Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 16 खेमा

Bihar Board Class 8th Hindi Book Solutions हिंदी 1 Chapter  16 खेमा – NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 16 खेमा

खेमा कसारा के हटोल पर काम क्यों करता था ?
उत्तर:
खेमा एक गरीब बाप का बेटां था । बाप अपने चार बच्चों को
भरण-पोषण के भार से बचने के लिए सबको बेच लिया था। खेमा को कसारा ने खरीद लिया था। इसलिए खेमा कसारा के होटल में काम करता था।

Class 8 Hindi Chapter 16 Bihar Board प्रश्न 2.
खेमा द्वारा चप्पल की माँग करने पर कसारा ने क्या जवाब दिया ?
उत्तर:
“मेरे पैर जलते हैं। चप्पल ला दो काका ………….।”
यह कहते हुए खेमा ने जब चप्पल की माँग किया तो कसारा ने जवाब देते हुए कहा-“अभी रख दूँगा चप्पलें सिर पर, चल अपना काम कर, बड़ा आया चप्पलें पहनने वाला।” – यह सुनकर खेमा निराश भी हो गया।

Ch 16 Hindi Class 8 Bihar Board प्रश्न 3.
अपने पैरों पर पानी गिराने से खेमा को तसल्ली क्यों मिलती थी?
उत्तर:
गर्मी की मौसम था, खेमा के खाली पैर जलता था, कसारा सेचप्पल माँगने पर डाँट पड़ी। अत: खेमा अपने पैर के जलन दूर करने के लिए पानी डालता था।

Chapter 16 Hindi Class 8 Bihar Board प्रश्न 4.
किन परिस्थितियों में खेमा के पिता ने उसे बेच दिया था ?
उत्तर:
खेमा के पिता गरीब था। अपने बच्चों को वह भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं था ।
अंतः अन्य भाईयों की तरह ही खेमा को भी बेचकर अपने दायित्व से मुक्त हो गया था।

16 Ka Prashn Uttar Bihar Board प्रश्न 5.
जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आँखें क्यों भर आई ? अपना विचार दीजिए।
उत्तर:
जब लेखक ने खेमा के पिता से कहा कि वे खेमा को अपने साथ ले जाकर पढ़ाना चाहते हैं तब उसकी आँखें भर आई क्योंकि उसके मन में अपने संतान के प्रति अनुराग जाग गया । हरेक पिता का अरमान होता है कि वह पढ़-लिखकर कुछ करेगा। बड़ा आदमी बनेगा । लेकिन वह तो अपने अरमानों का गला घोट चुका था । वह खेमा को चन्द रुपये में बेच दिया था। इसी कारण से खेमा के पिता के आँखों में पानी भर गया।

पाठ से आगे

Class 8 Hindi Chapter 16 Summary Bihar Board प्रश्न 1.
“खेमा” कहानी पढ़कर आपके दिमाग में कौन-कौन से प्रथम उठ रहे हैं ?
उत्तर:
इस कहानी को पढ़कर हमारे दिमाग में अनेक प्रश्न उठ रहे हैं।
जैसे:

मनुष्य अपने संतान को क्यों बेचता है?
क्या संतान के भरण-पोषण के दायित्व से बचना पिता का कर्त्तव्य है ? संतान बेचने वाला मनुष्य क्या पशु नहीं ?
क्या “बाल-मजदूरी” रोकने के लिए सरकार को कड़ा कदम नहीं उठाना चाहिए इत्यादि।

Pani Ki Kahani Class 8 Summary Bihar Board प्रश्न 2.
कसारा से चप्पल माँगने पर खेमा को फटकार लगी, उसके बावजूद वह काम करने लगा। आप रहते तो क्या करते?
उत्तर:
खेमा की जगह हम रहते तो वही करते जो खेमा कर रहा था। काम नहीं करने पर कसारा हमें डाँटता, गाली देता, पीटता और खाना भी नहीं देता । इन सबों से बचने के लिए खेमा की तरह हम भी सब कुछ बर्दास्त करते हुए काम करते रहता।।

Class 8 Hindi Chapter 16 Questions And Answers Bihar Board प्रश्न 3.
कसारा का होटल छोड़ने के बाद खेमा के जीवन में किस प्रकार का . परिवर्तन आया होगा? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कसारा का होटल छोड़ने के बाद खेमा के जीवन में अनेक परिवर्तन आया होगा । जैसे

वह संतुष्ट होगा ।
वह पढ़ाई पर खूब ध्यान देता होगा।
उसके खान-पान, रहन-सहन सब में परिवर्तन होगा ।
उसके हौसले बढ़ गये होंगे।
Class 8 Hindi Ch 16 Solution Bihar Board प्रश्न 4.
बाल मजदूरी की तरह अन्य कुप्रथाएँ भी प्रचलित हैं। उन पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
बाल मजदूरी की तरह हमारे समाज में कई कुप्रथाएँ प्रचलित हैं। जैसे – बाल विवाह, जाति प्रथा, विधवा बनकर जीवन बिताना आदि सभी कुप्रथाएँ हैं। इन सबों पर कानूनी रूप से रोक लगना चाहिए। उपरोक्त कुप्रथाएँ से समाज का विकास सम्भव नहीं है।

Hindi Class 8 Chapter 16 Bihar Board प्रश्न 5.
बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए सुझाव दीजिए।
उत्तर:
बाल मजदूरी को समाप्त करने के लिए मेरा सुझाव है कि

बाल-मजदूर रखने वालों को कड़ी-से-कड़ी सजा दिया जाय ।
गरीब बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के लिए विशेष योजना तैयार हो ।
गरीब लोग जो अपने बाल-बच्चों को नहीं पढ़ाते उनके बाल-बच्चों को धन-पान लोग गोद लेकर उसके पढ़ाई की व्यवस्था करें।
गरीब माता-पिता को भी आर्थिक मदद देकर बच्चों को बेचने या बाल-मजदूर बनने से रोका जा सकता है।
गतिविधि

प्रश्न 1.
अपनी दिनचर्या की तुलना खेमा की दिनचर्या से कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
‘खेमा’ कहानी में आये निम्नलिखित प्रसंगों में से किसी एक पर चित्र – बनाइए।

कसारा के होटल पर काम करते हुए खेमा।
कसारा के पैर दबाते हुए खेमा।
जलते हुए अपने पैर पर पानी डालते हुए खेमा

उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
पने आस-पड़ोस के किसी बाल मजदूर से बात कर यह पता
कीजिए कि किन कारणों से वह बाल मजदूर बना।

उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

खेमा Summary in Hindi
संक्षेप खेमा मात्र आठ-नौ वर्ष का बाल-श्रमिक है। गेहूँआ रंग, साढ़े तीन फीट की लम्बाई, खाकी निकर और पैबन्द लगी कमीज, तुतली बोली वाला वह बच्चा कसारा के चाय दुकान में काम करता है।

मालिक कसारा चाय बनाता है और खेमा ग्राहकों को चाय पहुँचाता है फिर गलास को धोकर टेबुल पर रखता था । खेमा दुकान खुलने से लेकर दुकान बंद होने तक कसारा के हरेक आज्ञा का पालन करता है। अगर कंसारा डाँटता या गाली भी देता तो खेमा चुपचाप अपने काम में लगा रहता था। एक दिन खेमा ने कसारा से कहा ‘काका पैर जलता है चप्पल ला दो।”

खेमा की बात सुनकर कसारा बौखलाया और कहा-“अभी रख दूँगा -चप्पल सिर पर, चल अपना काम कर, बड़ा आया चप्पलें पहनने वाला।”

गर्मी का समय था, नंगा पैर जब जलने लगता तो पैर पर पानी डालकर वह पैर के जलन को दूर करता था। खेमा ग्राहकों की भी भद्दी-भद्दी गालियाँ सुनकर चुपचाप अपना काम करता रहता था। अगर कसारा खाते-खाते उठ जाता तो खेमा उस जुठे खाना खाकर अपनी भूख मिटा लिया करता था।

प्रायः दोपहर में जब ग्राहकों का आना बंद हो जाता था तब कसारा सो जाता । कसारा के सो जाने पर भी खेमा नहीं सोता बल्कि बैठकर कभी-कभी झपकी ही मार लेता । रात्रिकालीन भोजन कर खेमा अपने मालिक कसारा का पैर दबाता फिर दोनों सो जाते । दूसरे दिन फिर वही बात। ..

दो मास पूर्व कसारा ने उस बालक को खरीदकर लाया था । कसारा उसे पीटता भी था। खेमा सब कुछ सह लेता था। एक रोज जब कसारा दुकान में नहीं था लेखक ने खेमा से पूछा तुम्हारा सेठ तुमको कितना पैसा देता है। खेमा ने कहा मैं नहीं जानता हूँ। लेखक ने फिर पूछा, क्या स्कूल नहीं जाते ?

खेमा ने उत्तर दिया-पढ़ाई का मन तो करता है, लेकिन बापू स्कूल नहीं भेजते । लेखक ने पुनः पूछा-क्या तुम अपने मालिक से खुश हो? उत्तर में खेमा कुछ जवाब नहीं देता है। लेखक खेमा के घर जाकर उसके पिता से. खेमा को पढ़ाई-लिखाई करवाने के लिए माँगा।

खेमा का बाप रोते हुए कहा-“ठीक है पर कसारा का रुपया लौटाना होगा । लेखक रुपया देने की बात कहता है । खेमा का पिता कसारा के पास रुपया वापस किया तब खेमा को कसारा से छुटकारा मिला।

खेमा लेखक के शरण में आ जाता है । वह लेखक की सेवा तथा सब काम करना चाहता है लेकिन लेखक उसे केवल पढ़ाई पर जोड़ देने की बात कहते हैं।

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