MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 13 भगतसिंह के पत्र

MP Board Class 7th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 13 भगतसिंह के पत्र- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 13 भगतसिंह के पत्र

प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए

  1. पूज्य पिताजी = (क) आशीर्वाद
  2. प्रिय भाई = (ख) नमस्कार
  3. साथियों = (ग) सत् श्री अकाल!
  4. प्रिय पुत्र = (घ) चरण स्पर्श
    उत्तर
  5. (घ), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क)

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प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. आपका पत्र पढ़कर बड़ा ………. व आश्चर्य हुआ। (सुख/दुख)
  2. मैं इस स्थान को छोड़कर …………… जा रहा (यत्र/तत्र)
  3. मुझसे अधिक ……………. कौन होगा। (दुर्भाग्यशाली/सौभाग्यशाली)
  4. एक दिन तुम ……………….. को साथ लेकर आए। (माँ जी/पिताजी)
    उत्तर
  5. दुख
  6. यत्र
  7. सौभाग्यशाली
  8. माँ जी।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 13 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए

(क)
भगतसिंह ने किस-किस को पत्र लिखे?
उत्तर
भगतसिंह ने पिताजी, भाई कुलवीर सिंह जी तथा कैदी साथियों को पत्र लिखे।

(ख)
भगतसिंह ने किस बंधन में बंधने से मना किया था?
उत्तर
भगतसिंह ने विवाह के बंधन में बंधने से मना किया था।

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(ग)
जेल में भगतसिंह से मिलने भाई के साथ कौन आया था?
उत्तर
जेल में भगतसिंह से मिलने उसकी माँ मिलने आई।

(घ)
भगतसिंह को किससे बचने का लालच कभी नहीं आया?
उत्तर
भगतसिंह को फाँसी से बचने का लालच कभी नहीं आया।

(ङ)
भगतसिंह ने अपने भाई को पत्र कहाँ से लिखा था?
उत्तर
भगतसिंह ने अपने भाई को जेल से पत्र लिखा।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 13 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में दीजिए

(क)
भगतसिंह किस शर्त पर जिंदा रहना चाहते थे?
उत्तर
भगतसिंह एक शर्त पर जिंदा रह सकते थे कि वे कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहते थे। वे स्वयं को किसी के अधीन नहीं समझते थे।

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(ख)
भगतसिंह क्रांति का प्रतीक कैसे बने?
उत्तर
भगतसिंह दिलेराना ढंग से हंसते-हंसते उसके फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों को भगत सिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद बढ़ जाएगी।

(ग)
भगतसिंह फाँसी के फंदे से क्यों नहीं घबराए?
उत्तर
भगतसिंह फाँसी के फंदे से इसलिए नहीं घबराए क्योंकि वे हजारों सपूतों के लिए प्रेरणा के स्रोत बनने जा रहे हैं। उनके बलिदान से साम्राज्यवाद की नींव कमजोर पड़ने वाली थी।

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(घ)
भगतसिंह बहादुरी से क्यों मरना चाहते थे?
उत्तर
भगतसिंह बाहदुरी से इसलिए मरना चाहते थे क्योंकि उनमें स्वाभिमान कूट-कूट भरा था और वे एक गुलामी भरी जिंदगी को बिल्कुल स्वीकार नहीं कर सकते थे। वे आने
वाले नौजवानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बनना चाहते थे।

(ङ)
भगतसिंह का ‘अंतिम परीक्षा’ से क्या आशय था?
उत्तर
भगतसिंह का अंतिम परीक्षा से आशय बलिदान से था। वह चाहते थे कि वे देश की आजादी के लिए स्वयं को कुर्बान कर दे। इसीलिए उसे बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतजार था।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
मद्धिम, तादाद, घृष्टता, प्रतीक-चिह, ख्याल, साम्राज्यवाद, हरगिज।

उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
कुरबानी, आर्शीवाद, बाबजूद, क्रांती, हिंदूस्तानी, सार्मा
ज्य
उत्तर
शब्द – शुद्ध वर्तनी
कुरबानी = कुर्बानी
आर्शीवाद = आशीर्वाद
बाबजुद = बावजूद
क्रांती = क्रांति
हिंदूस्तानी = हिंदुस्तानी
सार्माज्य = साम्राज्य

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए
कुर्बानी, मुलाकात, हरगिज, आरजू, बेताबी, तादाद

उत्तर
शब्द समानार्थी शब्द
कुर्बानी – त्याग, बलिदान
मुलाकात – गुफ्तगु
हरगिज – बिल्कुल
आरजू – तमन्ना,चाह
बेताबी. – तड़प
तादाद – भीड, अत्यधिक

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
साम्राज्यवाद, धृष्टता, सौभाग्यशाली, हसरत, गर्व,

आरजू,
उत्तर-
शब्द – वाक्य में प्रयोग
साम्राज्यवाद = यूरोप ने अफ्रीका और एशिया में साम्राज्यवाद फैलाया।
धृष्टता = तुम यह धृष्टता कैसे कर सकते हो?
सौभाग्यशाली = भगतसिंह सौभाग्यशाली व्यक्ति थे।
हसरत = यह हसरत रहेगी कि देश के अन्य कार्य नहीं कर सका।
गर्व = हमें भगतसिंह के बलिदान पर गर्व करना चाहिए
आरजू = मेरी भी आरजू है कि मैं भी भगतसिंह जैसा बलिदानी बर्नु।

प्रश्न 8. प्रधानाचार्य को पुस्तकालय से पुस्तकें प्रदान करने हेतु आवेदन

विद्यालय छात्रावास
अरेरा कॉलोनी
प्रधानाचार्य
अरेरा कॉलोनी भोपाल
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं सातवीं कक्षा में पढ़ता हूँ। मेरे पिताजी एक निर्धन व्यक्ति हैं। वे मेरी सभी किताबें खरीदने में असमर्थ हैं। कृपया आप मुझे अपने विद्यालय के पुस्कालय से विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, तथा हिंदी की पुस्तकें निर्गमित करें ताकि मैं अपनी परीक्षाओं की तैयारी भलिभांति कर सकु। आप की अति कृपा होगी।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
कनिष्क बंधु
कक्षा-VII

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पिताजी को पत्र जिसमें पढ़ाई के बारे में जानकारी
पूजनीय पिताजी
चरण स्पर्श,
आशा है आप सकुशल और स्वस्थ होंगे। मैं भी यहाँ | पूर्णतया ठीक हूँ। आपकी आज्ञानुसार मैं पढ़ाई की सूचना दे रहा हूँ। पिछले दो माह से मेरी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी, फिर भी मेंने परिक्षाओं की तैयारी की और अपनी पूरी क्षमता के साथ परिक्षाएं दी। जैसी उम्मीद थी, वैसे तो अंक प्राप्त नहीं किए, किंतु प्रथम श्रेणी तो प्राप्त कर ली। अपनी अगली कक्षा में मैं पूरे विद्यालय में प्रथम आने का प्रयल करूंगा।

आपका आज्ञाकारी पुत्र
प्रवीण

भगतसिंह के पत्र पाठ का परिचय

प्रस्तुत पाठ में लेखक भगतसिंह के कुछ पत्रों का समावेश करता है जिसमें भगतसिंह की देशभक्ति, जागृति तथा चेतना को दर्शाया गया है। प्रथम पत्र में भगतसिंह अपने पिता को जवाब लिखते हुए कहता है कि आश्चर्य की बात है आप मेरी शादी के लिए सोच रहे है। शादी उसकी मंजिल से उसे भटका सकती है। आप अपने बेटे को आशीर्वाद दें। अपने अगले पत्र में भगतसिंह ने अपने भाई कलवीर सिंह जी को लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उसकी मलाकात माँ से नहीं हो सकी, इसका उसको दुख है, लेकिन मिलने से लाभ भी क्या होगा। क्या दो-चार मुलाकातों से तृप्ति मिल सकती है! घबराने का कोई फायदा नहीं। फाँसी से एक दिन पहले अपने साथियों को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि मेरी होने वाली कुर्बानी से मुझे और क्रांतिकारियों का सर ऊँचा उठा देगी। उसे स्वयं पर गर्व है।

भगतसिंह के पत्र संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

  1. आपका पत्र ………. क्षमा करेंगे।

शब्दार्थ- विचलित = अस्थिर; विवश = मजबूर; अन्यत्र = दूसरी जगह; घृष्टता = ढीठता।

संदर्भ-भ्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-13 ‘भगतसिंह के पत्र’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें भगतसिंह ने अपने पिता को पत्र लिखा

व्याख्या-प्रस्तुत अवतरण में भगत सिंह ने पिता के ऊपर हैरानगी जताई है कि वे स्वयं देश-भक्त हैं, तो फिर कैसे उसकी शादी तय कर सकते हैं। उसे विश्वास है कि पिता के आशीर्वाद और भगवान की कृपा से उसे सफलता प्राप्त होगी। मुझे दुःख है, मैं तुम्हारी इच्छा पूरी नहीं कर सकता। लेकिन विवाह का बंधन मेरे सारे कार्यक्रम को नष्ट कर देगा।

विशेष-भावों को पूर्णता के साथ दर्शाया गया है।

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  1. मुझे यह जानकर……………क्या फायदा? (पृ. 72)

शब्दार्थ- तसल्ली = संतुष्टि, धीरत, धैर्यः खयाल = विचार, पाबंदी = रोक, प्रतिबंध, प्रतीक = चिह्न, कुर्बानी = बलिदान, हरगिज = कभी भी।

संदर्भ-पूर्ववत।

प्रसंग-इसमें भगतसिंह ने भाई कुलवीर सिंह को पत्र लिखा।

व्याख्या-भगतसिंह को बड़ी निराशा हुई जब उसकी माँ उससे मिले बिना ही चली गई। भगतसिंह ने भाई को कहा कि वे माँ को साथ लेकर क्यों आए? माँ बहुत घबरा गई होगी। इस घबराहट का कोई फायदा नहीं है। हमें साहस से हालात का मुकाबला करना चाहिए। दुनिया में हजारों व्यक्ति है जो दुखी हैं। मिलने से कोई अंतिम तृप्ति नहीं मिलती। इसलिए वे घबराए नहीं।

विशेष-भगतसिंह के दर्शन को दर्शाया गया है।

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