MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 सिक्के की आत्मकथा

MP Board Class 7th Hindi Book Solutions हिंदी Chapter 7 सिक्के की आत्मकथा NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 सिक्के की आत्मकथा

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
(क) जोड़ी बनाइए

  1. आर्थिक = (क) यात्रा
  2. विश्राम = (ख) समय
  3. प्राचीन = (ग) उन्नति
  4. अनंत = (घ) भवन
    उत्तर
  5. (ग), 2. (घ), 3. (ख), 4. (क)

प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. टकसाल की चहल-पहल मुझे …… वातावरण का अनुभव हुआ। (नवीन/प्राचीन)
  2. कई मशीनों की गड़गड़ाहट वातावरण में ………. लगी। (चुभने गूंजने)
  3. उसरा अनक प्रकार का …………… मिली हुई थी। (धातुएँ/वस्तुएँ)
  4. मनुष्य की ……………. उन्नति के बाद मेरी यात्र की गति बढ़ गई है। (मानसिक/आर्थिक)
    उत्तर
  5. नवीन
  6. गूंजने
  7. धातुएँ
  8. आर्थिक

MP Board Solutions

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए

(क)
सिक्के को पाकर मनुष्य कैसा महूसस करता है?
उत्तर-सिक्के को पाकर मनुष्य आनंद से खिल उठता है।

(ख)
धरती की सतह के अंदर सिक्के का रूप कैसा था?
उत्तर
धरती की सतह के अंदर सिक्का अयस्क के रुप था।

(ग)
टकसाल किसे कहते हैं? .
उत्तर
टकसाल में धातु को पिघलाकर सिक्कों के रुप में ढाला जाता है।

(घ)
सिक्के के विश्राम की जगह कौन-सी है?
उत्तर
प्राचीन समय में सिक्के सोने, चाँदी, ताँबे तथा अन्य धातुओं के मिश्रण से बनते थे।

MP Board Solutions

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्य में दीजिए

(क)
धरती की सतह से टकसाल तक सिक्के की यात्रा कैसी थी?
उत्तर
जमीन की सतह के नीचे धातु अयस्के के रुप में पाई जाती है। खोजकर्ता अपनी रोशनीयुक्त टोपी पहने उन अयस्कों के टुकड़े-टुकड़े किए तथा अपनी प्रयोगशाला में मशीनों द्वारा पीटा। भट्ठियों में डालकर इस अशुद्ध धातु को शुद्ध किया जाता है। यह धातु टकसाल में जाकर फिर से गर्म की जाती है तथा सिक्कों के रुप में ढाली जाती है।

(ख)
स्वतंत्रता के पश्चात् सिक्के के रूप में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर
आजादी के बाद के वातावरण में सिक्कों का मान बढ़ा। इसके एक ओर अशोक चिह तथा दूसरी ओर इसका मूल्य व जन्म वर्ष अंकित किया गया। वास्तव में सिक्का समाज के प्रत्येक वर्ग के पास रहकर समाज में सबको समान सेवाएं दे रहा है इसीलिए सब लोग मेरा आदर करते हैं।

(ग)
अल्पबचत की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर
भविष्य में होने वाली आर्थिक कठिनाइयों का अंदाजा लगावा मुश्किल है, इसलिए हमें अपनी वर्तमान आय का एक हिस्सा गुल्लक में रखना चाहिए अर्थात अल्पबचत करनी चाहिए ताकि भावी आर्थिक संकट का मुकाबला कर सके।

(घ)
कागज के नोट की तुलना में सिक्का अधिक समय तक अपनी सेवाएँ क्यों देता है?
उत्तर
कागज के नोट की तुलना में सिक्का अधिक समय तक अपनी सेवाएँ इसलिए देता है क्योंकि सिक्का धातु का बनता और धातु कागज की तुलना में अधिक उपयोगी है। इसीलिए सिक्के का अस्तित्व अभी तक बना हुआ है।

(ङ)
सक्कों की कमी क्यों हो जाती है?
उत्तर
सिक्कों की गति के साथ-साथ मुद्रा की अन्य विधियों का चलन बढ़ा है। सिक्कों की इस गति के कारण तथा टकसाल में और अधिक सिक्कों के न बनने से इसकी कमी कभी-कभी समस्या बन जाती है।

MP Board Solutions

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
गड़गड़ाहट, अयस्क, प्रजातंत्र, अस्तित्व

उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
चिन्ह, अत्यधिक, जनम, कष्ट, मनुश्य

उत्तर
अशुद्ध वर्तनी – शुद्ध वर्तनी
चिन्ह – चिह
अत्याधिक – अत्यधिक
जनम – जन्म
कष्ट – कष्ट
मनुश्य – मनुष्य

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द कीजिए
नवीन, सम्मान, कैद, अपना, भारी,

उत्तर
शब्द
विलोम नवीन = प्राचीन सम्मान = अपमान कैद = आजाद अपना = पराया भारी = हल्का

MP Board Solutions

सिक्के की आत्मकथा पाठ का परिचय प्रस्तुत

  1. पाठ में लेखक ने सिक्के के महत्त्व को बड़ी सुगमता से दर्शाया है। सिक्के के प्रारंभिक रूप धातु से लेकर उसके सिक्के के रुप में ढलने की प्रक्रिया बताई गई है। प्रारंभ में सिक्कों में कई धातुओं का मिश्रण होता था। सिक्कों की विश्वसनीयता और पहचान के लिए प्राचीन समय से ही राजाओं ने इसके एक और अपने राज्य की मुद्रा तथा दूसरी ओर मुल्य अंकित कर ढाला। सोने, चाँदी तथा ताँबे के सबसे अधिक सिक्के बने। एक राजा ने अपनी पहचान चमड़े के रूप में चलाकर अर्जित की। आजादी के बाद सिक्के के एक ओर अशोक चिह्न तथा दूसरी ओर मूल्य व जन्म वर्ष अंकित किया गया। आज विनिमय, बचत, बैंकिग तथा अन्य कई सुविधाओं से लोग ओतप्रोत हैं। इस तरह सिक्कों का महत्त्व सदियों तक चलता रहेगा।

सिक्के की आत्मकथा संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

  1. मैं पहले इस …. बाहर ले आए।

शब्दार्थ-मनमोहक = मन को लुभाने वाला; अयस्क = कच्ची धातुः पदचाप = पैरों की आवाज।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-7 ‘सिक्के की आत्मकथा’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें धातु को अयस्क के रुप में निकाला जाता है।

व्याख्या-धातु सदियों से धरती की सतह में अयस्क के रुप में विद्यमान थी। इसका कोई प्रत्यक्ष रुप नहीं था। किंतु खोजकर्ताओं और उनकी वेशभूषा सर्वथा भिन्न थी। उनकी टोपी पर से प्रकाश चमक रहा था। . विशेष-अयस्क की पहचान की चर्चा की गई है।

MP Board Solutions

  1. मुझमें अनेक………चलाकर अर्जित की।। (पृ. 36)

शब्दार्थ – धधकती = तेजी से जलती; टकसाल = सिक्के ढालने का स्थान; अत्यधिक = बहुत अधिक;
वैभव = ऐश्वर्य; अर्जित = हासिल करना।

संदर्भ – पूर्ववत्। प्रंसग-इमसें अयस्क से धातु अलग करने के बारे में बताया गया है।

व्याख्या-जब अयस्क को देखा गया तो पता चला कि उसमें कई अशुद्धियाँ मिली है अतः अशुद्ध धातु को भट्टी में झोंका गया तथा उसे शुद्ध किया और टकसाल |पहुँचाया गया। टकसाल में धातु को दोबारा गर्म किया गया और वह पिघल गई। इस तरल को गोल-मोल सांचों में डाल दिया गया तथा अनेक सिक्के बना लिए गए। सिक्कों की पहचान के लिए प्राचीन समय से ही राजाओं ने इसके एक ओर अपने राज्य की मुद्रा तथा दूसरी ओरा इसका मूल्य अंकित कर ढाला! एक राजा ने तो अपनी पहचान चमड़े के रुप में मुझे चलाकर अर्जित की।

विशेष – इसमें धातु को सिक्के में बदलने तक को दर्शाया गया है।

Leave a Comment