MP Board Class 11th English The Spectrum Solutions Chapter 5 The Selfish Giant

MP Board Class 11th English Book Solutions A Voyage, The Spectrum Chapter 5 The Selfish Giant- NCERT पर आधारित Text Book Questions and Answers Notes, pdf, Summary, व्याख्या, वर्णन में बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया गया है.

MP Board Class 11th English The Spectrum Solutions Chapter 5 The Selfish Giant

A Match the words in column A with their meanings in column B :
कॉलम A के शब्दों का कॉलम B में दिए गए अर्थों से मिलान करो।
Answer:
1+3,2+4,3+5,4+ 2,5 + 1.

B. Write down the opposite of the underlined words.
रेखांकित शब्दों के विलोम लिखो।
Answer:

hell
lost
walk fast
happy
Comprehension

A. Answer the following questions in one or two sentences each.
निम्नलिखित प्रश्नों का एक या दो वाक्यों में उत्तर दो।

Question 1.
When did the children play in the Giant’s garden? (2014)
दैत्य के बगीचे में बच्चे किस समय खेलते थे।
Answer:
The children played in the afternoon after coming from school.
बच्चे दोपहर बाद स्कूल से लौटने पर खेलते थे।

Question 2.
Why did the Giant build a high wall round his garden? (2010, 12, 13)
दैत्य ने अपने बगीचे के चारों ओर ऊँची दीवार क्यों बनाई ?
Answer:
The giant built a high wall round his garden to stop the children from entering it.
दैत्य ने अपने बगीचे के चारों ओर ऊंची दीवार इसलिए बनाई कि बच्चे उसमें प्रवेश न कर सकें।

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Question 3.
Why was the little boy crying? (2009, 15)
छोटा बालक क्यों रो रहा था ?
Answer:
The little boy was crying because he was not able to climb up the tree.
छोटा बालक इसलिए रो रहा था क्योंकि वह पेड़ पर चढ़ने में समर्थ नहीं था।

Question 4.
Why was the Giant angry when he came near the child for the final time?
दैत्य जब अन्तिम बार उस छोटे बालक के समीप आया तो उसे गुस्सा क्यों आया था ?
Answer:
The giant became angry when he saw wounds on the palms and feet of the little boy.
दैत्य को जब बालक की हथेली और पंजों पर जख्म दिखाई दिये तो उसे गुस्सा आया था।

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B. Answer the following questions in two to four sentences each.
निम्न प्रश्नों का दो से चार वाक्यों में उत्तर दीजिए।

Question 1.
Why is the Giant in the story called selfish ? (2008, 14, 16)
कहानी में दैत्य को स्वार्थी क्यों कहा गया है ?
Answer:
The giant is called selfish because he wanted the whole garden to himself. He did not allow the children to play in it. He even built a high wall in order to stop them from entering the garden.

दैत्य को स्वार्थी इसलिए कहा गया है क्योंकि वह पूरा बगीचा अपने लिए चाहता था। वह बच्चों को उसमें नहीं खेलने देता था। यहाँ तक कि उसने बगीचे के चारों ओर एक ऊँची दीवार भी बना दी जिससे बच्चे अन्दर आ सकें।

Question 2.
Why did spring not come to the Giant’s garden? (2008, 09) दैत्य के बगीचे में बसन्त क्यों नहीं आया ?
Answer:
Spring used to come to the giant’s garden when the children used to come and play there. When the children were stopped from coming and playing in the garden spring also decided not to come.

बसन्त बगीचे में उस समय आता था जब बच्चे वहाँ खेलने आया करते थे। जब बच्चों का बगीचे में आना और खेलना बन्द कर दिया गया तो बसन्त ने भी न आने का निर्णय कर लिया।

Question 3.
The Giant saw ‘a most wonderful sight’. Describe what he saw ?
दैत्य ने एक बहुत ही मनोहारी दृश्य देखा। वर्णन करिये कि उसने क्या देखा ?
Answer:
He saw that spring had come to his garden. The trees were in full blossom and there was no trace of snow and hail. He also saw children on every tree.

उसने देखा कि उसके बगीचे में बसन्त आ गया था। पेड़ फूलों से लद गये थे और बर्फ और ओलों का नामोनिशान नहीं था। उसे हर पेड़ पर बच्चे भी बैठे हुए दिखाई दिये।

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Question 4.
Why did the Giant feel sad even when the children came regularly to play in his garden? (2011)
जब बच्चे उसके बगीचे में नियमित रूप से खेलने आने लगे तब भी दैत्य दुखी क्यों रहता था ?
Answer:
The giant felt sad because he could not find the small boy in their group. The giant loved him the most because he had put his small arms round his neck and had kissed him when he first saw him.

दैत्य इसलिए दुखी रहता था क्योंकि उनके बीच उसे वह नन्हा बालक नहीं दिखाई देता था। दैत्य उसे सबसे अधिक प्यार करता था क्योंकि जब दैत्य ने पहली बार उसे देखा था तो उसने दैत्य की गर्दन में अपनी बाँहें डालकर उसे चूम लिया था।

Question 5.
Who was the little boy ? Where did he take the Giant ? Why ? (2009, 15)
वह नन्हा बालक कौन था ? वह दैत्य को कहाँ ले गया ? क्यों ?
Answer:
The little boy was Jesus Christ himself. He took the giant to his garden, the paradise. He took the giant with him because the giant had anged completely. He wasn’t selfish any more and had started loving children and playing with them.

वह नन्हा बालक जीसस क्राइस्ट स्वयं थे। वे उस दैत्य को अपने बगीचे में ले गयेस्वर्ग में। वह दैत्य को अपने साथ इसलिए ले गये क्योंकि दैत्य पूरी तरह से बदल चुका था। वह अब बिलकुल स्वार्थी नहीं था और बच्चों से प्यार करने व उनके साथ खेलने लगा

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C Explain what does the story teller mean by spring has forgotten this garden, the snow and the frost cried, “so we will live here all the year round.” (2009)
कहानीकार इस उक्ति से कि बर्फ और ओलों ने चिल्लाकर कहा कि बसन्त इस बगीचे को भूल गया है, अतः हम यहाँ पूरे साल रहेंगे क्या कहना चाहता है ? समझाइए।
Answer:
He means that when spring will not come to the garden there will be no change in the weather. Summer will not come because it follows – spring and autumn will not come because it follows summer. Hence, winter will remain all the year round. And so there will be snow and hail all the year round.

क्योंकि बसन्त उस बगीचे में नहीं आयेगा तो ऋतु में परिवर्तन भी नहीं होगा। ग्रीष्म ऋतु भी नहीं आयेगी क्योंकि वह तो बसन्त के बाद ही आती है और शरद ऋतु भी नहीं आयेगी क्योंकि वह ग्रीष्म के बाद आती है। अत: वहाँ बर्फ और ओले पूरे साल रहेंगे।

Language Practice

इस खण्ड के मूल प्रश्न व तालिकाएँ अपनी पाठ्य-पुस्तक में से देखिए। यहाँ केवल उनके उत्तर दिए जा रहे हैं।।

A. Apply the correct form of the verbs given in brackets.
कोष्ठक में दी गई क्रिया के उचित रूप भरो।
Answer:

speaks
cooks
work
go
tells
visits
goes
migrate
comes
get.
B.Frame questions using the words given in brackets.
दिए गए शब्दों में प्रश्न बनाओ।
Answer:

How often does Anita watch television ?
How often do you write to your parents ?
What time do you usually have dinner in the evening?
How often does this car breakdown ?
C. Fill in the blanks with the indefinite or continuous form of the present tense of the verbs given in brackets.
कोष्ठक में दी गई क्रियाओं के Present Indefinite या Present Continouns से खाली स्थान करो।
Answer:

rains
speaks, is speaking
is sleeping
is crying
is doing
is running
is repairing
points, wants
wake, have
is cooking.
D. Rearrange the words to make meaningful sentences.
शब्दों को व्यवस्थित करके उचित वाक्य बनाओ।
Answer:

They have left for Indore.
She has come.
They have seen a parrot in the garden.
He has passed in the examination.
You have insulted me.
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E. Change the following sentences according to the instructions given in brackets.
कोष्ठक में दिए गए संकेतों के अनुसार वाक्य परिवर्तित करो।।
Answer:

He has not slept for five hours.
He has not built the bridge for several months.
Have they been playing since 4 o’clock ?
I have been doing my job for three years.
F. Rewrite the following putting the verbs into the present perfect continuous form.
निम्नलिखित में क्रियाओं को Present Perfect Continuous में लिखो।
Answer:

I have been living here since 1948.
I’m afraid you have been looking at the wrong one.
Have you been waiting long for me?
He has been working in the post office for twenty years.
Nobody has come to see us since we have been living in our new house.
The Selfish Giant Summary in Hindi

प्रतिदिन स्कल से आकर बच्चे एक दैत्य के बगीचे में खेला करते थे। वह बगीचा बहत बड़ा और सुन्दर था। उसमें बसन्त में खूब फूल खिलते थे, शरद में पेड़ फलों से लद जाया करते थे और चिड़ियाँ चहचहाती रहती थीं। बच्चे भी वहाँ बहुत खुश रहते थे। उस बगीचे का मालिक एक दैत्य था जो सात साल के लिए अपने नरभक्षी राक्षस मित्र के यहाँ गया था। एक दिन दैत्य वापस आया और बच्चों को बगीचे में खेलता हुआ पाया। इस पर वह बहुत क्रोधित हुआ। मेरा बगीचा मेरा अपना बगीचा है, वह मन ही मन बोला और उसने बगीचे के चारों ओर एक ऊँची दीवार खड़ी कर दी तथा बोर्ड लगा दिया-“अनधिकार प्रवेश करने वालों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।” अब बेचारे बच्चे बहुत दु:खी रहने लगे। उन्हें खेलने के लिए कोई जगह नहीं थी। वे सोचते थे कि दैत्य के आने के पहले वे कितने सुखी थे।

कछ दिनों बाद सारे देश में बसन्त आया, फल खिले. चिड़ियाँ चहचहाने लगी लेकिन उस दैत्य के बगीचे में शीतकाल ही बना रहा। सारे बगीचे में बर्फ जमी रही और ओलों के तूफान आते रहे। उस साल बगीचे में न बर्फ पिघली, न फूल खिले और न चिड़ियाँ चहचहाई। दैत्य सोचने लगा, “बसन्त आने में इतनी देर क्यों हो रही है। शायद कुछ समय बाद मौसम बदलेगा।” लेकिन बसन्त नहीं आया, गरमी का मौसम भी नहीं आया-न बगीचे में फूल खिले न फल लगे।

ऐक दिन अचानक जब दैत्य अपने बिस्तर में पड़ा हुआ कुछ सोच रहा था कि उसे मधुर संगीत सुनाई दिया। एक छोटी-सी चिड़िया उसकी खिड़की के बाहर चहचहा रही थी। तभी उसे लगा कि उत्तर से आने वाली ठण्डी हवा रुक गई है, ओला वृष्टि थम गई है और खिड़की से मधुर-मधुर सुगन्ध आ रही है। दैत्य ने उठकर बाहर देखा-उसके सामने एक बहुत ही सुहावना दृश्य था। दीवार के भीतर बने एक छोटे से छेद से बच्चे बगीचे में आ गये थे। वे पेड़ों की शाखाओं पर चढ़कर बैठे थे। प्रत्येक पेड़ पर बच्चे दिख रहे थे और बच्चों को वापस पाकर पेड़ बहुत खुश थे-उन पर फूल खिल उठे थे, चिड़ियाँ चहचहाने लगी थी और हरी घास में भी फूल प्रस्फुटित हो उठे थे, किन्तु दूर के एक कोने में अभी भी बर्फ जमी थी। उसके नीचे एक नन्हा-सा बालक खड़ा था, वह पेड़ की शाखा तक नहीं पहुँच पा रहा था।

दैत्य इस सबको देखकर चकित था। उसके मन में अचानक विचार आया कि वह कितना स्वार्थी हो गया था। शायद बच्चों का बगीचे में आना बन्द कर देने से बसन्त ने भी वहाँ आने से इन्कार कर दिया था। जब उसकी समझ में यह बात आई तो वह बाहर निकलकर धीरे-धीरे बगीचे में गया। पर यह क्या ? बच्चों ने जैसे ही उसे देखा वे डरकर भाग गये और उनके जाते ही बगीचे में शीतकाल का मौसम लौट आया, किन्तु दूर कोने में वह नन्हा-सा बालक खड़ा रहा क्योंकि आँखों में भरे आँसुओं के कारण वह दैत्य को देख नहीं सका था। दैत्य चुपके-चुपके उसके पीछे पहुंचा और उसे उठाकर धीरे से पेड़ की शाखा पर बिठा दिया।

तभी पेड़ों पर बसन्त आ गया। चिड़ियाँ आकर उसकी शाखों पर बैठ गई और मधुर संगीत सुनाने लग। वह नन्हा-सा बालक भी अत्यधिक प्रसन्न हो उठा। उसने अपनी नन्हीं बर्हि दैत्य के गले में डाल दी और उसे चूम लिया। दूर खड़े बच्चों ने जब यह सब देखा तो उन्हें लगा कि दैत्य वास्तव में उतना दुष्ट नहीं है जितना वे सोचते थे। वे दौड़कर बगीचे में आ गये और उनके साथ ही लौट आया बसन्त भी। तब दैत्य बोला, “बच्चो अब से यह बगीचा तुम्हारा है।” और उसने दीवार गिरा दी। उधर से निकलने वाले लोग हैरत में थे दैत्य बच्चों के साथ खेल रहा था।

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अब प्रतिदिन बच्चे आते, दैत्य के साथ खेलते और शाम को उससे विदा लेकर घर जाते। पर दैत्य को वह नन्हा बालक फिर नहीं दिखा। उसने बच्चों से पूछा तो उसे उत्तर मिला कि न तो उसे जानते हैं न ही उन्होंने उसे कभी देखा है। वर्ष बीतते गये और दैत्य बूढ़ा होकर कमजोर हो गया। अब वह बच्चों के साथ खेल पाने में असमर्थ था। अतः अपनी कुर्सी पर बैठा-बैठा उन्हें खेलता देख प्रसन्न होता रहता था। वह मन में सोचता “मेरे बगीचे में बहुत सुन्दर-सुन्दर फूल हैं पर सबसे सुन्दर फूल तो ये हँसते-खेलते बच्चे हैं।”

एक दिन शीतकाल के समय उसने अपनी खिड़की से बाहर देखा और जो उसने देखा उससे वह स्तब्ध रह गया। बगीचे में दूर एक कोने में फूल खिल रहे थे, फल लटक रहे थे और नीचे एक नन्हा बालक खड़ा था। वह जल्दी से बालक के पास गया और यह देखकर कि उसकी दोनों हथेलियों और पंजों पर कील ठोंकने के घाव और खून है गुस्से से आग-बबूला हो गया। उसने बालक से पूछा कि किसने उसे जख्मी करने की जुर्रत की है, जिसने यह किया है उसे वह मार डालेगा। नन्हें बालक ने उत्तर दिया, “नहीं, वह तो प्रेम के चिह हैं।

” यह सुनकर दैत्य को एक विचित्र से भय का अनुभव हुआ और वह उस बालक के सामने नतमस्तक हो गया। तब वह बालक मुस्कुराया और बोला, “एक दिन तुमने मुझे अपने बगीचे में खेलने दिया था, आज तुम मेरे बगीचे में चलोगे वह स्वर्ग है।” दोपहर बाद जब बच्चे बगीचे में खेलने पहुंचे तो उन्हें वह दैत्य मृत पड़ा हुआ मिला। -ऑस्कर वाइल्ड


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