Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 11 समानता के लिए संघर्ष

Bihar Board Class 7th Social Science Book Solutions सामाजिक विज्ञान Chapter 11 समानता के लिए संघर्ष NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 11 समानता के लिए संघर्ष

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
मछुआरे किन बातों से परेशान थे? उन्होंने इसके लिए क्या किया?
उत्तर-
दबंगों और जमींदारों द्वारा मछुआरों का शोषण किया जा रहा था। उनसे मछली मारने के बदले पैसे लिए जाते थे। फिर सरकार द्वारा फरक्का नामक स्थान पर गंगा नदी पर बाँध दिया गया। समुद्र से गंगा नदी में मछलियों एवं जीरे का बहाव आना बंद हो गया। फलस्वरूप गंगा नदी में मछलियों की कमी हो गयी । गंगा में दोनों तरफ फैक्ट्रियाँ लग जाने से उनसे निकलने वाले कचरे से गंगा और भी प्रदूषित होने लगी। प्रदूषण की वजह से मछलियाँ मरने लगी और उनकी प्रजनन क्षमता भी कम होने लगी।

इन वजहों से मछुआरों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गयी और इन्हीं कारणों से मछुआरे परेशान थे। इसके लिए इन्होंने 1982 में कहलगाँव के कागजी टोला से संघर्ष का ऐलान किया । लम्बी नौका यात्रा, नशाबन्दी शिविर, धरना प्रदर्शन, महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के प्रयास किए । जाति प्रथा तोड़ने, शराबखोरी बंद करने, जलकर की समाप्ति, महिलाओं को बराबर का हक आदि उनके प्रमुख संकल्प थे।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 11 समानता के लिए संघर्ष
प्रश्न 2.
क्या कुछ समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं ? इनके हल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
हाँ, कुछ समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं। जैसे – असमानता की भावना, जात-पात की भावना, महिलाओं और पुरुषों के बीच असमानता की भावना आदि 1 आज भी हमारे समाज में जाति को लेकर बहुत भेद-भाव होता है। उच्च जातियों द्वारा निम्न जाति के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। दलितों के साथ छुआ-छूत का व्यवहार किया जाता है।

अपने घर के नौकरों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। आज भी कई जगह लड़कियों को शिक्षित नहीं किया जाता है। महिलाओं और पुरुषों को समान नजरों से नहीं देखा जाता है, जबकि आज के दौर में महिलाएँ हर जगह पुरुषों के कधों से कंधा मिलाकर काम करती है। । इन सभी समस्याओं के विरोध में हमें आवाज उठानी चाहिए।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय या आस-पास में समानता तथा असमानता दर्शाते दो-तीन व्यवहारों को लिखें।
उत्तर-
समान दर्शाने वाले व्यवहार-

मतदान।
विभिन्न जातियों के बच्चों का एक ही स्कल में पढ़ना।
अलग-अलग संप्रदायों के लोगों का मिलकर रहना और काम करना।
असमानता दर्शाने वाले व्यवहार-

दलितों के साथ होने वाला छुआ-छूत का व्यवहार ।
किसी नौकरी के आवेदन में किसी खास वर्ग को प्राथमिकता देना ।
किसी खास वर्ग के लिए आरक्षण की मांग करना।
Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 11 समानता के लिए संघर्ष
प्रश्न 2.
क्या साइकिल वितरण, पोशाक वितरण, मध्याह्न भोजन वितरण, छात्रवृति वितरण के समय असमान व्यवहार का भाव झलकता है?
उत्तर-
नहीं, साइकिल वितरण, पोशाक वितरण, मध्याह्न भोजन वितरण, छात्रवृत्ति वितरण के समय असमान व्यवहार का भाव नहीं झलकता है। इन सभी कार्यों के वक्त जैसे साइकिल देते, पोशाक देते वक्त छात्रों के जाति या रूप-रंग, अमीरी-गरीबी आदि को नहीं देखा जाता है। सभी छात्रों को एक समान की साइकिल और पोशाकें दी जाती हैं।

मध्याह्न भोजन के दौरान भी जात-पात के आधार पर अलग-अलग बैठाकर भोजन नहीं करवाया जाता है बल्कि सभी संप्रदाय के बच्चों को एक साथ, एक जगह बिठाकर एक ही तरह का भोजन कराया जाता है। भोजन बनाने वाला भी उच्च जाति का हो ये आवश्यक नहीं है। छात्रवृत्ति देने के दौरान भी जाति को नहीं देखा जाता है।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 11 समानता के लिए संघर्ष
प्रश्न 3.
अपने इलाके के संदर्भ में कुछ संघर्ष के मुद्दों को बताएँ।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

प्रश्न 4.
अपने क्षेत्र के कुछ प्रदर्शनों/आन्दोलनों में से किसी एक की चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र इसे स्वयं करें।

Bihar Board Class 7 Social Science समानता के लिए संघर्ष Notes
पाठ का सार संक्षेप

इस पुस्तक के सभी पाठ में हमने समानता के लिए होते संघर्षों के बारे में पढ़ा । यहाँ हमारे सामने एक बात आई कि हम सभी समान पाने की इच्छा रखते हैं यानि समानता की उम्मीद करते हैं। पर हमें किसी-न-किसी रूप में असमानता दिख ही जाती है। हमें कई बार अपनी उम्मीदों से निराश भी होना पडता है। परंतु इस निराशा के बावजूद भी लोग न्याय के लिए संघर्ष करना नहीं छोड़ते और समानता की इच्छा बनाए रखते हैं। इसका सबसे सही उदाहरण है गंगा बचाओ आंदोलन जहाँ मछुआरे ने अपने कठिनाइयों से भरे जीवन को संघर्ष के बदौलत खुशियों से भर दिया।

बिहार के लिए गंगा जीवनदायिनी है। बिहार में ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है जो गंगा आधारित सिंचाई, यातायात तथा मछली व्यवसाय से अपना जीवन-यापन करते हैं। इस वजह से यहाँ के दबंगों और जमींदारों की नजरें गंमा पर गयी। वे लोग मछली मारने वाले मछुआरों, नाव चलाने वाले मल्लाहों आदि से रकम वसूलने का प्रचलन शुरू कर दिया ।

धीरे-धीरे इस व्यवस्था ने ठेकेदारी का रूप धारण कर लिया। मछुआरों ने एक सहकारी समिति का गठन किया । अब पहले की अपेक्षा मछुआरों और मल्लाहों का और अधिक शोषण होने लगा। बड़े मछुआरों ने सहकारी समिति और ठेकेदारों से पट्टे पर घाट एवं नदी के निर्धारित क्षेत्र लिया और फिर वे छोटे मछुआरों और उससे भी छोटे मछुआरों को देने लगे। इस प्रकार मछुआरों और मल्लाहों का शोषण और भी बढ़ने लगा, उन्हें उनकी रोटी छीनती नजर आ रही थी।

Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 11 समानता के लिए संघर्ष
इससे मछुआरों और मल्लाहों के बीच बेचैनी बढ़ने लगी। इसी बीच सरकार द्वारा फरक्का नामक स्थान पर गंगा नदी पर बाँध दिया गया जिससे समुद्र से गंगा में मछलियों एवं जीरे आना बंद हो गया ।

जिसके फलस्वरूप गंगा में मछलियों की कमी होने लगी। इस प्रकार मछुआरों के भूखे मरने की नौबत आ गयी । गंगा के दोनों किनारों पर फैक्ट्रियाँ लगने पर उनसे निकलने वाले कचरे से गंगा और भी प्रदूषित होने लगी। प्रदूषण की वजह से मछलियाँ मरने भी लगीं और उनकी प्रजनन क्षमता भी कम होने लगी। अपने जीने के आधारों को समाप्त होता देख मछुआरों ने अपने हक के लिए 1982 से कहलगाँव के कागजी टोला से संघर्ष का ऐलान किया ।

संघर्ष के लिए उन्होंने जाति प्रथा तोड़ने, शराबखोरी बंद करने, महिलाओं को बराबर का हक आदि का संकल्प लिया। इसके अंतर्गत मछुआरों द्वारा कई संगठनों का गठन किया गया । धरना प्रदर्शन, नशाबंदी शिविर, लंबी-नौका यात्रा तथा महिलाओं के भागीदारी के प्रयास किए गए जिसका सार्थक प्रभाव पड़ा। इस आंदोलन का विस्तार गंगा के दोनों किनारों पर हुआ।

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