) डायटम में
(c) शैवाल में
(d) यीस्ट में
उत्तर:
(a) नील-हरित शैवाल में
प्रश्न 31.
‘जातियों का उद्भव’ नामक पुस्तक निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई?
(a) लिनियस
(b) डार्विन
(c) हेकेल
(d) ह्विटेकर
उत्तर:
(b) डार्विन
प्रश्न 32.
मीना और हरि ने अपने बगीचे में एक जीव देखा। हरि ने इसको कीट बताया जबकि मीना ने कहा यह केंचुआ है। निम्नलिखित में से उस लक्षण को चुनिए जो उसके कीट होने की पुष्टि करता है –
(a) द्विपार्श्व सममिति वाली देह
(b) संधित पाद वाला शरीर
(c) बेलनाकार शरीर
(d) खण्ड युक्त शरीर
उत्तर:
(b) संधित पाद वाला शरीर
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- कवक में …………….. प्रकार की पोषण विधि पाई जाती है।
- कवक की कोशिका भित्ति …………… की बनी होती है।
- नील-हरित शैवाल तथा कवक का एक साथ पाया जाना ………….. कहलाता है।
- काइटिन की रासायनिक प्रकृति ………….. है।
- …………….. में समान लक्षणों की अधिकतम संख्या के साथ कम जीवों की संख्या होती है।
- तना, मूल एवं पत्ती में स्पष्ट रूप से विभेदित न होने वाले पादपों को ………….. में रखा गया है।
- ……………..” को पादप जगत के जल-स्थलचर अर्थात् उभयचर कहा गया है।
- सजीवों के लिए पाँच जगत वर्गीकरण की पद्धति …………. के द्वारा दी गई।
- वर्गीकरण की आधारभूत छोटी इकाई ………….. है।
- प्रोकैरियोटिक जीवों को …………….. संघ के अन्तर्गत रखा गया है।
- पैरामीशियम को इसके ………….. होने के कारण प्रोटिस्टा जगत में रखा गया है।
- कवक में ………….. नहीं होता है।
- …………… नामक कवक को आप बिना सूक्ष्मदर्शी के देख सकते हैं।
- ब्रेड बनाने में सामान्य कवक ……………. का उपयोग किया जाता है।
- शैवाल एवं कवक के परस्पर सहजीवी सहवास को …………… कहा जाता है।
- द्विपार्श्व, पृष्ठाधर सममिति …………….. में पाई जाती है।
- फीलपाँव रोग उत्पन्न करने वाला ……………. कृमि है।
- ……. में खुला परिसंचरण तन्त्र पाया जाता है जहाँ प्रगुही गुहा रुधिर से भरी होती है।
- ……………. को उसमें कूट प्रगुहा होने के कारण जाना जाता है।
उत्तर:
मृतजीवी
काइटिन
लाइकेन
कार्बोहाइड्रेट
जाति
थैलोफाइटा
ब्रायोफाइटा
ह्विटेकर
जाति
मोनेरा
यूकैरियोटिक एककोशीय जीव
पर्णहरित (क्लोरोफिल)
मशरूम
यीस्ट
लाइकेन
लिवर फ्लूक (यकृत पर्णाभ कृमि)
फाइलेरिया,
आर्थोपोडा
निमेटोडा।
सही जोड़ी बनाना
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 3
उत्तर:
→ (ii)
→ (i)
→ (iv)
→ (iii)
→ (vi)
→ (v)
→ (vii)
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 4
उत्तर”
→ (iii)
→ (ii)
→ (vi)
→ (i)
→ (v)
→ (iv)
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सत्य/असत्य कथन
- एककोशिकीय यूकैरियोटिक जीवों को प्रोटिस्टा जगत के अन्तर्गत रखा गया है।
- ह्विटेकर द्वारा कोशिका संरचना, पोषण के स्रोत एवं प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए जीवों को पाँच जगत में वर्गीकृत किया गया है।
- मोनेरा जगत एवं प्रोटिस्टा जगत दोनों स्वपोषी अथवा विषमपोषी हो सकते हैं।
- मोनेरा जगत के जीवों में सुस्पष्ट केन्द्रक होता है।
- एवीज वर्ग के पक्षी समतापी, अण्डे देने वाले तथा हृदय में चार कक्ष वाले होते हैं।
- एवीज वर्ग के पक्षियों का शरीर परों से ढका होता है। इनके अग्रपाद रूपान्तरित होकर पंख बनाते हैं और ये फेफड़ों के द्वारा साँस लेते हैं।
- मछलियाँ, जल-स्थलीय जीव (उभयचर) तथा रेंगने वाले जीव (सरीसृप) सभी अण्डे देने वाले (अण्ड प्रजनक) होते हैं।
- स्तनधारी वर्ग के प्राणी सदैव जरायुज होते हैं, अर्थात् बच्चे को जन्म देते हैं।
- पाँच जगप्त वर्गीकरण को ह्विटेकर ने प्रस्तुत किया था।
- मोनेरा जगत को आर्कीबैक्टीरिया तथा यूबैक्टीरिया में विभाजित किया गया है।
- वर्ग से शुरू करने पर जाति वंश से पहले आती है।
- ऐनाबीना मोनेरा जगत से सम्बन्धित है।
- नील-हरित शैवाल प्रोटिस्टा जगत से सम्बन्धित है।
- सभी प्रोकैरियोट अर्थात् प्राक्केन्द्रकी प्राणियों को मोनेरा जगत के अन्तर्गत वर्गीकृत किया गया है।
- जिम्नोस्पर्म आवृतबीजों की मौजूदगी के आधार पर ऐन्जियोस्पर्मों से भिन्न होते हैं।
- अपुष्पी पादप क्रिप्टोगेम कहलाते हैं।
- ब्रायोफाइट में संवहन ऊतक होते हैं।
- फ्यूनेरिया एक मॉस है।
- अनेक फर्न में संयुक्त पत्तियाँ पायी जाती हैं।
- बीजों के भीतर भ्रूण होता है।
उत्तर:
असत्य
सत्य
सत्य
सत्य
सत्य
सत्य
सत्य
असत्य
सत्य
सत्य
असत्य
सत्य
असत्य
सत्य
असत्य
सत्य
असत्य
सत्य
सत्य
सत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.
किसने सम्पूर्ण जैव जगत को पाँच जगतों में वर्गीकृत किया?
अथवा
जीवों का आधुनिक वर्गीकरण किस वैज्ञानिक ने किया?
उत्तर:
आर. एच. ह्विटेकर।
प्रश्न 2.
वर्गीकरण का पिता किसे कहा जाता है?
उत्तर:
कैरोलस लिनियस।
प्रश्न 3.
कैरोलस लिनियस द्वारा रचित पुस्तक का क्या नाम है?
उत्तर:
सिस्टेमा नेचुरी।
प्रश्न 4.
मनुष्य का जन्तु वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर:
होमो सेपियन्स।
प्रश्न 5.
आर. एच. ह्विटेकर ने सम्पूर्ण जीव जगत को कितने जगतों में वर्गीकृत किया?
उत्तर:
पाँच।
प्रश्न 6.
अमीबा के चलन अंग का नाम लिखिए।
उत्तर:
कूटपाद।
प्रश्न 7.
युग्लीना के चलन अंग का क्या नाम है?
उत्तर:
फ्लैजिला।
प्रश्न 8.
पैरामीशियम के चलन अंग का नाम लिखिए।
उत्तर:
सीलिया।
प्रश्न 9.
श्रम विभाजन किस जन्तु में होता है?
उत्तर:
हाइड्रा में।
प्रश्न 10.
स्टारफिश में चलन अंग क्या होता है?
उत्तर:
नालपाद (ट्यूब फीट)।
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MP Board Class 9th Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जीवन की विविधता किसे कहते हैं?
अथवा
‘जैव विविधता’ से आप क्या समझते हो? (2019)
उत्तर:
जैव विविधता या जीवन की विविधता (Diversity of Life):
“जीवों में पाई जाने वाली विभिन्नता या असमानता को जीवन की विविधता या जैव विविधता कहते हैं।”
प्रश्न 2.
जीवों के वर्गीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीवों का वर्गीकरण (Classification of Living Organisms):
“जीवों को खोजकर पहचानने, नाम देने तथा इनके गुणों एवं आदतों का पता लगाकर समूहबद्ध करने की क्रिया को जीवों का वर्गीकरण कहते हैं।”
प्रश्न 3.
वर्गिकी से आप क्या समझते हैं?
अथवा
वर्गिकी क्या है? (2019)
उत्तर:
वर्गिकी (Taxonomy):
“विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत जीवों के वर्गीकरण का अध्ययन किया जाता है, वर्गिक़ी कहलाती है।”
प्रश्न 4.
विकासात्मक वर्गीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
विकासात्मक वर्गीकरण (Evolutionary Classification):
“जो वर्गीकरण विकास के आधार पर किया जाता है, उसे विकासात्मक वर्गीकरण कहते हैं।
प्रश्न 5.
सम्पूर्ण जीव जगत को कितने जगतों में विभाजित किया गया है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
जीव जगत का विभाजन:
सम्पूर्ण जीव जगत को निम्नलिखित दो जगतों में विभाजित किया गया है –
पादप जगत (Plant Kingdom)
जन्तु जगत (Animal Kingdom)।
प्रश्न 6.
द्विजगत वर्गीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
द्विजगत वर्गीकरण:
“जिस वर्गीकरण में सम्पूर्ण जीवों को दो जगतों में विभाजित किया गया है, उसे द्विजगत वर्गीकरण कहते हैं।”
प्रश्न 7.
पाँच जगत वर्गीकरण या आधुनिक वर्गीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
आधुनिक वर्गीकरण या पाँच जगत वर्गीकरण:
“जिस वर्गीकरण में सम्पूर्ण जीवों को पाँच जगतों में विभाजित किया गया है उस वर्गीकरण को आधुनिक वर्गीकरण या पाँच जगत वर्गीकरण कहते हैं।
प्रश्न 8.
जीवों के नामकरण की पद्धति की क्या आवश्यकता है?
अथवा
जीवों के वैज्ञानिक नामों की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
जीवों को विभिन्न स्थानों पर विभिन्न नामों से पुकारा जाता था। अतः सम्पूर्ण विश्व में अध्ययन के लिए जीवों के ऐसे नामों की आवश्यकता हुई जो विश्व भर में एक समान हों। ऐसे नामों को वैज्ञानिक नाम कहा गया।
प्रश्न 9.
द्विनाम पद्धति क्या है?
उत्तर:
द्विनाम पद्धति (Binomial System):
“जिस पद्धति में जीवों का नाम दो शब्दों में रखा जाता है, जिसमें पहला शब्द वंश (Genus) और दूसरा शब्द उसकी जाति (Species) को बतलाता है, उस पद्धति को द्विनाम पद्धति कहते हैं।”
प्रश्न 10.
त्रिनाम पद्धति क्या है?
उत्तर:
त्रिनाम पद्धति:
“जिस पद्धति में जीवों का नाम तीन शब्दों पर रखा जाता है, जिसमें पहला शब्द वंश, दूसरा शब्द उसकी जाति तथा तीसरा शब्द उसकी उप-जाति को बतलाता है, उस पद्धति को त्रिनाम पद्धति कहते हैं।”
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प्रश्न 11.
त्रिनाम पद्धति की आवश्यकता क्यों पड़ी?
उत्तर:
त्रिनाम पद्धति की आवश्यकता:
कभी-कभी अलग-अलग वातावरण में रहने वाले एक ही जाति के जीवों में कुछ भिन्नताएँ आ जाती हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए त्रिनाम पद्धति की आवश्यकता पड़ी।
प्रश्न 12.
पादप जगत को कितने प्रभागों में बाँटा गया है ? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
पादप जगत को पाँच प्रभागों में बाँटा गया है। ये हैं –
थैलोफाइटा
ब्रायोफाइटा
टेरिडोफाइटा
जिम्नोस्पर्म
एन्जियोस्पर्म।
प्रश्न 13.
ट्रेकियोफाइटा को कितने उप-प्रभाग में बाँटा गया है? नाम लिखिए।
उत्तर:
ट्रेकियोफाइटा का वर्गीकरण:
ट्रेकियोफाइटा को निम्न तीन उप-प्रभागों में बाँटा गया है –
टेरिडोफाइटा (Pteridophyta)
अनावृतबीजी (Gymnosperms)
आवृतबीजी (Angiosperms)।
प्रश्न 14.
आवृतबीजी पौधों को कितने वर्गों में बाँटा गया है ? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
आवृतबीजी पौधों का वर्गीकरण-आवृतबीजी पौधों को निम्न दो वर्गों में बाँटा गया है –
एकबीजपत्री (Monocotyledons)
द्विबीजपत्री (Dicotyledons)।
प्रश्न 15.
जन्तु जगत को कितने उप-जगतों में विभाजित किया गया है ? उसके नाम लिखिए।
उत्तर:
जन्तु जगत का वर्गीकरण:
जन्तु जगत को निम्नांकित उप-जगत में विभाजित किया गया है –
अपृष्ठवंशी या अकशेरुकी या नॉन-कॉर्डेटा (Non-Chordata)
पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा (Chordata)।
प्रश्न 16.
संघ-प्रोटोजोआ का प्रमुख लक्षण क्या है?
उत्तर:
संघ-प्रोटोजोआ (Phylum-Protozoa) का प्रमुख लक्षण:
इस संघ के सभी जीव एककोशिकीय होते हैं।
प्रश्न 17.
संघ-पोरीफेरा के एक लक्षण को लिखिए।
उत्तर:
संघ-पोरीफेरा (Phylum-Porifera) का प्रमुख लक्षण:
इस संघ के जीवों के शरीर पर छोटे-छोटे रन्ध्र (छिद्र) पाये जाते हैं।
प्रश्न 18.
मेंढक को ऐम्फिबिया वर्ग में क्यों रखा गया है ?
उत्तर:
मेंढक एक असमतापी उभयचर है जिसमें ऐम्फीबिया वर्ग के लगभग सभी लक्षण मौजूद हैं इसलिए इसे ऐम्फिबिया वर्ग में रखा गया है।
प्रश्न 19.
आपको चना, गेहूँ, लौकी, मक्का, चावल और मटर के बीज दिए गए हैं। इन्हें एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
एकबीजपत्री-गेहूँ, चावल, मक्का। द्विबीजपत्री-चना, लौकी, मटर।
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प्रश्न 20.
अण्डे देने वाले दो स्तनधारियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्लेटीपस
एकिडना।
प्रश्न 21.
मछलियों का अंतःकंकाल ‘अस्थि’ अथवा ‘उपास्थि’ का बना होता है। निम्नलिखित मछलियों को ‘अस्थिल’ अथवा ‘उपास्थिल’ में वर्गीकृत कीजिए –
टारपीडो, दंश रे, डॉग फिश, रोहू, ऐंग्लर फिश एवं एक्सोसीटस।
उत्तर:
अस्थिल-रोहू, एक्सोसीटम। उपास्थिल-टारपीडो, दंश रे, डॉग फिश, ऐंग्लर फिश।
MP Board Class 9th Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
द्विजगत वर्गीकरण की कमियाँ बताइए।
उत्तर:
द्विजगत वर्गीकरण की कमियाँ-द्विजगत वर्गीकरण की निम्नलिखित कमियाँ हैं –
एककोशिकीय एवं बहुकोशिकीय जीवों को साथ-साथ रखना।
प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक को साथ-साथ रखना।
स्वपोषी एवं विषमपोषी जीवों को साथ-साथ रखना।
जन्तु समूहों में कुछ पादपों एवं पादप समूहों में कुछ जन्तुओं को रखना।
प्रश्न 2.
वे पाँच लक्षण कौन-कौन से हैं जिनके आधार पर आधुनिक वर्गीकरण किया गया है?
उत्तर:
निम्नलिखित पाँच लक्षणों के आधार पर आधुनिक वर्गीकरण किया गया –
कोशिका की जटिलता प्रोकैरियोटिक या यूकैरियोटिक।
पोषण विधियाँ।
जीवनशैली।
जीव जगत की संगठनात्मक जटिलता-एककोशिकीयता एवं बहुकोशिकीयता।
जीवों का विकासात्मक या जातिवृत्तीय सम्बन्ध।
प्रश्न 3.
पाँच जगत वर्गीकरण (आधुनिक वर्गीकरण) की कमियाँ बताइए।
उत्तर:
पाँच जगत वर्गीकरण (आधुनिक वर्गीकरण) की कमियाँ-इस वर्गीकरण की निम्नलिखित कमियाँ हैं –
एककोशिकीय शैवालों को अलग रखना।
प्रोटिस्टा जगत का विविधतापूर्ण होना।
जीवों की उत्पत्ति को बहुस्रोत वाला दर्शाना।
विषाणु का स्थान निश्चित न होना।
मिलते-जुलते गुणों वाले जीवों को दूर रखना।
प्रश्न 4.
शैवालों के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
शैवालों के लक्षण:
इनका शरीर शूकायवत् (Thalloid) होता है अर्थात् यह जड़, तना एवं पत्ती में विभेदित नहीं होता है।
ये स्वपोषी जीव होते हैं।
इनके शरीर में संवहनी ऊतक नहीं पाया जाता है।
ये जलीय वातावरण या नम स्थानों में पाये जाते हैं।
प्रश्न 5.
ब्रायोफाइटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
ब्रायोफाइटा के लक्षण:
ये असंवहनी (Non-vascular) हरित लवक युक्त पौधे हैं।
इनमें निषेचन के बाद भ्रूण (Embryo) बनता है तथा इनके निषेचन के लिए जल आवश्यक है।
इनमें प्रतिपृष्ठ सतह पर मूलरोमों के समान रचनाएँ पाई जाती हैं जिन्हें मूलाभास (Rhizoids) कहते
कुछ विकसित ब्रायोफाइट्स में तने सदृश रचनाएँ पाई जाती हैं।
ये नम भूमि या पेड़ की छालों आदि पर पाये जाते हैं।
प्रश्न 6.
ट्रेकियोफाइटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
ट्रेकियोफाइटा के लक्षण:
इनमें संवहनी ऊतक जाइलम (Xylem) एवं फ्लोएम (Phloem) पाये जाते हैं।
इनका शरीर विभिन्न परिस्थितियों में रहने के लिए अनुकूलित होता है।
ये पौधे जड़, तना तथा पत्ती में विभेदित होते हैं।
इनमें श्रम विभाजन पाया जाता है।
प्रश्न 7.
टेरिडोफाइटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
टेरिडोफाइटा के लक्षण:
इनका शरीर जड़, तना तथा पत्ती में विभेदित होता है।
इनमें संवहनी ऊतक पाया जाता है जो जाइलम एवं फ्लोएम का बना होता है।
ये पुष्पहीन होते हैं अतः इनमें बीज का निर्माण नहीं होता।
इनका मुख्य पौधा बीजाणुद्भिद होता है जिस पर बीजाणु पैदा होते हैं, जो अंकुरित होकर युग्मकोद्भिद पौधे का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 8.
जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी) के लक्षण लिखिए। (2019)
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी) के लक्षण:
इन पौधों के बीजों के चारों तरफ कोई आवरण नहीं पाया जाता है अतः इनके बीज नग्न बीज होते हैं।
इनमें वायु द्वारा परागण होता है।
ये पौधे बहुवर्षी, काष्ठीय तथा मरुद्भिद स्वभाव के होते हैं।
इनका संवहनी ऊतक जाइलम एवं फ्लोएम में विभेदित रहता है।
प्रश्न 9.
एन्जियोस्पर्म (आवृतबीजी) के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
एन्जियोस्पर्म (आवृतबीजी) के लक्षण:
इन पौधों के बीजों के चारों ओर आवरण पाया जाता है।
इनमें दोहरे निषेचन की क्रिया पाई जाती है।
इनमें वातावरण के प्रति बहुत अधिक अनुकूलन पाया जाता है।
ये परजीवी (अमरबेल), मृतजीवी (ऑर्किड), सहजीवी (दाल वाले पादप) तथा स्वपोषी रूप में पाये जाते हैं।
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प्रश्न 10.
एकबीजपत्री के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
एकबीजपत्री के लक्षण:
इनके बीजों में केवल एक बीजपत्र पाया जाता है।
इनकी पत्तियों में समानान्तर शिराविन्यास पाया जाता है।
इनकी पत्तियाँ अवृन्त रहती हैं।
इनमें प्रायः रेशेदार (झकड़ा) जड़ें होती हैं।
इनके पुष्पों के भाग तीन या इसके गुणांक में होते हैं।
प्रश्न 11.
द्विबीजपत्री के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
द्विबीजपत्री के लक्षण:
इनके बीजों में दो बीजपत्र पाये जाते हैं।
इनकी पत्तियों में जालिकावत् शिराविन्यास होता है।
इनकी पत्तियाँ प्रायः सवृन्त होती हैं।
इनमें मूसला जड़ पाई जाती है।
इनके पुष्प के भाग चार या पाँच या इनके गुणांक में होते हैं।
प्रश्न 12.
पादप जगत के वर्गीकरण का रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
पादप जगत के वर्गीकरण का रेखाचित्र:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 5
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प्रश्न 13.
अपृष्ठवंशी या अकशेरुकी या नॉन-कॉर्डेटा के विशिष्ट लक्षण लिखिए।
अथवा
उप-जगत नॉन-कॉर्डेटा के मुख्य लक्षण लिखिए।
उत्तर:
अपृष्ठवंशी (अकशेरुकी) नॉन-कॉर्डेटा (Non-chordata) के विशिष्ट लक्षण:
शरीर में मेरुदण्ड का अभाव होता है।
रक्त में लाल कणिकाओं का अभाव रहता है।
मस्तिष्क ठोस होता है।
हृदय स्पष्ट नहीं होता है। यदि उपस्थित रहता है तो शरीर के पृष्ठ तल पर उपस्थित रहता है।
शरीर पर बाह्यकंकाल (Exoskeleton) पाया जाता है।
प्रश्न 14.
अकशेरुकी (अपृष्ठवंशी या नॉन-कॉर्डेटा) को कितने संघों में विभाजित किया गया है? उनके नाम लिखिए।
अथवा
नॉन-कॉर्डेटा के वर्गों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अकशेरुकी, अपृष्ठवंशी या नॉन-कॉर्डेटा (Non-chordata) का वर्गीकरण-इस उप-जगत को निम्नलिखित 9 संघों में विभाजित किया गया है –
प्रोटोजोआ (Protozoa)
पोरीफेरा (Porifera)
सीलेण्ट्रेटा (Coelenterata)
प्लैटीहेल्मिन्थीज (Platyhelminthes)
निमैटहेल्मिन्थीज (Nemathelminthes)
ऐनेलिडा (Annelida)
आर्थोपोडा (Arthropoda)
मोलस्का (Mollusca)
इकाइनोडर्मेटा (Echinodermata)।
प्रश्न 15.
संघ-पोरीफेरा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-पोरीफेरा (Phylum – Porifera) के लक्षण:
ये जन्तु बहुकोशिकीय होते हैं।
ये जन्तु द्विस्तरीय (Diploblastic) होते हैं।
इस संघ के जन्तुओं में मुख नहीं होता, परन्तु छोटे-छोटे रन्ध्र (Ostia) ही मुख का कार्य करते हैं।
प्रश्न 16.
संघ-सीलेण्ट्रेटा के लक्षण लिखिए। (2019)
उत्तर:
संघ-सीलेण्ट्रेटा (Phylum-Coelenterata) के लक्षण:
ये जन्तु द्विस्तरीय (Diploblastic) होते हैं।
इनके शरीर में लम्बी केन्द्रीय गुहा होती है।
इन जन्तुओं की पीढ़ियों में एकान्तरण होता है।
ये जन्तु द्विलिंगी (Bisexual) होते हैं।
इनमें श्रम विभाजन पाया जाता है।
प्रश्न 17.
संघ-प्लैटीहेल्मिन्थीज के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-प्लैटीहेल्मिन्थीज (Phylum Platyhelminthes) के लक्षण:
ये जन्तु परजीवी (Parasites) होते हैं।
इनके शरीर में कंकाल खण्डरहित होता है।
इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।
इनमें गुदा का अभाव होता है।
इनमें देहगुहा का अभाव होता है।
प्रश्न 18.
संघ-निमैटहेल्मिन्थीज के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-निमैटहेल्मिन्थीज (Phylum-Nemathelminthes) के लक्षण:
इन जन्तुओं का शरीर लम्बा, बेलनाकार व खण्डरहित होता है।
ये मनुष्य के आहार नाल में पाये जाते हैं।
इनमें मादा नर से बड़ी होती है।
ये परजीवी होते हैं।
इनमें श्वसन अंगों का अभाव रहता है।
प्रश्न 19.
संघ-ऐनेलिडा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-ऐनेलिडा (Phylum Annelida) के लक्षण:
ये जन्तु लम्बे व बेलनाकार होते हैं।
इनका शरीर समखण्डों में विभाजित होता है।
ये प्रायः उभयलिंगी (Bisexual) होते हैं।
ये जल एवं नम मिट्टी में रहते हैं।
प्रश्न 20.
संघ-आर्थोपोडा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-आर्थोपोडा (Phylum Arthropoda) के लक्षण:
इन जन्तुओं का शरीर सिर, धड़ एवं उदर में बँटा होता है।
इन जन्तुओं में प्रायः संयुक्त आँखें (Compound eyes) पाई जाती हैं।
इन जन्तुओं में निषेचन आन्तरिक होता है।
प्रश्न 21.
संघ-मोलस्का के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-मोलस्का (Phylum-Mollusca) के लक्षण:
इनका शरीर बिना खण्डों वाला एवं कोमल होता है।
इनमें श्वसन क्रिया गलफड़ों द्वारा होती है।
इनके शरीर पर एक कोमल पर्त मैण्टिल होती है।
इनकी देहगुहा विकसित होती है।
प्रश्न 22.
संघ-इकाइनोडर्मेटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-इकाइनोडर्मेटा (Phylum – Echinodermata) के लक्षण:
इनके शरीर पर कैल्सियम कार्बोनेट के कंटक पाये जाते हैं।
इनका शरीर बेलनाकार एवं सितारे के समान होता है।
इनके शरीर में आहार नाल, संवहन तन्त्र एवं तन्त्रिका तन्त्र विकसित होता है।
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प्रश्न 23.
उप-जगत कॉर्डेटा के मुख्य लक्षण लिखिए।
अथवा
पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा के लक्षण लिखिए। (2019)
उत्तर:
पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा (Chordata) के लक्षण:
इन जन्तुओं में जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में नोटोकॉर्ड (Notochord) अवश्य पाई जाती है।
इनके शरीर की पृष्ठ सतह पर खोखली नर्व कॉर्ड पायी जाती है।
इनके जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में ग्रसनीय क्लोम दरारें पायी जाती हैं।
इनका हृदय अधर तल की ओर होता है।
प्रश्न 24.
मत्स्य-वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
मत्स्य-वर्ग (Class – Pisces) के लक्षण:
ये सभी असमतापी या शीत रक्त (Cold-blooded) जलीय जन्तु है।
इनका हृदय अलिंद (Auricle) और निलय (Ventricle) में बँटा रहता है। दोनों भाग सदैव अशुद्ध जल – से भरे रहते हैं जिसके कारण इनके हृदय को शिराहृदय (Venous heart) भी कहते हैं।
फेफड़ा मछली को छोड़कर शेष सभी जन्तु गिल्स (Gills) द्वारा श्वसन करते हैं।
इन जन्तुओं का शरीर नाव के आकार का होता है।
प्रश्न 25.
ऐम्फिबिया वर्ग (उभयचरों) के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
वर्ग-उभयचर या ऐम्फिबिया (Class – Amphibia) के लक्षण:
ये जन्तु उभयचर होते हैं अर्थात् ये अपना जीवनयापन जल एवं थल दोनों में करते हैं।
इनकी त्वचा, नम, चिकनी एवं ग्रन्थिमय होती है।
ये असमतापी या शीत रुधिर प्राणी होते हैं।
इनमें बाह्य निषेचन होता है।
प्रश्न 26.
सरीसप या रेप्टीलिया वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
वर्ग-सरीसृप या रेप्टीलिया (Class-Reptilia) के लक्षण:
ये जन्तु असमतापी तथा रेंगकर चलने वाले जलचर एवं स्थलचर होते हैं।
इनके हृदय में दो अलिन्द एवं एक निलय अर्थात् तीन कोष्ठ पाये जाते हैं।
इनकी त्वचा रूखी एवं ग्रन्थिविहीन होती है लेकिन इनकी त्वचा पर शल्क पाये जाते हैं।
प्रश्न 27.
पक्षी वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
पक्षी वर्ग (Class-Aves) के लक्षण:
ये समतापी या गर्म रक्त प्राणी है।
इनका शरीर सिर, धड़ एवं पूँछ में बँटा होता है।
इनके हृदय में चार कोष्ठ अर्थात् दो अलिंद एवं दो निलय पाये जाते हैं।
इनके कंकाल में छोटे-छोटे कोष्ठ पाये जाते हैं जिनमें हवा भरी होती है अर्थात् इनकी हड्डियाँ खोखली एवं हल्की होती हैं। इनसे इन जन्तुओं को उड़ने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 28.
स्तनी वर्ग या मैमेलिया वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
स्तनी वर्ग या मैमेलिया वर्ग (Class – Mammalia) के लक्षण:
इनकी मादाओं में अपने बच्चों के दूध द्वारा पोषण के लिए स्तन ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं।
ये नियततापी या समतापी या गर्म रक्त (Warm-blooded) जन्तु होते हैं।
इस वर्ग के अधिकतर जन्तु बच्चों को जन्म देते हैं।
इनमें चार प्रकार के दाँत पाये जाते हैं अतः इनका दन्तक्रम विषमदन्ती (Heterodont) होता है।
प्रश्न 29.
संघ कॉर्डेटा के वर्गीकरण को एक चार्ट के रूप में बनाइए। (2019)
उत्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 6
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प्रश्न 30.
निम्नलिखित जीवों को उनमें यथार्थ प्रगुहा के होने अथवा न होने के आधार पर वर्गीकृत कीजिए –
स्पॉन्जिला, समुद्री ऐनीमोन, प्लैनेरिया, यकृत पर्णाभ कृमि, वुचेरेरिया, ऐस्केरिस, नेरीस, केंचुआ, बिच्छू, पक्षी, मछली और घोड़ा।
उत्तर:
- अगुहिक:
स्पॉन्जिला, यकृत पर्णाभ कृमि, समुद्री ऐनीमोन एवं प्लैनेरिया। - कूट प्रगुहिक:
वुचेरेरिया एवं ऐस्केरिस। - प्रगुहिक:
नेरीस, बिच्छू, केंचुआ, पक्षी, मछली एवं घोड़ा (अश्व)।
प्रश्न 31.
निम्नलिखित को उनके हृदय में उपस्थित प्रकोष्ठों की संख्या के आधार पर वर्गीकृत कीजिए –
रोहू, स्कोलियोडॉन, मेंढक, सेलामेण्डर, उड़न छिपकली, नागराज, मगरमच्छ, शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़, ह्वेल।
उत्तर:
- दो प्रकोष्ठ वाले:
रोहू एवं स्कोलियोडॉन। - तीन प्रकोष्ठ वाले:
मेंढक, सेलामेण्डर, उड़न छिपकली एवं नागरांज। - चार प्रकोष्ठ वाले:
मगरमच्छ, शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़ एवं ह्वेल।
प्रश्न 32.
रोहू, स्कोलियोडॉन, उड़न छिपकली, नागराज, मगरमच्छ, मेंढक, सेलामेण्डर, शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़ एवं ह्वेल को असमतापी/समतापी प्राणियों में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
- असमतापी जीव:
रोहू, स्कोलियोडॉन, मेंढक, सेलामेण्डर, उड़न छिपकली, नागराज एवं मगरमच्छ। - समतापी जीव:
शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़ एवं ह्वेल।
प्रश्न 33.
(a) नीचे दिए गए चित्र में a, b, c तथा d के नाम लिखिए।
(b) का कार्य बताइए।
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 7
उत्तर:
(a) पृष्ठ पख
(b) पुच्छ पख
(c) श्रोणि पख
(d) अंस पख
(b) पुच्छ पख का कार्य:
पुच्छ पख जल में मछली की गति को सन्तुलित रखने में सहायता करता है।
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प्रश्न 34.
कुछ थैलोफाइट पादपों के नाम लिखिए। स्पाइरोगाइरा का एक आरेख बनाइए।
उत्तर:
थैलोफाइट पादपों के उदाहरण:
यूलोथ्रिक्स
स्पाइरोगाइरा
क्लेडोफोरा
अल्वा
कारा।
स्पाइरोगाइरा का नामांकित चित्र:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 8
प्रश्न 35.
निम्नलिखित शब्दों को परिभाषित कीजिए और प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए –
(a) द्विपार्श्व सममिति
(b) प्रगुहा
(c) त्रिकोरकी।
उत्तर:
(a) द्विपार्श्व सममिति:
“कुछ जन्तुओं में बाएँ तथा दाएँ अर्धांश समान रचना वाले होते हैं, उनकी यह विशेषता द्विपाव सममिति कहलाती है।”
उदाहरण – लिवरफ्लूक।
(b) प्रगुहा:
“देहगुहा, देहभित्ति और अंतरंग अंगों के बीच आन्तरिक गुहा होती है जिसमें सुविकसित अंग व्यवस्थित हो सकते हैं, इस आन्तरिक गुहा को प्रगुहा कहते हैं।”
उदाहरण – तितली।
(c) त्रिकोरकी:
“वे प्राणी जिनमें त्रिस्तरीय कोशिकाएँ होती हैं और जिनसे विभेदित ऊतक बन सकते हैं, त्रिकोरकी कहलाते हैं।”
उदाहरण – स्टार फिश (तारा मछली)।
प्रश्न 36.
आपको जोंक, नेरीस, स्कोलोपेण्ड्रा, झींगा एवं बिच्छू दिए गए हैं और ये सभी सखंड देह रचना वाले प्राणी हैं। क्या आप इन्हें एक समूह में वर्गीकृत करेंगे? यदि नहीं, तो उन महत्वपूर्ण लक्षणों को लिखिए जिनके आधार पर इन प्राणियों को विभिन्न समूहों में पृथक् करेंगे।
उत्तर:
प्रश्न में दिए गए सभी जीव एक समूह के अन्तर्गत नहीं आते हैं बल्कि –
(1) जोंक एवं नेरीस ऐनेलिडा संघ के अन्तर्गत आते हैं क्योंकि इनका शरीर मेटामेरिक (खण्ड वाला) होता है अर्थात् इनका शरीर अन्दर से सेप्टा (पट) के द्वारा खण्डों में बँटा होता है। देहखण्ड सिर से लेकर पुच्छ तक एक के बाद एक पंक्तिबद्ध होते हैं।
(2) स्कोलोपेण्ड्रा, झींगा एवं बिच्छू आर्थोपोडा संघ में आते हैं क्योंकि इनमें संधित पाद एवं खुला परिसंचारी तंत्र होता है।
प्रश्न 37.
जीवाणु, मशरूम तथा आम का वृक्ष में से कौन-सा जीव अधिक जटिल और विकसित है ? कारण दीजिए।
उत्तर:
आम का वृक्ष अधिक जटिल एवं विकसित है क्योंकि यह यूकैरियोटिक (सुकेन्द्रकी), स्वपोषी एवं आवृतबीजों वाला, स्थलीय, बीजाणुद्भिद (स्पोरोफाइट) पादप है। जबकि जीवाणु एककोशिक, प्रोकैरियोट है और मशरूम (कवक) विषमपोषी तथा बिना ऊतक तन्त्र वाले साधारण थैलोफाइट हैं।
प्रश्न 38.
बिल्ली, चूहा तथा चमगादड़ में कुछ सामान्य विशेषताओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
बिल्ली, चूहा तथा चमगादड़ स्तनधारी समूह में आते हैं तथा इनमें निम्नलिखित सामान्य विशेषताएँ पायी जाती हैं –
जीवन चक्र की कुछ अवस्थाओं तक सभी में पृष्ठ रज्जु होती है।
सभी समतापी हैं अर्थात् इनके शरीर का ताप सदैव स्थिर रहता है।
सभी में चार कक्ष वाला हृदय पाया जाता है।
सभी की त्वचा पर बाल होते हैं तथा तेल एवं स्वेद ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं।
प्रश्न 39.
कछुआ तथा सर्प दोनों को हम एक ही वर्ग में क्यों रखते हैं?
उत्तर:
कछुआ तथा सर्प दोनों को हम एक ही वर्ग सरीसृप वर्ग में रखते हैं क्योंकि दोनों में सामान्य विशेषताएँ पाई जाती हैं जो निम्नलिखित हैं –
दोनों असमंतापी जीव हैं क्योंकि इनके रक्त का ताप वायुमण्डल के ताप से प्रभावित होता रहता है।
दोनों के शरीर पर शल्क पाये जाते हैं।
दोनों ही फुफ्फुस (फेफड़ों) से श्वसन करने वाले जीव हैं।
दोनों का हृदय तीन कक्ष वाला होता है।
दोनों ही कठोर आवरण युक्त अण्डे देने वाले जीव हैं।
प्रश्न 40.
जल स्थल चर और सरीसृप में क्या अन्तर है ? (कोई चार) (2018)
उत्तर:
जल स्थल चर और सरीसृप में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 8
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प्रश्न 41.
पोरीफेरा एवं सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में अन्तर लिखिए। (2019)
उत्तर:
पोरीफेरा एवं सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 10
प्रश्न 42.
कशेरुकी जन्तुओं के लक्षण तथा इनका वर्गीकरण संक्षिप्त में लिखिए। (2019)
उत्तर:
पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा (Chordata) के लक्षण:
इन जन्तुओं में जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में नोटोकॉर्ड (Notochord) अवश्य पाई जाती है।
इनके शरीर की पृष्ठ सतह पर खोखली नर्व कॉर्ड पायी जाती है।
इनके जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में ग्रसनीय क्लोम दरारें पायी जाती हैं।
इनका हृदय अधर तल की ओर होता है।
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 11
प्रश्न 43.
अनावृतबीजी एवं आवृतबीजी में अन्तर लिखिए। (2019)
उत्तर:
अनावृतबीजी एवं आवृतबीजी में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 12
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MP Board Class 9th Science Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अग्रांकित चित्र के बॉक्सों में उचित अभिलक्षणों/पादपों के नाम लिखिए –
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 13
उत्तर:
(a) थैलोफाइटा
(b) विशिष्ट संवहन ऊतक रहित
(c) टेरिडोफाइटा
(d) पुष्पोद्भिद
(e) अनावृतबीजों को धारण करने वाले
(f) एन्जियोस्पर्म (आवृतबीजी)
(g) दो बीजपत्रों वाले बीज होते हैं
(h) एकबीजपत्री।
प्रश्न 2.
थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा “क्रिप्टोगैम” कहलाते हैं। जिम्नोस्पर्म एवं ऐन्जियोस्पर्म “फैनेरोगेम” कहलाते हैं। चर्चा कीजिए क्यों ? जिम्नोस्पर्म का एक उदाहरण देते हुए आरेख बनाइए।
उत्तर:
थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा “क्रिप्टोगैम” कहलाते हैं क्योंकि इन समूहों के जननांग आवृत अथवा छिपे हुए रहते हैं तथा इनमें बीज नहीं होते हैं। दूसरी ओर जिम्नोस्पर्म एवं ऐन्जियोस्पर्म “फैनेरोगेम” (पुष्पोद्भिद) कहलाते हैं क्योंकि इनमें स्पष्ट रूप से विभेदित जनन ऊतक एवं संग्रहीत भोजन के साथ भ्रूण होते हैं। इनमें भ्रूण, बीज में विकसित होता है।
जिम्नोस्पर्म का उदाहरण – पाइनस।
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 14
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प्रश्न 3.
उड़न छिपकली तथा पक्षी के बीच अन्तर बताइए। इनके आरेख भी बनाइए।
उत्तर:
उड़न छिपकली एवं पक्षी में अन्तर: