MP Board Class 10th Hindi Navneet Solutions गद्य Chapter 5 पहली चूक

MP Board Class 10th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 5 पहली चूक- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 10th Hindi Navneet Solutions गद्य Chapter 5 पहली चूक

प्रश्न 1.
‘आपका नाम बाजरा तो नहीं है’ यह कथन किसने किससे पूछा?
उत्तर:
यह कथन लेखक ने रामचरन से पूछा।

प्रश्न 2.
रामचरन ने किसानों को पुकारते हुए क्या कहा?
उत्तर:
रामचरन ने किसानों को पुकारते हुए कहा-“यह देखो, ये भैया तो बाजरे को आदमी समझ रहे हैं।”

प्रश्न 3.
लेखक ने भाषायी चूक से बचने के लिए कौन-कौनसी तैयारी की ?
उत्तर:
लेखक ने भाषायी चूक से बचने के लिए कृषि शास्त्र की मोटी-मोटी किताबें मँगवाकर उनका अध्ययन आरम्भ कर दिया।

प्रश्न 4.
लेखक को बीज गोदाम क्यों जाना पड़ा?
उत्तर:
लेखक को बीज और खाद खरीदने के लिए बीज गोदाम जाना पड़ा।

प्रश्न 5.
लेखक के अनुसार कंद-मूल-फल खाने के कारण ऋषियों की दिलचस्पी किस व्यवसाय में थी?
उत्तर:
कंद-मंद-फल खाने के कारण ऋषियों की दिलचस्पी हॉर्टिकल्चर में थी।

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पहली चूक लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चाचा ने लेखक को खेती के बारे में क्या समझाया?
उत्तर:
चाचा ने लेखक को खेती के बारे में समझाया कि खेती का काम है तो बड़ा उत्तम, पर फारसी पढ़कर जिस प्रकार तेल नहीं बेचा जा सकता, वैसे ही अंग्रेजी पढ़कर खेत नहीं जोता जा सकता।

प्रश्न 2.
लेखक ने रामचरन के कन्धे पर हाथ रखते हुए मित्र भाव से क्या-क्या प्रश्न किये?
उत्तर:
लेखक ने रामचरन के कन्धे पर हाथ रखते हुए मित्र भाव से कहा-“तो भाई रामचरन, मुझे बताओ यह बाजरा कौन है? कहाँ रहता है? यह खड़ा कहाँ है? इसे क्यों खड़ा किया गया है?”

प्रश्न 3.
पंचभूत और पंचगव्य में क्या अन्तर है?
उत्तर:
मानव शरीर का पंचभूतों अर्थात्-पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु से मिलकर निर्माण होता है। पंचगव्य से आशय है-गाय से मिलने वाली पाँच वस्तुएँ-दूध, दही, घी, गोबर और गौ मूत्र।

प्रश्न 4.
“शरीर ही मिट्टी का बना हुआ है”-किस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर:
मानव शरीर के निर्माण में पंचभूतों का योग होता है और ये पंच भूत हैं-पृथ्वी (मिट्टी), जल, अग्नि, आकाश और वायु। अतः जब शरीर के निर्माण में मिट्टी की प्रमुख भूमिका है तब फिर हमें मिट्टी से क्यों परहेज करना चाहिए?

प्रश्न 5.
लेखक ने अन्तिम बार शहर जाने का फैसला क्यों किया?
उत्तर:
लेखक ने अन्तिम बार शहर जाने का फैसला इसलिए किया कि वह शहर में रहकर बाजरे के विषय में अपनी रिसर्च कर सकेगा तथा वह बता पायेगा कि खाद के प्रयोग से बाजरे की लताओं में मीठे और बड़े-बड़े फल लाये जा सकते हैं।

पहली चूक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘पहली चूक’ पाठ का केन्द्रीय भाव लिखिए।
उत्तर:
‘पहली चूक’ शीर्षक पाठ में लेखक ने उन शिक्षित जनों को अपनी रचना का केन्द्र बिन्दु बनाया हैं जो शहर में निवास करते हैं और ग्रामीण वातावरण से पूर्णतः अनभिज्ञ होते हैं। वे पुस्तकों और सिनेमाओं से प्राप्त जानकारी के आधार पर अपने मन में काल्पनिक ग्राम का निर्माण किया करते हैं। उनकी यह कल्पना उस समय खण्ड-खण्ड होकर बिखर जाती है, जब वे ग्रामीण परिवेश में जाकर वास्तविक बातों को जान पाते हैं।

प्रश्न 2.
‘सिनेमा से खेती की शिक्षा’ पर लेखक के विचार लिखिए।
उत्तर:
सिनेमा खेती की उन्नति का एक अच्छा साधन है। सिनेमा द्वारा खेती का बड़ा प्रचार हुआ है। बड़े-बड़े हीरो खेत जोतते जाते हैं और गाते जाते हैं। हीरोइन खेत पर टोकरी में रोटी लेकर आती है। हरी-भरी फसल में आँख-मिचौली का खेल होता है। फसल काटते समय हीरोइन के साथ बहुत-सी लड़कियाँ नाचती हैं और गाती भी हैं। वे नाचती जाती हैं और फसल अपने आप कटती जाती है। ऐसे ही मधुर दृश्यों को देखकर, पढ़े-लिखे आदमी गाँवों में आने लगते हैं और खेतों के चक्कर काटने लगते हैं। इस प्रकार सिनेमा द्वारा खेती की शिक्षा मिलती है।

प्रश्न 3.
‘फारस में तेल बेचने वाले संस्कृत नहीं बोलते’ इस कथन का भाव विस्तार कीजिए।
उत्तर:
लेखक का चाचा लेखक को समझाता है कि जिस प्रकार फारस में तेल बेचने वाले संस्कृत नहीं बोलते, खेत जोतते हैं। उसी प्रकार भारत में फारसी पढ़कर तेल नहीं बेचा जाता है। उसी प्रकार अंग्रेजी पढ़कर भी खेती नहीं की जा सकती।

पहली चूक भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद करते हुए सन्धि का नाम बताइए
उत्तर:

वागीश = वाक् + ईश = व्यंजन सन्धि।
कीटाणु = कीट + अणु = दीर्घ सन्धि।
ग्रन्थालय = ग्रन्थ + आलय = दीर्घ सन्धि।
महेश = महा + ईश = गुण सन्धि।
उन्नति = उत् + नति = व्यंजन सन्धि।।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में संकेत के अनुसार परिवर्तन कीजिए-

खेत के पूरब में गन्ने का एक खेत है। (प्रश्न वाचक)
मैं खेती के बारे में अधिक जानता हूँ। (निषेधात्मक वाक्य)
यह आप क्यों पूछ रहे हो ? (विस्मयबोधक वाक्य)
उत्तर:

क्या खेत के पूरब में गन्ने का एक खेत है?
मैं खेती के बारे में अधिक नहीं जानता हूँ।
अरे! यह आप क्यों पूछ रहे हो?
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पहली चूक महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
पहली चूक बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘पहली चूक’ पाठ में लेखक ने किसे केन्द्र-बिन्दु बनाया है? (2009)
(क) ग्रामीणों को
(ख) शिक्षितों को
(ग) मूरों को
(घ) अज्ञानियों को।
उत्तर:
(क) ग्रामीणों को

प्रश्न 2.
गोबर पवित्र वस्तु है, उसका स्थान है
(क) पंचभूत में
(ख) मिट्टी में
(ग) पंचगव्य में
(घ) किसी में नहीं।
उत्तर:
(ग) पंचगव्य में

प्रश्न 3.
“बेटा! यह खेती का पेशा तुमसे नहीं होगा।” किसने कहा है?
(क) चाचा ने
(ख) लेखक ने
(ग) किसान ने
(घ) रामचरन ने।
उत्तर:
(क) चाचा ने

प्रश्न 4.
खेती करने वाला कहलाता है (2009)
(क) मजदूर
(ख) मुनीम
(ग) माली
(घ) कृषक।
उत्तर:
(घ) कृषक।

प्रश्न 5.
‘पहली चूक’ किस विधा में लिखी गई रचना है? (2018)
(क) कहानी
(ख) एकांकी
(ग) निबन्ध
(घ) व्यंग्य निबन्ध।
उत्तर:
(घ) कृषक।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

मिट्टी का स्थान यदि पंचभूत में है तो गोबर का स्थान …………. में है।
क्योंकि फारस में तेल बेचने वाले …………. नहीं बोलते,खेत जोतते हैं।
हरी-भरी फसल में ……….. का खेल होता है।
गाँव की पुरानी पीढ़ी भी ……….. होती जा रही है।
पहली चूक …………. विधा की रचना है। (2012, 17)
उत्तर:

पंचगव्य
संस्कृत
आँख मिचौली
समाप्त
व्यंग्य
सत्य/असत्य

पहली चूक’ का शीर्षक सटीक एवं सार्थक नहीं है।
लेखक ने खेत में खड़े बाजरे को आदमी समझा।
बीज खरीदने के लिए बीजगोदाम जाना पड़ता है।
‘मैं वैज्ञानिक ढंग से खेती करूँगा।’ अन्त में लेखक ने यही निर्णय लिया।

उत्तर:

असत्य
सत्य
सत्य
सत्य
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सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 10th Hindi Navneet Solutions गद्य Chapter 5 पहली चूक img-1
उत्तर:

  1. → (ग)
  2. → (ङ)
  3. → (क)
  4. → (घ)
  5. → (ख)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

पहली चूक किसके द्वारा हुई थी?
“फारसी पढ़कर तेल नहीं बेचा जा सकता।” यह कथन किसका है?
लेखक ने खेत की मेंड़ पर खड़े किस किसान से पूछा-“आपका नाम बाजा तो नहीं है?
अन्त में लेखक ने किस व्यवसाय को श्रेष्ठ माना?
खेती के प्रचार व प्रसार का जीता-जागता उदाहरण क्या है?

उत्तर:

लेखक के द्वारा
लेखक के चाचा का
रामचरन से
खेती
सिनेमा।
पहली चूक पाठ सारांश

‘पहली चूक’ श्रीलाल शुक्ल द्वारा रचित उच्चकोटि का व्यंग्यात्मक निबन्ध है। इस निबन्ध में श्रीलाल शुक्ल जी ने शहर में रहने वालों पर तीखा प्रहार किया है क्योंकि शहर में रहने वाले व्यक्तियों का ग्रामीण वस्तुओं से तथा ग्राम के वातावरण से तनिक भी परिचय नहीं होता है। शहर में रहने वाले लोगों को गाँव की जानकारी केवल पुस्तकों के द्वारा होती है या वे सिनेमा के द्वारा ग्रामीण व्यवस्था से परिचित होते हैं।

लेखक को जब बी.ए. करने के बाद नौकरी नहीं मिली तो उसने अपने गाँव जाकर खेती करने का निर्णय किया। लेकिन उनके चाचा ने कहा कि किसी भी कार्य को करने से पूर्व उसका अनुभव आवश्यक है,अंग्रेजी पढ़ लेने मात्र से वह खेती नहीं कर सकता है। खेती के लिए अथक परिश्रम की आवश्यकता होती है। दिन-रात,मिट्टी,गोबर तथा धूप,सर्दी व बरसात में परेशानियों से जूझना पड़ता है।

लेखक को उसके चाचा ने यह भी बताया यह शरीर मिट्टी से बना है तथा गोबर का पंचगव्य में स्थान है। अतः पवित्र है। लेखक अपने चाचा की बातों से प्रभावित हुआ और बोला कि खेती जाहिलों का पेशा नहीं है। टालस्टॉय किसान था,वाल्टेयर ने भी स्वयं खेती की थी। अतः खेती को सर्वोत्तम व्यवसाय मानकर लेखक ने खेती करने का निर्णय किया। लेखक ग्रामीण वस्तुओं से अपरिचित था अतः उसे यह नहीं मालूम था कि गन्ना क्या होता है अथवा बाजरा क्या होता है।

लेखक चाचा द्वारा बताये स्थान पर पहुँचकर वहाँ पर बैठे एक किसान से पूछने लगा, “क्या तुम बाजरा हो?” वह बोला, “मेरा नाम रामचरण है।”

बाद में उसे छायादार वृक्ष समझने लगा। लेखक ने निश्चय किया कि मैं अब शहर में रहकर रिसर्च करूँगा तथा समझने की चेष्टा करूँगा कि खाद बाजरे को हरा-भरा करने का अचूक साधन है।

पहली चूक संदर्भ-प्रसंगसहित व्याख्या

(1) “उत्तम खेती मध्यम बान,
अधम चाकरी भीख निदान।”

कठिन शब्दार्थ :
उत्तम = सबसे अच्छा। मध्यम = बीच का। बान = व्यवसाय, धन्धा। अधम = गिरा हुआ, ओछा। चाकरी = नौकरी।

सन्दर्भ :
प्रस्तुत अंश ‘पहली चूक’ शीर्षक निबन्ध से लिया गया है। इसके लेखक श्रीलाल शुक्ल हैं।

प्रसंग :
इसमें लेखक ने अन्य सभी व्यापारों से कृषि को सबसे अच्छा बताया है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि उपर्युक्त कहावत प्रायः सुनने को मिल जाती है और इसका अर्थ यह है. कि संसार में अन्य सभी व्यापारों में खेती करना सबसे उत्तम काम है, मध्यम काम व्यापार करना है, चाकरी अर्थात् नौकरी अधम है और भीख माँगना सबसे तुच्छ है।

विशेष :
भाषा सहज एवं सरल है।

(2) शरीर ही मिट्टी का बना हुआ है और यह गोबर तो परम पवित्र वस्तु है। मिट्टी का स्थान यदि पंचभूत में है तो गोबर का स्थान पंचगण्य में है।

कठिन शब्दार्थ :
पंचभूत = मानव शरीर का निर्माण पाँच भूतों से होता है और वे हैं-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। पंचगण्य = गाय के पाँच उपादान होते हैं-दूध, दही, घी, गोबर और गौ मूत्र।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
लेखक ने बी. ए. करने के पश्चात् गाँव जाकर अपने चाचा से खेती का व्यवसाय करने की इच्छा व्यक्त की तो चाचा लेखक को खेती की बुराइयाँ एवं परेशानियाँ बताते हुए कहते हैं कि इसमें दिन-रात पानी और पसीना. मिट्टी और गोबर से खेलना पड़ता है। चाचा के इस तर्क का उत्तर देते हुए लेखक कहता है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि चाचाजी मनुष्य का यह शरीर ही मिट्टी का बना हुआ है और यह गोबर तो परम पवित्र वस्तु है। मिट्टी का स्थान मानव शरीर का निर्माण करने वाले पंच भूतों अर्थात् पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश में से एक है तथा उसी प्रकार गोबर का स्थान पंचगण्य अर्थात् दूध, दही, घी, गोबर और मूत्र में है। अतः मुझे मिट्टी और गोबर से कोई परेशानी नहीं होगी।

विशेष :

लेखक ने मिट्टी और गोबर का महत्त्व बताया
भाषा सरल एवं सहज है।
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(3) सिनेमा खेती की उन्नति का एक अच्छा साधन है। सिनेमा द्वारा खेती का बड़ा प्रचार हुआ है। बड़े-बड़े हीरो खेत जोतते जाते हैं और गाते जाते हैं। हीरोइन खेत पर टोकरी में रोटी लेकर आती है। हरी-भरी फसल में आँख-मिचौंली का खेल होता है। फसल काटते समय हीरोइन के साथ बहुत-सी लड़कियाँ नाचती हैं और गाती भी हैं। वे नाचती जाती हैं और फसल अपने आप कटती जाती है। ऐसे ही मधुर दृश्यों को देखकर, पढ़े-लिखे आदमी गाँवों में आने लगते हैं और खेतों के चक्कर काटने लगते हैं। इस प्रकार सिनेमा द्वारा खेती की शिक्षा मिलती है। सच पूछिए तो खेती करने की सच्ची शिक्षा मुझे सिनेमा से ही मिली थी।

कठिन शब्दार्थ :
आँख मिचौली = लुकाछिपी का खेल। मधुर = सुन्दर, मोहक।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
लेखक बताता है कि सिनेमा देखकर ही उसे इतना पढ़-लिख जाने के बाद भी खेती करने की शिक्षा मिली है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि आजकल सिनेमा खेती की उन्नति का अच्छा साधन बन गया है। इन सिनेमाओं ने खेती के प्रचार में बहुत बड़ा योगदान किया है। बड़े-बड़े प्रसिद्ध हीरो खेत जोतते जाते हैं और मस्ती में गाने गाते जाते हैं। हीरोइन खेत पर टोकरी में रोटी खाने के लिए लेकर आती है। हीरो और हीरोइन हरी-भरी फसल में आँख-मिचौली का खेल खेलते हैं। फसल जब कटने को होती है तो उस समय हीरोइन के साथ अनेक सुन्दर लडकियाँ नाचती और गाती हैं। वे एक ओर नाचती जाती हैं और दूसरी ओर फसल अपने आप कटती जाती है। इसी प्रकार के मनमोहक दृश्यों को देखकर पढ़े-लिखे लोग गाँवों की ओर जाने लगते हैं तथा वे खेतों के चक्कर काटते रहते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि सिनेमा द्वारा खेती की शिक्षा प्राप्त होती है। सच मानो तो खेती करने की सच्ची शिक्षा मुझे सिनेमा से ही मिली थी।

विशेष :

लेखक ने सिनेमाओं को खेती सिखाने का उचित साधन माना है।
भाषा सहज, सरल है।
(4) जैसे खूटे से छूटी हुई घोड़ी भूसे के ढेर पर मुँह मारती है, जैसे धूप में बँधी हुई भैंस तालाब की ओर दौड़ती है, वैसे ही तुम्हारा शहर की ओर जाना बड़ा स्वाभाविक और उचित है।

कठिन शब्दार्थ :
स्वाभाविक = स्वभावगत। सन्दर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग :
लेखक का मत है कि पढ़ा-लिखा व्यक्ति शहर की ओर ही भागता है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि जैसे छूटे से बँधी हुई घोड़ी भूसे के ढेर को देखकर उसी पर टूट पड़ती है और धूप में बँधी हुई भैंस तालाब की ओर भागती है, उसी प्रकार पढ़ा-लिखा व्यक्ति शहर की ओर भागता हुआ दिखाई देता है और उसका यह कार्य स्वाभाविक और उचित ही है।

विशेष :

लेखक ने पढ़े-लिखे व्यक्ति की स्वाभाविक भावना को बताया है।
भाषा सहज और सरल है।


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